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'गोहत्या' की ग्राउंड रिपोर्ट! संचालिका लगा रही विपक्ष पर आरोप, कांग्रेस गिरफ्तारी की मांग पर अड़ी

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Published : Jan 31, 2022, 9:17 PM IST

Updated : Jan 31, 2022, 10:47 PM IST

बैरसिया में हुई गायों की मौत पर हंगामा बरपा हुआ है. कांग्रेस जहां मामले में बीजेपी और सरकार को घेरने की कोशिश में है, वहीं मामले को दबाने की भी कोशिश हो रही है. ग्राउंड जीरो पर पहुंचकर ईटीवी भारत ने हकीकत जानने की कोशिश की. जहां आरोपी संचालिका रौब जमाती दिखीं. पढ़िए पूरी रिपोर्ट. (politics in name of cow in mp)

politics in name of cow in mp
गायों की मौत पर सियासी संग्राम

भोपाल/जबलपुर। राजधानी भोपाल से लगे बैरसिया में बड़ी संख्या में गायों की मौत पर बवाल मचा हुआ है. मामले को लेकर एफआईआर दर्ज की गई है. वहीं गोशाला की संचालिका और बीजेपी नेत्री निर्मला देवी शांडिल्य विपक्ष द्वारा परेशान किए जाने की बात कर रही हैं. इतनी बड़ी घटना के बाद भी उनका गैर जिम्मेदारना रवैया देखने को मिला. FIR के बावजूद गोशाला की संचालिका खुलेआम बेधड़क पुलिस और प्रशासन के सामने धौंस देती दिखाई दे रही हैं. पढ़िए, ईटीवी भारत की ग्राउंड रिपोर्ट.

विपक्ष परेशान कर रहा है- गोशाला संचालिका

विपक्ष परेशान कर रहा है- गोशाला संचालिका
ग्राउंड जीरो पर जब ईटीवी की टीम पहुंची तो पाया कि जिस बीजेपी नेत्री के खिलाफ गायों की मौत को लेकर शिकायत की गई है, वो खुलेआम बेधड़क पुलिस-प्रशासन के सामने धौंस देती दिखाई दीं. ईटीवी भारत से बातचीत में उन्होंने कहा कि मैं तो भाजपा से हूं और विरोधी लोग बात का बतंगड़ बना रहे हैं, अब ठंड है तो 2-4गाय मर गईं तो क्या हो गया. लोगों का आरोप है कि राजनीतिक संरक्षण के कारण निर्मला देवी की गिरफ्तारी नहीं हो रही है. बता दें कि महिला के खिलाफ मामला तो दर्ज हो गया है, लेकिन मामूली धाराओं में.

दिग्विजय के खिलाफ दर्ज हो मामला

मामले में हो रही लीपापोती
प्रशासन कह रहा है कि 45 गायो को दफन किया गया है जबकि स्थानीय लोगों की मानें तो यहां लगभग 300 गायों की मौत हुई है. और रातों-रात गायों के मृत शरीर को हटाने का काम किया गया है. वहीं गोशाला के अंदर मीडिया को भी जाने की इजाजत नहीं दी जा रही थी. ईटीवी ने ग्राउंड पर जाने की कोशिश की तो साफ मना कर दिया गया औऱ कहा गया कि ऊपर से आर्डर हैं कि आप लोग अंदर नहीं जाओगे. बाद में कांग्रेस के नेताओं के आने के बाद मीडिया अंदर जा सकी. कांग्रेस ने आरोपी संचालिका की गिरफ्तारी की मांग की है.

सियासत में उलझी गोवंश की रक्षा! 'गो भक्तों की सरकार' में फंड की कमी से हो रही गाय की दुर्दशा

गायों की मौत पर सियासत
लेकिन इस बीच सियासी खेल शुरु हो गया है. बीजेपी से बैरसिया विधायक विष्णु खत्री मौके का मुआयना करने पहुंचे औऱ कहा कि गोशाला संचालिका निर्मला देवी बीजेपी से नहीं है, ये तो कांग्रेस की साजिश है.लेकिन जैेसे ही कांग्रेस के नेता वहां पहुंचे, मामले को बिगड़ता देख विधायक महोदय मौके से चुपचाप रवाना हो गए. स्थानीय लोगों का आरोप है कि प्रशासन पूरे प्रकरण को ठंडे बस्ते में डाल देना चाहता है.
सरकारी जमीन पर कब्जा
बता दें कि निर्मला देवी पिछले 22 सालों से गोशाला चला रही हैं. पिछले 7 सालों में 37 लाख से ज्यादा की रकम गायों की देखरेख के लिए दी गई, लेकिन नतीजा सामने है. हैरानी करने वाली बात ये है कि गो संचालिका को गो संवर्धन बोर्ड ने पिछले दो सालों में 20 लाख से ज्यादा की राशि दी है. आरोप ये भी लगाये जा रहे हैं कि राजनीति का रसूख दिखाकर महिला ने 10 से 12 एकड़ की सरकारी भूमि पर कब्जा भी कर रखा है. जिसमें बाकायदा खेती की जा रही है.

