भोपाल। कमलनाथ सरकार के कैबिनेट मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने सिंधिया के पांव छुए, जिसके बाद हाल ही में देवास की नगर निगम कमिश्नर संजना जैन ने कैबिनेट मंत्री सज्जन सिंह वर्मा के पैर छुए. नगर निगम कमिश्नर का मंत्री के पैर छूते हुए वीडियो वायरल होने के बाद सूबे की सियासत गरमाने लगी है. पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने इस मामले में प्रदेश सरकार पर हमला बोलते हुए कहा है कि, 'सरकार में रेट तय कर दिए हैं, उसके बाद भी अधिकारियों को पैर छूने पड़ रहे हैं'. उन्होंने कहा कि ब्यूरोक्रेसी की भी अपनी मर्यादा है, ऐसा नतमस्तक होना उनकी कर्तव्यनिष्ठा पर सवाल खड़े करता है.
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के आरोपों पर मध्यप्रदेश कांग्रेस के मीडिया उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने उनके कार्यकाल में अधिकारियों के कारनामे याद दिलाते हुए कहा है कि, ये कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं है और इसे इतनी गंभीरता से नहीं लेना चाहिए. जो व्यक्ति 15 साल मुख्यमंत्री रह चुका हो, उसे इन बातों का ध्यान रखना चाहिए. आगे भूपेंद्र गुप्ता ने शिवराज सिंह पर पलटवार करते हुए कहा है कि, 'पहले कलेक्टरों के 24 घंटे में तीन- तीन तबादले एक ही स्थान पर होते थे, वो किन दरों से करते थे, वो शिवराज सिंह ही जाने. उन्होंने जो भाव सूची की प्रणाली पिछले 15 साल में लागू की थी, इसका सच झूठ वही बता सकते हैं'.
'पूर्व मुख्यमंत्री मार चुके हैं अधिकारी को थप्पड़'
गुप्ता ने कहा 'जहां तक किसी अधिकारी द्वारा किसी के चरण छूने का संदर्भ है, इसमें भी शिवराज सिंह के कार्यकाल के उदाहरण देना चाहिए. हालांकि यह मामला पूरी तरह से निजी विषय है, लेकिन इनके कार्यकाल में सर पर चप्पले रखकर और धर्म ग्रंथ लेकर अधिकारी घूमे हैं. अधिकारियों ने शिवराज सिंह के जूते तक उठाने का काम किया है. यहां तक कि मुख्यमंत्री ने तो किसी अधिकारी को थप्पड़ भी मार दिया था. इस तरह की घटनाएं होती रहती हैं, यह राजनीतिक मुद्दे नहीं है. सिस्टम के अंदर जो घटनाएं घटती हैं, इनको निजी तौर पर नहीं लेना चाहिए'.