भोपाल। कोरोना वैक्सीन के लिए देशभर में राजनीति चरम पर है. बिहार में नीतिश कुमार के चुनावी बयान से शुरू हुई पॉलिटिक्स फिलहाल थमती नजर नहीं आ रही है. कभी इस राजनीति में मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान कूद पड़ते हैं तो कभी महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे. कभी ओडिशा से बयान आ जाता है, अब इस मामले में मोदी सरकार के मंत्री भी कूद पड़े हैं. सबकी जुगत बस एक है कि वैक्सीन के इस बड़े मुद्दे के सियासी फायदे को कैसे भुनाया जाए. वैक्सीन जब आएगी तब आएगी, लेकिन चुनाव में इसकी डोज अभी से सियासी दल और उनके बड़े-बड़े नेता लेने लगे हैं. पढ़ें पूरी रिपोर्ट-
केंद्र की योजना से पहले राज्यों में होड़
केंद्रीय मंत्री प्रताप सारंगी के बयान के बाद एक बार फिर से देश में कोरोना वैक्सीन को लेकर सियासत गरमा गई है. पीएम मोदी के सिपहसालार सारंगी ने कहा कि पूरे देश के लिए बिहार जैसा वादा है, यानि देश के सभी नागरिकों को कोरोना की फ्री वैक्सीन की डोज दी जाएगी. लेकिन ऐसा नहीं है, कि ये बयान अचानक आया हो. इसकी पटकथा पहले ही लिखी जा चुकी थी. बीजेपी ने बिहार में चुनावी वादा किया है, कि चुनाव जीते तो प्रदेश के सभी लोगों को कोरोना वैक्सीन फ्री दी जाएगी.
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इसके बाद मध्य प्रदेश में बीजेपी दबाव में आ गई. एमपी में 28 सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं और यहां सरकार बचाने की भारी जद्दोजहद है. ऐसे में सीएम शिवराज सिंह चौहान खुद फ्रंटफुट पर आए, और उन्होने ताबड़तोड़ घोषणा कर दी, कि मध्य प्रदेश भी कोरोना की वैक्सीन लोगों को फ्री दी जाएगी.
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जब से देश में #COVID19 वैक्सीन का ट्रायल शुरू हुआ, देश के गरीब वर्ग में एक चर्चा भी शुरू हुई, “क्या हम ये खर्च वहन कर पाएँगे?”
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) October 22, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
आज मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूँ, मध्यप्रदेश में हर एक गरीब प्रदेशवासी को मुफ्त वैक्सीन मिलेगी।
हम ये जंग जीतेंगे। pic.twitter.com/XcMaGYF70I
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आज मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूँ, मध्यप्रदेश में हर एक गरीब प्रदेशवासी को मुफ्त वैक्सीन मिलेगी।
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आज मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूँ, मध्यप्रदेश में हर एक गरीब प्रदेशवासी को मुफ्त वैक्सीन मिलेगी।
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पढ़ें पूरी खबर-सीएम शिवराज सिंह का बड़ा एलान,कहा- गरीबों को फ्री में दी जाएगी कोरोना की वैक्सीन
सीएम शिवराज सिंह चौहान की इस घोषणा के बाद पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सीएम शिवराज पर जमकर निशाना साधा, और कहा कि, 'झूठ की परिकाष्ठा है कि कोरोना वैक्सीन नहीं बनी है और शिवराज मुफ्त में बांटने की बात कह रहे हैं.' कमलनाथ ने यह भी कहा कि, 'शिवराज सिंह सिर्फ झूठ बोलते हैं. उनकी कलाकारी की कोई हद नहीं है. अभी कोरोना वैक्सीन बनी भी नहीं. उसका कोई नामोनिशान भी नहीं है और वह मुफ्त में बांटने की बात कह रहे हैं.
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सीएम शिवराज की घोषणा के बाद में विवाद होने पर उन्होने यू-टर्न लेते हुए कहा कि प्रदेश के जिन लोगों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है. उनके लिए प्रदेश सरकार फ्री में टीके का इंतजाम करेगी.
'वैक्सीन पॉलिटिक्स' पर विपक्ष हमलावर
विपक्ष ने आरोप लगाते हुए कहा कि देश में हंगामा हो रहा है कि क्या चुनाव वाले राज्यों में ही फ्री वैक्सीन मिलेगी,ऐसा करके राजनीतिक पार्टी बाकी राज्यों से भेदभाव नहीं कर रही हैं. महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ने तो यहां तक कह दिया कि क्या अन्य राज्य पाकिस्तान और बांग्लादेश में हैं. क्या उन्हे वैक्सीन फ्री में नहीं मिलेगी ?
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मोदी सरकार के मंत्री सारंगी का ये बयान भी एक चुनावी मीटिंग के बाद ही आया है. केंद्र सरकार ने अभी तक इसकी औपचारिक घोषणा नहीं की है. ओडिशा के बालासोर में 3 नवंबर को उपचुनाव है. सारंगी मीटिंग लेने वहां गए थे. लगे हाथ उन्होंने मीडिया में बयान जारी कर दिया कि पीएम नरेंद्र मोदी देश के सभी लोगों को वैक्सीन फ्री उपलब्ध करवाने का एलान कर चुके हैं. हर आदमी के वैक्सिनेशन पर करीब 500 रुपए का खर्च आएगा. दरअसल ओडिशा के फूड सप्लाई एंड कंज्यूमर वेलफेयर मिनिस्टर आरपी स्वैन ने इस मामले में सारंगी से इस पर सफाई मांगी थी कि बिहार में फ्री वैक्सीन के वादे के बाद ओडिशा को लेकर भाजपा का क्या स्टैंड है?
