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Corona vaccination in MP: जानिए मध्य प्रदेश में लोगों को कैसे मिलेगा वैक्सीन का डोज...

कोरोना के कम होते मामलों के बीच और ब्रीटेन से भारत में आए वायरस के नए स्ट्रेन के दौर में देश में बनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की कोरोना वैक्सीन (कोविशील्ड Covishield) के उपयोग को सशर्त मंजूरी मिल मिल गई है. जानें मध्य प्रदेश (Corona vaccination in MP) में लोगों को कैसे मिलेगा वैक्सीन का डोज.

Corona vaccination in MP
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Published : Jan 1, 2021, 7:01 PM IST

भोपाल। भारत सरकार के ड्रग रेगुलेटर के विशेषज्ञ पैनल की महत्वपूर्ण बैठक में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की कोरोना वैक्सीन (कोविशील्ड Covishield) के उपयोग को सशर्त मंजूरी दे दी गई है. विषय विशेषज्ञ पैनल ने एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड द्वारा विकसित टीका- 'कोविशील्ड' को आपात मंजूरी मिलने के बाद देश भर में वैक्सीनेशन की तैयैरियों को लेकर भी चर्चा शुरू हो गई है. वहीं मध्य प्रदेश के वैक्सीनेशन (Corona vaccination in MP) के लिए तैयारियां शुरू हो गई है. जाने मध्य प्रदेश में लोगों को कैसे मिलेगा वैक्सीन का डोज.

भोपाल में होगा वैक्सीनेशन का ट्रायल रन

कोरोना से छुटकारा पाने के लिए वैक्सीनेशन की तैयारियां शुरू हो गई है. भोपाल में शनिवार को तीन स्थानों पर इसका ट्रायल रन किया जाएगा. यह भोपाल के गोविंदपुरा आरोग्य केंद्र, गांधीनगर उप स्वास्थ्य केंद्र और एलएन मेडिकल कॉलेज में किया जाएगा. ट्रायल रन को लेकर अधिकारियों ने जयप्रकाश जिला हॉस्पिटल में इसकी समीक्षा की. अधिकारियों के मुताबिक ट्रायल रन के लिए भोपाल की तीन अलग-अलग छोर के केंद्रों को चुना गया है जिससे वैक्सीनेशन में आने वाली समस्याओं को पहले ही दूर किया जा सके.

e-VIN सिस्टम से मिलेगी मदद

मध्य प्रदेश में भी अक्टूबर महीने से ही वैक्सीन को लेकर तैयारियां शुरू कर दी गईं हैं. प्रदेश में वैक्सीन के संग्रहण और वितरण के लिए e-VIN सिस्टम को अपनाया जाएगा. मध्य प्रदेश में वैक्सीन वितरण सिस्टम पहले से ही काफी मजबूत है. इसे और मजबूत करने की ओर काम किया जा रहा है.

आशा-आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को दी जाएगी ट्रेनिंग

स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक करीब 65 हजार आशा, एएनएम और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को वैक्सीन लगाने की ट्रेनिंग दी जाएगी. जिसकी जिम्मेदारी जिला अधिकारी की होगी. महीने के आखिरी में होने वाली इस छह दिवसीय ट्रेनिंग में कार्यकर्ताओं को टीकाकरण के कई बिंदुओं के आधार पर ट्रेनिंग दी जाएगी.

बढ़ाए जा रहे कोल्ड स्टोरेज

राज्य टीकाकरण कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक प्रदेश में टीकाकरण कार्यक्रम को मजबूत बनाए रखने के लिए गैप एनालिसिस पहले ही किया जा चुका है. प्रदेश में अभी 1200 फोकल प्वाइंट है. इसके अलावा 50 फोकल प्वाइंट को बढ़ाया जाएगा. वैक्सीन का रखरखाव आइसलाइन रेफ्रिजरेटर में होता है. डी-फ्रीजर में आइस पैक जमाते हैं. जिसका इस्तेमाल तब होता है, जब वैक्सीन को फील्ड में ले जाया जाता है. इसके लिए पर्याप्त वैक्सीन कैरियर,कोल्डबॉक्स,स्टोरेज सिस्टम, ट्रांसपोर्ट सिस्टम प्रदेश में पहले से ही उपलब्ध है. इन सभी व्यवस्थाओं की राज्य स्तर पर समीक्षा कर ली गई है.

पहले से संचालित टीकाकरण कार्यक्रम होगा मददगार

मध्यप्रदेश में नवजातों, गर्भवती महिलाओं और बच्चों के टीकाकरण के लिए पहले से ही टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है. eVIN सिस्टम के जरिए पिछले 2 सालों से वैक्सीन का वितरण और उसके भंडारण केंद्र पर नजर रखी जा रही है. जिसके तहत हर साल करीब 19 लाख बच्चों और करीब 22 लाख गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण का लक्ष्य रखा गया है.

