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POLL CASH CASE: चुनाव आयोग में हाजिर होंगे MP के अधिकारी, EC ने किया था तलब - मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस

पोल कैस केस (Poll cash case) में मंगलवार को मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस और गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव राजेश राजौरा की चुनाव आयोग के सामने हाजिरी होगी.

Election Commission
चुनाव आयोग
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Published : Jan 4, 2021, 9:31 PM IST

Updated : Jan 4, 2021, 10:17 PM IST

भोपाल। तत्कालीन कमलनाथ सरकार और लोकसभा चुनाव के दौरान काले धन के लेनदेन मामले में (Poll cash case) कल मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस और गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव राजेश राजौरा की चुनाव आयोग के साथ बैठक होगी. बैठक में अधिकारियों को चुनाव आयोग से बताना होगा कि पोल कैश मामले में अब तक क्या कार्रवाई की गई है.

सुबह 11 बजे दिल्ली में होंगे हाजिर

चुनाव आयोग के अधिकारियों के साथ मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव और अपर मुख्य सचिव की बैठक संभवत सुबह 11 बजे होगी. इस बैठक में केवल पोल कैस केस (Poll cash case) में ही चर्चा होगी. क्योंकि इससे पहले चुनाव आयोग ने दोनों अधिकारियों को तलब करते हुए साफ तौर पर कहा था कि, वह इस तैयारी के साथ आए. यह बताएं कि अब तक क्या-क्या किया, क्या करने वाले हैं और आगे कर्रवाई की जाएगी. वहीं आयकर छापों के मामले में क्या क्या कार्रवाई करनी है इसका भी प्लान लेकर बैठक में आए.

बैठक से पहले ही ईओडब्ल्यू ने की प्राथमिकी दर्ज

पोल कैश मामले में ईओडब्ल्यू की टीम चार पुलिस अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिक जांच दर्ज कर चुकी है. माना जा रहा है कि यह प्राथमिकी जांच इसलिए दर्ज की गई है कि बैठक में मुख्य सचिव इस मामले की कार्रवाई को लेकर अपना पक्ष रख सके. हाला की प्राथमिकी दर्ज होने के बाद भी अब तक इस मामले में कोई भी कार्रवाई आगे नहीं बढ़ी है.

माना जा रहा था कि 5 जनवरी को दिल्ली में होने वाली बैठक के बाद ही इस मामले में आगे कोई कार्रवाई होगी लेकिन इससे पहले ही ईओडब्ल्यू ने मामले में प्राथमिक जांच दर्ज कर ली है

16 दिसम्बर को मिली थी चुनाव आयोग की चिट्ठी

लोकसभा चुनाव के दौरान काले धन के लेनदेन के मामले में सबसे पहले 16 दिसंबर को राज्य सरकार को चुनाव आयोग की चिट्ठी मिली थी. इसके करीब 9 दिन बाद ही चुनाव आयोग ने मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस को यह कहते हुए तलब किया था कि अब तक इस मामले में क्या कार्रवाई की गई है. हालांकि चुनाव आयोग की इस चिट्ठी और सीबीडीटी की रिपोर्ट के तथ्यों पर मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भी अवगत करा चुके थे.

यह है पूरा मामला

मध्यप्रदेश में तत्कालीन कमलनाथ सरकार के दौरान लोकसभा चुनाव के वक्त दिल्ली आयकर विभाग की टीम ने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के करीबी आरके मिगलानी प्रवीण कक्कड़ और भांजे रतुल पुरी समेत एक कारोबारी अश्विन शर्मा के 52 ठिकानों पर छापामार कार्रवाई की थी. इस दौरान आयकर विभाग की टीम ने इन ठिकानों से बड़ी संख्या में दस्तावेज कंप्यूटर और फाइलें जब्त की थी. इसके अलावा करोड़ों रुपए कैश भी बरामद किए गए थे.

आयकर विभाग की शीर्ष संस्था ने इन पूरे दस्तावेजों की जांच की तो काले धन के लेन-देन के पुख्ता सबूत आयकर विभाग के हाथ लगे जिसके बाद आयकर विभाग ने एक विस्तृत रिपोर्ट केंद्रीय चुनाव आयोग को सौंपी जिस पर चुनाव आयोग ने ईओडब्ल्यू को इस मामले में प्राथमिक की जांच दर्ज करने के आदेश दिए.

