भोपाल। अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट ने भले ही फैसला सुना दिया हो, लेकिन राम नाम पर सियासत अब भी जारी है. वहीं दूसरी तरफ प्रदेश में अब राम वन पथ गमन को लेकर सियासत शुरू हो गई है. बीजेपी के राज में शिवराज सिंह ने 2007 में राम वन पथ गमन बनाने का ऐलान किया था, लेकिन 2018 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने इस मुद्दे को लपक कर अपने वचन पत्र में इसे बनाने का वचन दे डाला. कांग्रेस ने सरकार बनते ही राम वन पथ गमन की प्रक्रिया शुरू कर दी. हालांकि अभी निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ है. इसलिए विपक्ष सवाल खड़े कर रहा है कि सिर्फ मध्यप्रदेश में राम वन पथ गमन बनाने से क्या होगा.
राम नाम पर सियासत तेज
बीजेपी जहां राम वन पथ गमन का काम शुरू ना होने पर सवाल खड़े कर रही है. वहीं नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव कह चुके हैं कि राम वन पथ गमन को सिर्फ मध्यप्रदेश में बनाने से कोई फायदा नहीं होने वाला है. इसे पूरे देश के उन इलाकों में भी बनाना चाहिए जहां से भगवान श्री राम वनवास के दौरान गुजरे थे. वहीं कांग्रेस का कहना है कि हमारा अधिकार क्षेत्र मध्यप्रदेश है और हम मध्यप्रदेश में राम वन पथ गमन बनाएंगे और इसके लिए हम संकल्पबद्ध हैं.
प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष रामनिवास रावत का कहना है कि यहां की सरकार का अधिकार क्षेत्र मध्यप्रदेश है. जो आज सवाल खड़े कर रहे हैं, उन्होंने राम का नाम लिया, लेकिन कभी राम वन पथ गमन की बात नहीं की. केवल राम के नाम पर राजनीति की है, कभी काम की बात नहीं की.