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सांसद निधि पर सियासत, बीजेपी का आरोप- 'सांसदों के प्रस्ताव नहीं हो रहे पास'

मप्र में इन दिनों सांसद निधि खर्च करने को लेकर सियासत चल रही है. इस को लेकर बीजेपी और कांग्रेस एक दूसरे पर आरोप- प्रत्यारोप लगा रही है.

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सांसद निधि पर कांग्रेस-बीजेपी में बयानबाजी
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Published : Feb 3, 2020, 8:40 PM IST

भोपाल। मप्र में इन दिनों सांसद निधि खर्च करने को लेकर सियासत चल रही है. दरअसल प्रदेश के कुल 29 सांसदों में से बीजेपी के 28 सांसद हैं, लेकिन हर साल मिलने वाली ढाई करोड़ सांसद निधि में से प्रदेश के इकलौते कांग्रेस सांसद नकुल नाथ ने ही अपनी सांसद निधि शत-प्रतिशत खर्च की है और बीजेपी के 28 सांसदों ने ना के बराबर पैसे खर्च किए हैं.

इस मामले में बीजेपी का आरोप है कि, हमारे सांसद लगातार प्रदेश की एजेंसियों को सांसद निधि के प्रस्ताव भेज रहे हैं, लेकिन उनमें अड़ंगा लगाया जा रहा है और प्रदेश सरकार के इशारे पर उनके प्रस्ताव पास नहीं किए जा रहे हैं. वहीं कांग्रेस इसे बहानेबाजी बता रही है

सांसद निधि पर कांग्रेस-बीजेपी में बयानबाजी

मध्यप्रदेश के 29 सांसदों द्वारा खर्च की गई सांसद निधि पर गौर करें, तो भाजपा के 28 सांसदों में से 23 लोकसभा सांसदों ने अपनी सांसद निधि में से एक रुपए भी खर्च नहीं किया है. पांच सांसदों ने अपनी सांसद निधि में से कुछ पैसे खर्च किए हैं, जबकि कांग्रेस के इकलौते सांसद नकुलनाथ द्वारा खर्च की गई सांसद निधि बीजेपी के तमाम सांसदों द्वारा खर्च की गई निधि के बराबर है.

प्रदेश के 29 सांसदों के लिए सांसद निधि से लगभग 75 करोड़ रुपए राशि स्वीकृत की गई थी. जिसमें से प्रत्येक सांसद को 2.5 करोड़ रुपए खर्च करने थे, लेकिन 75 करोड़ में से 29 सांसदों ने लगभग 5 करोड़ रूपये खर्च किए. जिसमें से 2.42 करोड़ तो सिर्फ कांग्रेस सांसद नकुलनाथ ने खर्च किए हैं.

बीजेपी के जिन 23 सांसदों ने अपनी सांसद निधि में से एक भी रुपया खर्च नहीं किया है, उनमें नरेंद्र सिंह तोमर, राकेश सिंह, फग्गन सिंह कुलस्ते, नंदकुमार चौहान, प्रज्ञा ठाकुर, शंकर लालवानी जैसे सांसदों के नाम शामिल हैं.

इस पर बीजेपी के प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल का कहना है कि, 'सांसद अपनी निधि से पैसा खर्च कर रहा है, लेकिन प्रस्ताव पर तेजी से अमल क्यों नहीं किया जा रहा है, इस पर सरकारी अधिकारी ढिलाई बरत रहे हैं, भाजपा के आरोपों पर पलटवार करते हुए, मध्यप्रदेश कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष चंद्रप्रभाष शेखर का कहना है कि, 'भाजपा सत्ता में 15 साल थी, मैं नहीं मानता कि किसी निर्वाचित प्रतिनिधि को कलेक्टर काम करने से रोक सकते हैं.'