सबसे पहले लगेगा हेल्थ वर्कर्स को टीका

डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ कोविड-19 के हाई रिस्क जोन में आते हैं. इसलिए सबसे पहले इन्हें ही कोरोना वैक्सीन लगाई जाएगी. जिसे लेकर तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी है. राज्य टीकाकरण कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक हेल्थ वर्कर्स के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. अब अंतिम चरण की ट्रेनिंग पर विभाग का ध्यान है. प्रदेश में करीब 3 लाख 563 हजार हेल्थ वर्कर्स के रजिस्ट्रेशन का लक्ष्य रखा गया था. जो लगभग पूरा हो गया है.

भोपाल। भारत सरकार के ड्रग रेगुलेटर के विशेषज्ञ पैनल की महत्वपूर्ण बैठक में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की कोरोना वैक्सीन (कोविशील्ड Covishield) के उपयोग को सशर्त मंजूरी दे दी गई है. विषय विशेषज्ञ पैनल ने एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड द्वारा विकसित टीका- 'कोविशील्ड' को आपात मंजूरी मिलने के बाद देश भर में वैक्सीनेशन की तैयैरियों को लेकर भी चर्चा शुरू हो गई है. वहीं मध्य प्रदेश के वैक्सीनेशन (Corona vaccination in MP) के लिए तैयारियां शुरू हो गई है. जाने मध्य प्रदेश में लोगों को कैसे मिलेगा वैक्सीन का डोज.

भोपाल में होगा वैक्सीनेशन का ट्रायल रन

कोरोना से छुटकारा पाने के लिए वैक्सीनेशन की तैयारियां शुरू हो गई है. भोपाल में शनिवार को तीन स्थानों पर इसका ट्रायल रन किया जाएगा. यह भोपाल के गोविंदपुरा आरोग्य केंद्र, गांधीनगर उप स्वास्थ्य केंद्र और एलएन मेडिकल कॉलेज में किया जाएगा. ट्रायल रन को लेकर अधिकारियों ने जयप्रकाश जिला हॉस्पिटल में इसकी समीक्षा की. अधिकारियों के मुताबिक ट्रायल रन के लिए भोपाल की तीन अलग-अलग छोर के केंद्रों को चुना गया है जिससे वैक्सीनेशन में आने वाली समस्याओं को पहले ही दूर किया जा सके.

e-VIN सिस्टम से मिलेगी मदद

मध्य प्रदेश में भी अक्टूबर महीने से ही वैक्सीन को लेकर तैयारियां शुरू कर दी गईं हैं. प्रदेश में वैक्सीन के संग्रहण और वितरण के लिए e-VIN सिस्टम को अपनाया जाएगा. मध्य प्रदेश में वैक्सीन वितरण सिस्टम पहले से ही काफी मजबूत है. इसे और मजबूत करने की ओर काम किया जा रहा है.

आशा-आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को दी जाएगी ट्रेनिंग

स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक करीब 65 हजार आशा, एएनएम और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को वैक्सीन लगाने की ट्रेनिंग दी जाएगी. जिसकी जिम्मेदारी जिला अधिकारी की होगी. महीने के आखिरी में होने वाली इस छह दिवसीय ट्रेनिंग में कार्यकर्ताओं को टीकाकरण के कई बिंदुओं के आधार पर ट्रेनिंग दी जाएगी.

बढ़ाए जा रहे कोल्ड स्टोरेज

राज्य टीकाकरण कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक प्रदेश में टीकाकरण कार्यक्रम को मजबूत बनाए रखने के लिए गैप एनालिसिस पहले ही किया जा चुका है. प्रदेश में अभी 1200 फोकल प्वाइंट है. इसके अलावा 50 फोकल प्वाइंट को बढ़ाया जाएगा. वैक्सीन का रखरखाव आइसलाइन रेफ्रिजरेटर में होता है. डी-फ्रीजर में आइस पैक जमाते हैं. जिसका इस्तेमाल तब होता है, जब वैक्सीन को फील्ड में ले जाया जाता है. इसके लिए पर्याप्त वैक्सीन कैरियर,कोल्डबॉक्स,स्टोरेज सिस्टम, ट्रांसपोर्ट सिस्टम प्रदेश में पहले से ही उपलब्ध है. इन सभी व्यवस्थाओं की राज्य स्तर पर समीक्षा कर ली गई है.

पहले से संचालित टीकाकरण कार्यक्रम होगा मददगार

मध्यप्रदेश में नवजातों, गर्भवती महिलाओं और बच्चों के टीकाकरण के लिए पहले से ही टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है. eVIN सिस्टम के जरिए पिछले 2 सालों से वैक्सीन का वितरण और उसके भंडारण केंद्र पर नजर रखी जा रही है. जिसके तहत हर साल करीब 19 लाख बच्चों और करीब 22 लाख गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण का लक्ष्य रखा गया है.

सबसे पहले लगेगा हेल्थ वर्कर्स को टीका

डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ कोविड-19 के हाई रिस्क जोन में आते हैं. इसलिए सबसे पहले इन्हें ही कोरोना वैक्सीन लगाई जाएगी. जिसे लेकर तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी है. राज्य टीकाकरण कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक हेल्थ वर्कर्स के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. अब अंतिम चरण की ट्रेनिंग पर विभाग का ध्यान है. प्रदेश में करीब 3 लाख 563 हजार हेल्थ वर्कर्स के रजिस्ट्रेशन का लक्ष्य रखा गया था. जो लगभग पूरा हो गया है.

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