भोपाल। तत्कालीन कमलनाथ सरकार और लोकसभा चुनाव के दौरान काले धन के लेनदेन मामले में (Poll cash case) कल मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस और गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव राजेश राजौरा की चुनाव आयोग के साथ बैठक होगी. बैठक में अधिकारियों को चुनाव आयोग से बताना होगा कि पोल कैश मामले में अब तक क्या कार्रवाई की गई है.

सुबह 11 बजे दिल्ली में होंगे हाजिर

चुनाव आयोग के अधिकारियों के साथ मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव और अपर मुख्य सचिव की बैठक संभवत सुबह 11 बजे होगी. इस बैठक में केवल पोल कैस केस (Poll cash case) में ही चर्चा होगी. क्योंकि इससे पहले चुनाव आयोग ने दोनों अधिकारियों को तलब करते हुए साफ तौर पर कहा था कि, वह इस तैयारी के साथ आए. यह बताएं कि अब तक क्या-क्या किया, क्या करने वाले हैं और आगे कर्रवाई की जाएगी. वहीं आयकर छापों के मामले में क्या क्या कार्रवाई करनी है इसका भी प्लान लेकर बैठक में आए.

बैठक से पहले ही ईओडब्ल्यू ने की प्राथमिकी दर्ज

पोल कैश मामले में ईओडब्ल्यू की टीम चार पुलिस अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिक जांच दर्ज कर चुकी है. माना जा रहा है कि यह प्राथमिकी जांच इसलिए दर्ज की गई है कि बैठक में मुख्य सचिव इस मामले की कार्रवाई को लेकर अपना पक्ष रख सके. हाला की प्राथमिकी दर्ज होने के बाद भी अब तक इस मामले में कोई भी कार्रवाई आगे नहीं बढ़ी है.

माना जा रहा था कि 5 जनवरी को दिल्ली में होने वाली बैठक के बाद ही इस मामले में आगे कोई कार्रवाई होगी लेकिन इससे पहले ही ईओडब्ल्यू ने मामले में प्राथमिक जांच दर्ज कर ली है

16 दिसम्बर को मिली थी चुनाव आयोग की चिट्ठी

लोकसभा चुनाव के दौरान काले धन के लेनदेन के मामले में सबसे पहले 16 दिसंबर को राज्य सरकार को चुनाव आयोग की चिट्ठी मिली थी. इसके करीब 9 दिन बाद ही चुनाव आयोग ने मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस को यह कहते हुए तलब किया था कि अब तक इस मामले में क्या कार्रवाई की गई है. हालांकि चुनाव आयोग की इस चिट्ठी और सीबीडीटी की रिपोर्ट के तथ्यों पर मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भी अवगत करा चुके थे.

यह है पूरा मामला

मध्यप्रदेश में तत्कालीन कमलनाथ सरकार के दौरान लोकसभा चुनाव के वक्त दिल्ली आयकर विभाग की टीम ने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के करीबी आरके मिगलानी प्रवीण कक्कड़ और भांजे रतुल पुरी समेत एक कारोबारी अश्विन शर्मा के 52 ठिकानों पर छापामार कार्रवाई की थी. इस दौरान आयकर विभाग की टीम ने इन ठिकानों से बड़ी संख्या में दस्तावेज कंप्यूटर और फाइलें जब्त की थी. इसके अलावा करोड़ों रुपए कैश भी बरामद किए गए थे.

आयकर विभाग की शीर्ष संस्था ने इन पूरे दस्तावेजों की जांच की तो काले धन के लेन-देन के पुख्ता सबूत आयकर विभाग के हाथ लगे जिसके बाद आयकर विभाग ने एक विस्तृत रिपोर्ट केंद्रीय चुनाव आयोग को सौंपी जिस पर चुनाव आयोग ने ईओडब्ल्यू को इस मामले में प्राथमिक की जांच दर्ज करने के आदेश दिए.

Last Updated : Jan 4, 2021, 10:17 PM IST
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