भोपाल। मप्र में इन दिनों सांसद निधि खर्च करने को लेकर सियासत चल रही है. दरअसल प्रदेश के कुल 29 सांसदों में से बीजेपी के 28 सांसद हैं, लेकिन हर साल मिलने वाली ढाई करोड़ सांसद निधि में से प्रदेश के इकलौते कांग्रेस सांसद नकुल नाथ ने ही अपनी सांसद निधि शत-प्रतिशत खर्च की है और बीजेपी के 28 सांसदों ने ना के बराबर पैसे खर्च किए हैं.

इस मामले में बीजेपी का आरोप है कि, हमारे सांसद लगातार प्रदेश की एजेंसियों को सांसद निधि के प्रस्ताव भेज रहे हैं, लेकिन उनमें अड़ंगा लगाया जा रहा है और प्रदेश सरकार के इशारे पर उनके प्रस्ताव पास नहीं किए जा रहे हैं. वहीं कांग्रेस इसे बहानेबाजी बता रही है

सांसद निधि पर कांग्रेस-बीजेपी में बयानबाजी

मध्यप्रदेश के 29 सांसदों द्वारा खर्च की गई सांसद निधि पर गौर करें, तो भाजपा के 28 सांसदों में से 23 लोकसभा सांसदों ने अपनी सांसद निधि में से एक रुपए भी खर्च नहीं किया है. पांच सांसदों ने अपनी सांसद निधि में से कुछ पैसे खर्च किए हैं, जबकि कांग्रेस के इकलौते सांसद नकुलनाथ द्वारा खर्च की गई सांसद निधि बीजेपी के तमाम सांसदों द्वारा खर्च की गई निधि के बराबर है.

प्रदेश के 29 सांसदों के लिए सांसद निधि से लगभग 75 करोड़ रुपए राशि स्वीकृत की गई थी. जिसमें से प्रत्येक सांसद को 2.5 करोड़ रुपए खर्च करने थे, लेकिन 75 करोड़ में से 29 सांसदों ने लगभग 5 करोड़ रूपये खर्च किए. जिसमें से 2.42 करोड़ तो सिर्फ कांग्रेस सांसद नकुलनाथ ने खर्च किए हैं.

बीजेपी के जिन 23 सांसदों ने अपनी सांसद निधि में से एक भी रुपया खर्च नहीं किया है, उनमें नरेंद्र सिंह तोमर, राकेश सिंह, फग्गन सिंह कुलस्ते, नंदकुमार चौहान, प्रज्ञा ठाकुर, शंकर लालवानी जैसे सांसदों के नाम शामिल हैं.

इस पर बीजेपी के प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल का कहना है कि, 'सांसद अपनी निधि से पैसा खर्च कर रहा है, लेकिन प्रस्ताव पर तेजी से अमल क्यों नहीं किया जा रहा है, इस पर सरकारी अधिकारी ढिलाई बरत रहे हैं, भाजपा के आरोपों पर पलटवार करते हुए, मध्यप्रदेश कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष चंद्रप्रभाष शेखर का कहना है कि, 'भाजपा सत्ता में 15 साल थी, मैं नहीं मानता कि किसी निर्वाचित प्रतिनिधि को कलेक्टर काम करने से रोक सकते हैं.'

Intro:भोपाल। मप्र में इन दिनों सांसद निधि खर्च करने को लेकर सियासत चल रही है। दरअसल प्रदेश के कुल 29 सांसदों में से बीजेपी के 28 सांसद है। लेकिन हर साल मिलने वाली ढाई करोड़ सांसद निधि का में मध्यप्रदेश के इकलौते कांग्रेस सांसद नकुल नाथ ने ही अपनी सांसद निधि में से लगभग शत-प्रतिशत राशि खर्च की है और बीजेपी के 28 सांसदों ने ना के बराबर पैसा खर्च किए हैं। इस मामले में बीजेपी का आरोप है कि हमारे सांसद लगातार प्रदेश की एजेंसियों को सांसद निधि के प्रस्ताव भेज रहे हैं,लेकिन उनमें अड़ंगा लगाया जा रहा है और प्रदेश सरकार के इशारे पर उनके प्रस्ताव पास नहीं किए जा रहे हैं। वहीं कांग्रेस इसे बहानेबाजी बता रही है और कांग्रेस का कहना है कि निर्वाचित जनप्रतिनिधि होने के बावजूद उनके प्रस्ताव पर कोई सरकारी कर्मचारी कैसे रोक लगा सकता है। कुल मिलाकर सांसद निधि की सियासत में राजनैतिक दल तो आरोप-प्रत्यारोप का खेल खेल रहे हैं,लेकिन नुकसान जनता का हो रहा है।