कई राज्यों ने किया फ्री वैक्सीन देने का वादा
एमपी, असम, तमिलनाडु समेत देश के कई राज्य हैं जो वैक्सीन फ्री की पॉलिट्क्स में कूदे हुए हैं. ऐसे में बड़ा सवाल यह कि आखिर कैसे और कब सरकार वैक्सीन लोगों तक पहुंचाएगी. वो भी तब जब देश में डेवलप हो रहे वैक्सीन की सेकंड और थर्ड फेज का ट्रायल शुरू हो रहा है. ICMR ने अभी तक किसी भी वैक्सीन को हरी झंडी नहीं दी है. अगले साल के जून तक लोगों तक वैक्सीन पहुंचाने की शुरुआत का आंकलन किया जा रहा है.
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जानिए कि आखिर जिंदगी बचाने की जंग में जुटी दुनिया ने कहां तक वैक्सीन बनाने में सफलता हासिल की है.
कहां तक पहुंचा है वैक्सीन का काम
भारत में कोरोना वैक्सीन के दर्जनों क्लीनिकल ट्रायल हो रहे हैं. कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 79 लाख के पार चली गई है. ऐसे में जिन 4 प्रमुख वायरस की वैक्सीन पर काम चल रहा है उसमें हैं-
- हैदराबाद की भारत बायोटेक ने ICMR और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के साथ मिलकर को वैक्सीन पर काफी काम कर लिया है और इस वैक्सीन से काफी उम्मीदें हैं. इसके तीसरे फेज के ट्रायल की तैयारी चल रही है.
- दूसरी वैक्सीन जायडस कैडिला बना रही है, जिसे हाल ही में ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया से ह्यूमन ट्रायल की अनुमति मिली है. इसमें भी दूसरे फेज का ट्रायल शुरू हो रहा है.
- रूसी कोरोना वैक्सीन 'स्पूतनिक-5' की भारत ने आखिरी फेज के ट्रायल की अनुमति दी है.
- ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के वैक्सीन प्रोजेक्ट का तीसरे चरण का ट्रायल पूरी दुनिया में हो रहा है. भारत भी इसमें हिस्सा ले रहा है.
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जानिए दुनिया में कौन सी वैक्सीन बन रही है
पूरी दुनिया में 140 कोरोना वैक्सीन पर काम चल रहा है. 11 वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल हो रहा है.
- मॉडर्ना कोविड वैक्सीन
- चाइनीज कोविड वैक्सीन सिनोवैक बॉयोटेक
- फाइजर और बॉयोएनटेक की वैक्सीन
- भारत बायोटेक की कोवैक्सीन
- जायडस कैडिला की कैंडिडेट ZyCoV-D वैक्सीन
- ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी का ChAdOx1 nCoV-19
- रूसी कोरोना वैक्सीन 'स्पूतनिक-5'
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रातों रात क्या मिलेगी वैक्सीन?
राजनितिक दावों से इतर बात करें, तो वैक्सीन का इंतजार इतनी जल्द खत्म नहीं होगा. वैक्सीन बनने के बाद भी लोगों की मुश्किलें बरकरार रहेगी. पहले बड़े पैमाने पर उत्पादन, कोल्ड स्टोरेज से लेकर तमाम व्यवस्थाएं और आखिर में प्रिफरेंस के आधार पर समाज के अलग-अगल वर्गों को वैक्सीन देना होगा, क्योंकि आम लोगों तक इसे पहुंचाने की प्रक्रिया काफी लंबी है.
केंद्र सरकार का क्या है वैक्सीन प्लान
- कोरोना वैक्सीन के लिए 50 हजार करोड़ का रिजर्व बजट तय
- एक डोज की कीमत होगी 150-385 रुपए के आस-पास हो सकती है
- एक व्यक्ति को लगेंगे दो इंजेक्शन
- कोरोना वैक्सीन देने का आधिकारिक प्लान घोषित किया जाना बाकी
- सरकार ने वैक्सीन के विकसित करने की निगरानी के लिए एक राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह बनाया
- विशेषज्ञ समूह ने अब तक 5 बैठकें कर ली हैं और काम से संतोष जताया है
- बैठकों में कोरोना वायरस वैक्सीन वितरण की प्रक्रिया,राशि पर बातचीत
WHO भी एक नीति पर काम कर रहा
- किस देश को कैसे वैक्सीन दी जाएगी WHO करेगा तय
- कई अमीर देशों ने ट्रायल वाली जगहों से अपने लिए वैक्सीन एडवांस में खरीदी
- WHO ने सबसे अधिक प्रभावित देश, कम विकसित देशों को फोकस में रखा
- WHO का आधिकारिक प्लान सामने नहीं आया है