भोपाल। मप्र में इन दिनों सांसद निधि खर्च करने को लेकर सियासत चल रही है. दरअसल प्रदेश के कुल 29 सांसदों में से बीजेपी के 28 सांसद हैं, लेकिन हर साल मिलने वाली ढाई करोड़ सांसद निधि में से प्रदेश के इकलौते कांग्रेस सांसद नकुल नाथ ने ही अपनी सांसद निधि शत-प्रतिशत खर्च की है और बीजेपी के 28 सांसदों ने ना के बराबर पैसे खर्च किए हैं.
इस मामले में बीजेपी का आरोप है कि, हमारे सांसद लगातार प्रदेश की एजेंसियों को सांसद निधि के प्रस्ताव भेज रहे हैं, लेकिन उनमें अड़ंगा लगाया जा रहा है और प्रदेश सरकार के इशारे पर उनके प्रस्ताव पास नहीं किए जा रहे हैं. वहीं कांग्रेस इसे बहानेबाजी बता रही है
मध्यप्रदेश के 29 सांसदों द्वारा खर्च की गई सांसद निधि पर गौर करें, तो भाजपा के 28 सांसदों में से 23 लोकसभा सांसदों ने अपनी सांसद निधि में से एक रुपए भी खर्च नहीं किया है. पांच सांसदों ने अपनी सांसद निधि में से कुछ पैसे खर्च किए हैं, जबकि कांग्रेस के इकलौते सांसद नकुलनाथ द्वारा खर्च की गई सांसद निधि बीजेपी के तमाम सांसदों द्वारा खर्च की गई निधि के बराबर है.
प्रदेश के 29 सांसदों के लिए सांसद निधि से लगभग 75 करोड़ रुपए राशि स्वीकृत की गई थी. जिसमें से प्रत्येक सांसद को 2.5 करोड़ रुपए खर्च करने थे, लेकिन 75 करोड़ में से 29 सांसदों ने लगभग 5 करोड़ रूपये खर्च किए. जिसमें से 2.42 करोड़ तो सिर्फ कांग्रेस सांसद नकुलनाथ ने खर्च किए हैं.
बीजेपी के जिन 23 सांसदों ने अपनी सांसद निधि में से एक भी रुपया खर्च नहीं किया है, उनमें नरेंद्र सिंह तोमर, राकेश सिंह, फग्गन सिंह कुलस्ते, नंदकुमार चौहान, प्रज्ञा ठाकुर, शंकर लालवानी जैसे सांसदों के नाम शामिल हैं.
इस पर बीजेपी के प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल का कहना है कि, 'सांसद अपनी निधि से पैसा खर्च कर रहा है, लेकिन प्रस्ताव पर तेजी से अमल क्यों नहीं किया जा रहा है, इस पर सरकारी अधिकारी ढिलाई बरत रहे हैं, भाजपा के आरोपों पर पलटवार करते हुए, मध्यप्रदेश कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष चंद्रप्रभाष शेखर का कहना है कि, 'भाजपा सत्ता में 15 साल थी, मैं नहीं मानता कि किसी निर्वाचित प्रतिनिधि को कलेक्टर काम करने से रोक सकते हैं.'