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OBC आरक्षण के बहाने 2023 पर निशाना? कमलनाथ के आरोपों पर बीजेपी का पलटवार - shivraj singh chauhan

मध्य प्रदेश में OBC आरक्षण के बहाने फिर से कांग्रेस और बीजेपी एक दूसरे पर हमलावार है. कमलनाथ ने जहां शिवराज सरकार पर OBC आरक्षण को लेकर लापरवाह रवैया अपनाने का आरोप लगाया है. बीजेपी ने पलटवार करते हुए कहा कि उन्होंने प्रदेश को OBC वर्ग का सीएम और देश को OBC वर्ग का प्रधानमंत्री दिया है.

OBC आरक्षण के बहाने 2023 पर निशाना?
OBC आरक्षण के बहाने 2023 पर निशाना?
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Published : Jul 9, 2021, 5:50 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की नवनिर्वाचित राज्यपाल मंगूभाई छगनभाई पटेल से मुलाकात के बाद प्रदेश में फिर से OBC आरक्षण का मुद्दा गर्मा गया है. राज्यपाल से मुलाकात से पहले मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ ने एक के बाद एक कई ट्वीट किए और शिवराज सरकार पर OBC आरक्षण के मामले में हाईकोर्ट में चल रहे केस में सही पैरवी नहीं करने का आरोप लगाया.

बीजेपी ने OBC वर्ग से सीएम, पीएम दिए

इस मामले में बीजेपी ने कांग्रेस और कमलनाथ पर पलटवार किया है. बीजेपी प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने कहा कि बीजेपी सरकार ने तो OBC वर्ग से प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री बना दिया लेकिन कमलनाथ बताए कि उन्होंने OBC वर्ग के कितने लोगों को फायदा पहुंचाया है. रजनीश अग्रवाल ने दावा किया कि सबसे ज्यादा OBC विधायक बीजेपी के हैं.

क्या है कमलनाथ के आरोप ?

कमलनाथ ने OBC आरक्षण को लेकर 3 ट्वीट किए. इन ट्वीट में कमलनाथ ने लिखा कि " एमपी में कांग्रेस सरकार ने 2019 में पिछड़ा वर्ग का आरक्षण 14% से बढ़ाकर 27% कर दिया था, लेकिन शिवराज सरकार ने इसे लागू करने के कोई गंभीर प्रयास नही किये. आरक्षण के खिलाफ हाईकोर्ट में कुछ याचिकाएं दायर की गईं, लेकिन सरकार द्वारा उचित पैरवी नहीं की जाने से बढ़ा हुआ आरक्षण अब तक लागू नही हो पाया. अगर सरकार सशक्त पक्ष समर्थन करे तो मध्य प्रदेश के पिछड़ा वर्ग को 27 फ़ीसदी आरक्षण का लाभ मिल जाएगा."

  • आरक्षण के खिलाफ हाईकोर्ट में कुछ याचिकाएं दायर की गईं, लेकिन सरकार द्वारा उचित पैरवी नहीं की जाने से बढ़ा हुआ आरक्षण अब तक लागू नही हो पाया। अगर सरकार सशक्त पक्ष समर्थन करे तो मध्य प्रदेश के पिछड़ा वर्ग को 27 फ़ीसदी आरक्षण का लाभ मिल जाएगा।

    — Kamal Nath (@OfficeOfKNath) July 8, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

अपने एक और ट्वीट में कमलनाथ ने लिखा कि "इससे पहले 2003 में भी कांग्रेस सरकार ने यह आरक्षण लागू किया था, तब भी शिवराज सरकार की कमजोर पैरवी के कारण 10 साल तक मामला अदालत में लटका रहा और अंत में आरक्षण निरस्त हो गया."

क्यों बार-बार अटक रहा है OBC आरक्षण ?

मध्य प्रदेश में फिलहाल 50 फीसदी आरक्षण लागू है. इसमें सबसे ज्यादा एसटी वर्ग को 20%, दूसरे नंबर पर एससी वर्ग को 16%, तीसरे नंबर पर OBC वर्ग को 14%आरक्षण मिला है. यह आरक्षण कुल मिलाकर 50 फीसदी होता है. संविधान के मुताबिक आरक्षण 50 फीसदी से ज्यादा नहीं दिया जा सकता है. 2019 में कांग्रेस ने OBC वर्ग के आरक्षण को 14 फीसदी से बढ़ाकर 27 फीसदी कर दिया था. इससे कुल आरक्षण का प्रतिशत 63% हो गया था और मामला कोर्ट में जा पहुंचा. कोर्ट ने सरकार के आदेश पर स्टे लगा दिया था.

OBC आरक्षण पर राजनीति क्यों ?