Body:मध्यप्रदेश के 29 सांसदों द्वारा खर्च की गई सांसद निधि पर गौर करें। तो भाजपा के 28 सांसदों में से 23 लोकसभा सांसदों ने अपनी सांसद निधि में से एक रुपए भी खर्च नहीं किया है। पांच सांसदों ने अपनी सांसद निधि में से कुछ पैसे खर्च किए हैं। जबकि कांग्रेस के इकलौते सांसद नकुल नाथ द्वारा खर्च की गई सांसद निधि बीजेपी के तमाम सांसदों द्वारा खर्च की गई निधि के बराबर है।

प्रदेश के 29 सांसदों के लिए सांसद निधि से लगभग 75 करोड रुपए राशि स्वीकृत की गई थी।जिसमें से प्रत्येक सांसद को 2.5 करोड़ रुपए खर्च करने थे. लेकिन 75 करोड में से 29 सांसदों ने लगभग 5 करोड़ रूपये खर्च किए। जिसमें से 2.42 करोड़ तो सिर्फ कांग्रेस सांसद नकुल नाथ ने खर्च किए।

बीजेपी के जिन 23 सांसदों ने अपनी सांसद निधि में से एक भी रुपया खर्च नहीं किया है। उनमें नरेंद्र सिंह तोमर,राकेश सिंह, फग्गन सिंह कुलस्ते, नंदकुमार चौहान,प्रज्ञा ठाकुर, शंकर लालवानी जैसे सांसदों के नाम शामिल है।



Conclusion:इस मामले में चल रही सियासत में बीजेपी के प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल का कहना है कि आप सांसदों से व्यक्तिगत संपर्क करेंगे। तो पता चलेगा कि सांसद निधि के तमाम प्रस्ताव निर्धारित राशि से अधिक संख्या के प्रस्ताव और अधिक मद के प्रस्ताव सांसदों ने संबंधित एजेंसियों और कलेक्टर को भेजे हैं। लेकिन अभी तक क्यों क्रियान्वित नहीं किए जा रहे हैं। उन प्रस्तावों की प्रक्रिया धीमी क्यों है। जो सांसद निधि का पैसा मध्यप्रदेश सरकार का नहीं है, केंद्र सरकार का है। सांसद अपनी निधि से पैसा खर्च कर रहा है,लेकिन प्रस्ताव पर तेजी से अमल क्यों नहीं किया जा रहा है। इस पर सरकारी अधिकारी ढिलाई बरत रहे हैं, निकम्मापन बरत रहे हैं। सरकार में बैठी कांग्रेस राजनीति कर रही है और अधिकारी कठपुतली बनने का काम कर रहे हैं।

भाजपा के आरोपों पर पलटवार करते हुए मध्यप्रदेश कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष चंद्रप्रभाष शेखर का कहना है कि भाजपा सत्ता में 15 साल थी। मैं नहीं मानता कि किसी निर्वाचित प्रतिनिधि को कलेक्टर काम करने से रोके। भाजपा के लोग बड़ी-बड़ी बातें करते हैं। आप कलेक्टर की शिकायत करिए बताइए, किस कलेक्टर ने मना किया है। यह बहाना है, जो लोग चुनकर गए हैं उनका दायित्व है कि सांसद निधि का उचित उपयोग करें।
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