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राम मंदिर पर फैसले के बाद एमपी में राम वन पथ गमन पर सियासत जारी

प्रदेश में अब राम वन पथ गमन को लेकर सियासत शुरू हो गई है. मध्यप्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष रामनिवास रावत का कहना है कि यहां की सरकार का अधिकार क्षेत्र मध्यप्रदेश है. जो आज सवाल खड़े कर रहे हैं, उन्होंने राम का नाम लिया, लेकिन कभी राम वन पथ गमन की बात नहीं की.

मध्यप्रदेश में राम वन पथ गमन पर शुरु हुई सियासत
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Published : Nov 17, 2019, 7:47 PM IST

Updated : Nov 17, 2019, 7:58 PM IST

भोपाल। अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट ने भले ही फैसला सुना दिया हो, लेकिन राम नाम पर सियासत अब भी जारी है. वहीं दूसरी तरफ प्रदेश में अब राम वन पथ गमन को लेकर सियासत शुरू हो गई है. बीजेपी के राज में शिवराज सिंह ने 2007 में राम वन पथ गमन बनाने का ऐलान किया था, लेकिन 2018 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने इस मुद्दे को लपक कर अपने वचन पत्र में इसे बनाने का वचन दे डाला. कांग्रेस ने सरकार बनते ही राम वन पथ गमन की प्रक्रिया शुरू कर दी. हालांकि अभी निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ है. इसलिए विपक्ष सवाल खड़े कर रहा है कि सिर्फ मध्यप्रदेश में राम वन पथ गमन बनाने से क्या होगा.

मध्यप्रदेश में राम वन पथ गमन पर शुरु हुई सियासत

राम नाम पर सियासत तेज
बीजेपी जहां राम वन पथ गमन का काम शुरू ना होने पर सवाल खड़े कर रही है. वहीं नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव कह चुके हैं कि राम वन पथ गमन को सिर्फ मध्यप्रदेश में बनाने से कोई फायदा नहीं होने वाला है. इसे पूरे देश के उन इलाकों में भी बनाना चाहिए जहां से भगवान श्री राम वनवास के दौरान गुजरे थे. वहीं कांग्रेस का कहना है कि हमारा अधिकार क्षेत्र मध्यप्रदेश है और हम मध्यप्रदेश में राम वन पथ गमन बनाएंगे और इसके लिए हम संकल्पबद्ध हैं.


प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष रामनिवास रावत का कहना है कि यहां की सरकार का अधिकार क्षेत्र मध्यप्रदेश है. जो आज सवाल खड़े कर रहे हैं, उन्होंने राम का नाम लिया, लेकिन कभी राम वन पथ गमन की बात नहीं की. केवल राम के नाम पर राजनीति की है, कभी काम की बात नहीं की.

भोपाल। अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट ने भले ही फैसला सुना दिया हो, लेकिन राम नाम पर सियासत अब भी जारी है. वहीं दूसरी तरफ प्रदेश में अब राम वन पथ गमन को लेकर सियासत शुरू हो गई है. बीजेपी के राज में शिवराज सिंह ने 2007 में राम वन पथ गमन बनाने का ऐलान किया था, लेकिन 2018 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने इस मुद्दे को लपक कर अपने वचन पत्र में इसे बनाने का वचन दे डाला. कांग्रेस ने सरकार बनते ही राम वन पथ गमन की प्रक्रिया शुरू कर दी. हालांकि अभी निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ है. इसलिए विपक्ष सवाल खड़े कर रहा है कि सिर्फ मध्यप्रदेश में राम वन पथ गमन बनाने से क्या होगा.

मध्यप्रदेश में राम वन पथ गमन पर शुरु हुई सियासत

राम नाम पर सियासत तेज
बीजेपी जहां राम वन पथ गमन का काम शुरू ना होने पर सवाल खड़े कर रही है. वहीं नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव कह चुके हैं कि राम वन पथ गमन को सिर्फ मध्यप्रदेश में बनाने से कोई फायदा नहीं होने वाला है. इसे पूरे देश के उन इलाकों में भी बनाना चाहिए जहां से भगवान श्री राम वनवास के दौरान गुजरे थे. वहीं कांग्रेस का कहना है कि हमारा अधिकार क्षेत्र मध्यप्रदेश है और हम मध्यप्रदेश में राम वन पथ गमन बनाएंगे और इसके लिए हम संकल्पबद्ध हैं.


