भोपाल। नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह द्वारा रानी कमलापति पर दिए बयान के विरोध में बीजेपी नेता सड़क पर उतरकर विरोध कर रही है. उधर जब इसको लेकर नेता प्रतिपक्ष से सवाल किया गया तो उन्होंने अपने ही पार्टी पर निशाना साधा. डॉ. गोविंद सिंह ने कहा कि उन्हें तो उनकी पार्टी ही बड़ा नेता नहीं मानती. मेरे पुतले जलाए गए, इसके लिए मैं धन्यवाद करता हूं. इसके बाद कम से कम मुझे मेरी पार्टी में बीजेपी पार्टी नेताओं के समकक्ष माना जाने लगे.
इस बयान को लेकर हुआ विवाद: दरअसल डॉ. गोविंद सिंह अंबेडकर जयंती पर भिंड में आयोजित कार्यक्रम में अपने बयान को लेकर विवाद में घिर गए हैं. कार्यक्रम में नेता प्रतिपक्ष ने बयान दिया था कि बीजेपी राजाओं और सम्राटों के शासन को वापस लाना चाहते हैं. बीजेपी ने हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम आदिवासी रानी कमलापति के नाम पर रख दिया. वे उन लोगों का पता लगा रहे हैं, जिनके बारे में कभी सुना भी नहीं गया. राजा और रानियों ने आम लोगों, दलितों और गरीबों पर अत्याचार ही किया है.
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शिवराज ने किया था पलटवार: कांग्रेस नेता के इस बयान को बीजेपी ने आदिवासी का अपमान बताते हुए डॉ. गोविंद सिंह का पुतला दहन किया था. सीएम शिवराज सिंह चौहान ने आरोप लगाया था कि कांग्रेस नेता सिर्फ नेहरू गांधी परिवार को ही जानते हैं. उनके लिए सिर्फ एक खानदान के अलावा और कोई नहीं है. जबकि रानी कमलापति भोपाल की अंतिम हिंदु शासक थीं. सोनिया गांधी को आदिवासी और महिलाओं के इस अपमान पर जवाब देना चाहिए. उधर बीजेपी द्वारा प्रदेश भर में इस बयान को लेकर कांग्रेस का विरोध किया जा रहा है. गौरतलब है कि पीएम नरेन्द्र मोदी के मुख्य आथित्य में आयोजित कार्यक्रम में भोपाल के हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर रानी कमलापति रेलवे स्टेशन कर दिया था.