'दिग्विजय के खिलाफ दर्ज हो मामला'
इधर सैकड़ों गोवंशों की मौत पर राजनीति तेज हो गई है. मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने गोशाला संचालिका को भाजपा नेत्री बताते हुए राज्य सरकार पर जमकर हमला बोला है तो वही गो संवर्धन बोर्ड कार्यपरिषद के अध्यक्ष स्वामी अखिलेश्वरानंद महाराज ने दिग्विजय सिंह पर निशाना साधा है. जबलपुर में उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि जब प्रदेश अविभाजित था तब वह मुख्यमंत्री थे और उनके कार्यकाल में ही 10 गो सदन बंद किये गये थे. स्वामी अखिलेश्वर आनंद महाराज ने कहा कि उनके खिलाफ मामला दर्ज होना चाहिए.

ग्राम पंचायतों के अधीन 1000 गोशालाएं
मध्य प्रदेश ने सरकार 1000 गोशालाओं का निर्माण ग्राम पंचायतों में किया है. जिनका संचालन ग्राम पंचायत करती है. प्रत्येक गोशाला में 100 गोवंश रखा जा सकेगा, जिसमें एक लाख गोवंश को आश्रय मिल सकेगा. इसके साथ ही प्रत्येक गोशाला के लिए 5 एकड़ चारागाह निर्मित होगा. ऐसे में प्रदेश में 5000 एकड़ में चारागाह निर्मित होंगे. गोवंश के चारे-भूसे हेतु राशि की व्यवस्था पशुपालन विभाग करेगा. ग्राम पंचायत यदि गोशाला का संचालन किसी संस्था के माध्यम से करना चाहे तो वह आजीविका मिशन की महिला, स्व सहायता समूह व स्वयंसेवी संस्था से अनुबंध कर सकती है.

गायों की मौत के मामले में FIR के बाद मजिस्ट्रियल जांच के आदेश, भाजपा नेत्री की थी गोशाला

गायों के लिए आवंटित राशि
2019-20 में संचालित गोशालाएं: 627 गोशालाओं के लिए 59 करोड़ 78 लाख रुपए दिए गए
मनरेगा के तहत निर्माणाधीन गोशाला: 974 गोशालाओं के लिए 11 करोड़ 59 लाख रुपए दिए गए
पिछले बजट में पशुपालन विभाग का बजट 132 करोड़ रुपए था, जबकि 2020-21 में यह सिर्फ 11 करोड़ हो गया.
प्रति गाय सरकारी खुराक ₹20 से घटाकर ₹1 रुपए 60 पैसे कर दिए गए.

प्रदेश स्तर की गोशालाएं
अशासकीय स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा संचालित गोशाला- 627
मुख्यमंत्री गो सेवा मनरेगा तहत गोशालाओं की संख्या- 905
मुख्यमंत्री गो सेवा योजना के तहत पूर्ण गोशालाओं की संख्या- 963
गोमूत्र औषधि निर्माण गोशालाओं की संख्या- 45

भोपाल/जबलपुर। राजधानी भोपाल से लगे बैरसिया में बड़ी संख्या में गायों की मौत पर बवाल मचा हुआ है. मामले को लेकर एफआईआर दर्ज की गई है. वहीं गोशाला की संचालिका और बीजेपी नेत्री निर्मला देवी शांडिल्य विपक्ष द्वारा परेशान किए जाने की बात कर रही हैं. इतनी बड़ी घटना के बाद भी उनका गैर जिम्मेदारना रवैया देखने को मिला. FIR के बावजूद गोशाला की संचालिका खुलेआम बेधड़क पुलिस और प्रशासन के सामने धौंस देती दिखाई दे रही हैं. पढ़िए, ईटीवी भारत की ग्राउंड रिपोर्ट.

विपक्ष परेशान कर रहा है- गोशाला संचालिका

विपक्ष परेशान कर रहा है- गोशाला संचालिका
ग्राउंड जीरो पर जब ईटीवी की टीम पहुंची तो पाया कि जिस बीजेपी नेत्री के खिलाफ गायों की मौत को लेकर शिकायत की गई है, वो खुलेआम बेधड़क पुलिस-प्रशासन के सामने धौंस देती दिखाई दीं. ईटीवी भारत से बातचीत में उन्होंने कहा कि मैं तो भाजपा से हूं और विरोधी लोग बात का बतंगड़ बना रहे हैं, अब ठंड है तो 2-4गाय मर गईं तो क्या हो गया. लोगों का आरोप है कि राजनीतिक संरक्षण के कारण निर्मला देवी की गिरफ्तारी नहीं हो रही है. बता दें कि महिला के खिलाफ मामला तो दर्ज हो गया है, लेकिन मामूली धाराओं में.