OBC वर्ग मध्य प्रदेश की राजनीति का केन्द्र माना जाता है. इसका मुख्य कारण पिछड़ा वर्ग की जनसंख्या है. प्रदेश की कुल जनसंख्या में OBC वर्ग की आबादी करीब 51% है. मध्य प्रदेश की कुर्सी पर शिवराज सिंह चौहान का बने रहना भी इसका मुख्य कारण है. क्योंकि शिवराज सिंह चौहान पिछड़ा वर्ग से आते हैं. माना जा रहा है कि कमलनाथ का OBC आरक्षण का मुद्दा उठाना 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारी का हिस्सा है.

भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की नवनिर्वाचित राज्यपाल मंगूभाई छगनभाई पटेल से मुलाकात के बाद प्रदेश में फिर से OBC आरक्षण का मुद्दा गर्मा गया है. राज्यपाल से मुलाकात से पहले मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ ने एक के बाद एक कई ट्वीट किए और शिवराज सरकार पर OBC आरक्षण के मामले में हाईकोर्ट में चल रहे केस में सही पैरवी नहीं करने का आरोप लगाया.

बीजेपी ने OBC वर्ग से सीएम, पीएम दिए

इस मामले में बीजेपी ने कांग्रेस और कमलनाथ पर पलटवार किया है. बीजेपी प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने कहा कि बीजेपी सरकार ने तो OBC वर्ग से प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री बना दिया लेकिन कमलनाथ बताए कि उन्होंने OBC वर्ग के कितने लोगों को फायदा पहुंचाया है. रजनीश अग्रवाल ने दावा किया कि सबसे ज्यादा OBC विधायक बीजेपी के हैं.

क्या है कमलनाथ के आरोप ?

कमलनाथ ने OBC आरक्षण को लेकर 3 ट्वीट किए. इन ट्वीट में कमलनाथ ने लिखा कि " एमपी में कांग्रेस सरकार ने 2019 में पिछड़ा वर्ग का आरक्षण 14% से बढ़ाकर 27% कर दिया था, लेकिन शिवराज सरकार ने इसे लागू करने के कोई गंभीर प्रयास नही किये. आरक्षण के खिलाफ हाईकोर्ट में कुछ याचिकाएं दायर की गईं, लेकिन सरकार द्वारा उचित पैरवी नहीं की जाने से बढ़ा हुआ आरक्षण अब तक लागू नही हो पाया. अगर सरकार सशक्त पक्ष समर्थन करे तो मध्य प्रदेश के पिछड़ा वर्ग को 27 फ़ीसदी आरक्षण का लाभ मिल जाएगा."

  • आरक्षण के खिलाफ हाईकोर्ट में कुछ याचिकाएं दायर की गईं, लेकिन सरकार द्वारा उचित पैरवी नहीं की जाने से बढ़ा हुआ आरक्षण अब तक लागू नही हो पाया। अगर सरकार सशक्त पक्ष समर्थन करे तो मध्य प्रदेश के पिछड़ा वर्ग को 27 फ़ीसदी आरक्षण का लाभ मिल जाएगा।

    — Kamal Nath (@OfficeOfKNath) July 8, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

अपने एक और ट्वीट में कमलनाथ ने लिखा कि "इससे पहले 2003 में भी कांग्रेस सरकार ने यह आरक्षण लागू किया था, तब भी शिवराज सरकार की कमजोर पैरवी के कारण 10 साल तक मामला अदालत में लटका रहा और अंत में आरक्षण निरस्त हो गया."

क्यों बार-बार अटक रहा है OBC आरक्षण ?

मध्य प्रदेश में फिलहाल 50 फीसदी आरक्षण लागू है. इसमें सबसे ज्यादा एसटी वर्ग को 20%, दूसरे नंबर पर एससी वर्ग को 16%, तीसरे नंबर पर OBC वर्ग को 14%आरक्षण मिला है. यह आरक्षण कुल मिलाकर 50 फीसदी होता है. संविधान के मुताबिक आरक्षण 50 फीसदी से ज्यादा नहीं दिया जा सकता है. 2019 में कांग्रेस ने OBC वर्ग के आरक्षण को 14 फीसदी से बढ़ाकर 27 फीसदी कर दिया था. इससे कुल आरक्षण का प्रतिशत 63% हो गया था और मामला कोर्ट में जा पहुंचा. कोर्ट ने सरकार के आदेश पर स्टे लगा दिया था.

OBC आरक्षण पर राजनीति क्यों ?

OBC वर्ग मध्य प्रदेश की राजनीति का केन्द्र माना जाता है. इसका मुख्य कारण पिछड़ा वर्ग की जनसंख्या है. प्रदेश की कुल जनसंख्या में OBC वर्ग की आबादी करीब 51% है. मध्य प्रदेश की कुर्सी पर शिवराज सिंह चौहान का बने रहना भी इसका मुख्य कारण है. क्योंकि शिवराज सिंह चौहान पिछड़ा वर्ग से आते हैं. माना जा रहा है कि कमलनाथ का OBC आरक्षण का मुद्दा उठाना 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारी का हिस्सा है.

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