प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष रामनिवास रावत का कहना है कि यहां की सरकार का अधिकार क्षेत्र मध्यप्रदेश है. जो आज सवाल खड़े कर रहे हैं, उन्होंने राम का नाम लिया, लेकिन कभी राम वन पथ गमन की बात नहीं की. केवल राम के नाम पर राजनीति की है, कभी काम की बात नहीं की.

Intro:भोपाल। अयोध्या के राम मंदिर को लेकर सर्वोच्च न्यायालय ने भले ही अपना फैसला दे दिया हो लेकिन राम नाम पर सियासत अब भी जारी है। वहीं दूसरी तरफ मप्र में अब राम वन गमन पथ को लेकर सियासत शुरू हो गई है। दरअसल भाजपा के राज में शिवराज सिंह ने 2007 में राम वन गमन पथ बनाने का ऐलान किया था। लेकिन दूसरी घोषणाओं की तरह शिवराज इस घोषणा को भी भूल गए और 2018 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने इसे मुद्दे की तरह लपक कर अपने वचन पत्र में वचन दे डाला और सरकार बनते ही राम वन गमन पथ की प्रक्रिया शुरू कर दी। हालांकि अभी निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ है। इसलिए विपक्ष सवाल खड़े कर रहा है कि सिर्फ मध्यप्रदेश में रामवनगमनपथ बनाने से क्या होगा।


Body:दरअसल शिवराज सिंह ने 2007 में मध्यप्रदेश के जिन इलाकों से भगवान श्रीराम गुजरे थे। उन इलाकों में राम वन गमन पथ बनाने का ऐलान किया था। इस घोषणा के बाद सरकार ने प्रस्ताव और योजना बनाने के लिए एक करोड़ की राशि का आवंटन तो किया, लेकिन फिर सरकार भूल गई। ठीक 11 साल बाद जब 2018 में विधानसभा चुनाव हुए। तो कांग्रेस को शिवराज सिंह की इस घोषणा की जानकारी मिली और पता चला कि इस घोषणा का भी हाल उसी तरह है,जैसा शिवराज सिंह की कई सारी घोषणाओं का हाल है। विधानसभा चुनाव के समय कांग्रेस ने इस मुद्दे को भुनाने के लिए बाकायदा राम के नाम की एक यात्रा निकाली और अपने वचन पत्र में राम वन गमन पथ बनाने का वादा किया। सरकार बनते ही कमलनाथ सरकार ने करीब 100 करोड रुपए का प्रावधान करने का भी ऐलान किया और प्रक्रिया शुरू कर दी। लेकिन राम मंदिर पर फैसला आने के बाद एक बार फिर से सियासत शुरू हो गई है। मध्यप्रदेश बीजेपी जहां अभी तक राम वन गमन पथ का काम शुरू ना होने पर सवाल खड़ी कर रही है। वहीं नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव कह चुके हैं कि राम वन गमन पथ को सिर्फ मध्यप्रदेश में बनाने से कोई फायदा नहीं होने वाला है। इसे पूरे देश के उन इलाकों में भी बनाना चाहिए जहां से भगवान श्री राम वनवास के दौरान गुजरे थे। गोपाल भार्गव के बयान के बाद कांग्रेस का कहना है कि हमारा अधिकार क्षेत्र मध्य प्रदेश है और हम मध्य प्रदेश में राम वन गमन पथ बनाएंगे और इसके लिए हम संकल्प बद्ध हैं।


Conclusion:मध्यप्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष रामनिवास रावत का कहना है कि यहां की सरकार का अधिकार क्षेत्र मध्यप्रदेश है। जो आज सवाल खड़े कर रहे हैं। उन्होंने राम का नाम लिया, लेकिन कभी राम वन गमन पथ की बात नहीं की। केवल राम के नाम पर राजनीति करी। कभी काम की बात नहीं की। कांग्रेस की सरकार जहां-जहां मध्य प्रदेश से भगवान राम गुजरे हैं।वहां वहां राम वन गमन पथ बनाने के लिए संकल्प बद्ध और वचन बद्ध है।हमने वचन पत्र में वादा किया था और प्रक्रिया भी शुरू कर दी है।
Last Updated : Nov 17, 2019, 7:58 PM IST
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