दिग्विजय के खिलाफ दर्ज हो मामला

मामले में हो रही लीपापोती
प्रशासन कह रहा है कि 45 गायो को दफन किया गया है जबकि स्थानीय लोगों की मानें तो यहां लगभग 300 गायों की मौत हुई है. और रातों-रात गायों के मृत शरीर को हटाने का काम किया गया है. वहीं गोशाला के अंदर मीडिया को भी जाने की इजाजत नहीं दी जा रही थी. ईटीवी ने ग्राउंड पर जाने की कोशिश की तो साफ मना कर दिया गया औऱ कहा गया कि ऊपर से आर्डर हैं कि आप लोग अंदर नहीं जाओगे. बाद में कांग्रेस के नेताओं के आने के बाद मीडिया अंदर जा सकी. कांग्रेस ने आरोपी संचालिका की गिरफ्तारी की मांग की है.

सियासत में उलझी गोवंश की रक्षा! 'गो भक्तों की सरकार' में फंड की कमी से हो रही गाय की दुर्दशा

गायों की मौत पर सियासत
लेकिन इस बीच सियासी खेल शुरु हो गया है. बीजेपी से बैरसिया विधायक विष्णु खत्री मौके का मुआयना करने पहुंचे औऱ कहा कि गोशाला संचालिका निर्मला देवी बीजेपी से नहीं है, ये तो कांग्रेस की साजिश है.लेकिन जैेसे ही कांग्रेस के नेता वहां पहुंचे, मामले को बिगड़ता देख विधायक महोदय मौके से चुपचाप रवाना हो गए. स्थानीय लोगों का आरोप है कि प्रशासन पूरे प्रकरण को ठंडे बस्ते में डाल देना चाहता है.
सरकारी जमीन पर कब्जा
बता दें कि निर्मला देवी पिछले 22 सालों से गोशाला चला रही हैं. पिछले 7 सालों में 37 लाख से ज्यादा की रकम गायों की देखरेख के लिए दी गई, लेकिन नतीजा सामने है. हैरानी करने वाली बात ये है कि गो संचालिका को गो संवर्धन बोर्ड ने पिछले दो सालों में 20 लाख से ज्यादा की राशि दी है. आरोप ये भी लगाये जा रहे हैं कि राजनीति का रसूख दिखाकर महिला ने 10 से 12 एकड़ की सरकारी भूमि पर कब्जा भी कर रखा है. जिसमें बाकायदा खेती की जा रही है.

'दिग्विजय के खिलाफ दर्ज हो मामला'
इधर सैकड़ों गोवंशों की मौत पर राजनीति तेज हो गई है. मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने गोशाला संचालिका को भाजपा नेत्री बताते हुए राज्य सरकार पर जमकर हमला बोला है तो वही गो संवर्धन बोर्ड कार्यपरिषद के अध्यक्ष स्वामी अखिलेश्वरानंद महाराज ने दिग्विजय सिंह पर निशाना साधा है. जबलपुर में उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि जब प्रदेश अविभाजित था तब वह मुख्यमंत्री थे और उनके कार्यकाल में ही 10 गो सदन बंद किये गये थे. स्वामी अखिलेश्वर आनंद महाराज ने कहा कि उनके खिलाफ मामला दर्ज होना चाहिए.

ग्राम पंचायतों के अधीन 1000 गोशालाएं
मध्य प्रदेश ने सरकार 1000 गोशालाओं का निर्माण ग्राम पंचायतों में किया है. जिनका संचालन ग्राम पंचायत करती है. प्रत्येक गोशाला में 100 गोवंश रखा जा सकेगा, जिसमें एक लाख गोवंश को आश्रय मिल सकेगा. इसके साथ ही प्रत्येक गोशाला के लिए 5 एकड़ चारागाह निर्मित होगा. ऐसे में प्रदेश में 5000 एकड़ में चारागाह निर्मित होंगे. गोवंश के चारे-भूसे हेतु राशि की व्यवस्था पशुपालन विभाग करेगा. ग्राम पंचायत यदि गोशाला का संचालन किसी संस्था के माध्यम से करना चाहे तो वह आजीविका मिशन की महिला, स्व सहायता समूह व स्वयंसेवी संस्था से अनुबंध कर सकती है.

गायों की मौत के मामले में FIR के बाद मजिस्ट्रियल जांच के आदेश, भाजपा नेत्री की थी गोशाला

गायों के लिए आवंटित राशि
2019-20 में संचालित गोशालाएं: 627 गोशालाओं के लिए 59 करोड़ 78 लाख रुपए दिए गए
मनरेगा के तहत निर्माणाधीन गोशाला: 974 गोशालाओं के लिए 11 करोड़ 59 लाख रुपए दिए गए
पिछले बजट में पशुपालन विभाग का बजट 132 करोड़ रुपए था, जबकि 2020-21 में यह सिर्फ 11 करोड़ हो गया.
प्रति गाय सरकारी खुराक ₹20 से घटाकर ₹1 रुपए 60 पैसे कर दिए गए.

प्रदेश स्तर की गोशालाएं
अशासकीय स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा संचालित गोशाला- 627
मुख्यमंत्री गो सेवा मनरेगा तहत गोशालाओं की संख्या- 905
मुख्यमंत्री गो सेवा योजना के तहत पूर्ण गोशालाओं की संख्या- 963
गोमूत्र औषधि निर्माण गोशालाओं की संख्या- 45

Last Updated : Jan 31, 2022, 10:47 PM IST
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