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मैग्नीफिसेंट समिट को लेकर सियासत, बीजेपी बोली जब सड़कें,बिजली नहीं तो कैसे आएंगे उद्योग, कांग्रेस ने कहा- हम जो कहते हैं वो करते हैं

मध्यप्रदेश में निवेश के लिए पहली बार इंदौर में मैग्नीफिसेंट समिट को लेकर भाजपा और कांग्रेस के बीच सियासत का दौर शुरू हो गया है.

मैग्नीफिशेंट समिट को लेकर भाजपा और कांग्रेस के बीच सियासत का दौर शुरू
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Published : Oct 14, 2019, 8:43 PM IST

भोपाल। कमलनाथ सरकार बनने के बाद मध्यप्रदेश में निवेश के लिए पहली बार इंदौर में मैग्नीफिसेंट समिट का आयोजन किया जा रहा है. इस मैग्नीफिसेंट समिट को लेकर सियासत का दौर भी शुरू हो गया है. भाजपा का आरोप है कि सिर्फ 8 महीने में प्रदेश के हालात बिगड़ गए है.

मैग्नीफिशेंट समिट को लेकर भाजपा और कांग्रेस के बीच सियासत का दौर शुरू

बीजेपी के प्रवक्ता दीपक विजयवर्गीय का कहना है कि 15 सालों में भाजपा के शासनकाल में मध्यप्रदेश में लगातार निवेश बढ़ा और अर्थव्यवस्था लगातार बेहतर रही. मध्यप्रदेश देश के सबसे तेज प्रगति करने वाले राज्यों में शुमार हुआ है. अब कमलनाथ सरकार की जिम्मेदारी है कि विकास की रफ्तार को कायम रखें. लेकिन प्रदेश में सड़क गड्ढों में तब्दील हो गई है, बिजली की आपूर्ति नहीं हो पा रही है. इसलिए प्रदेश का विकास बाधित हुआ है. दीपक विजयवर्गीय ने कहा कि अपनी जिम्मेदारी निभाने की जगह भाजपा पर आरोप लगाने की कोशिश की जा रही है. कमलनाथ एक परिपक्व राजनेता हैं, उन्हें जिम्मेदारी का परिचय देना चाहिए. बयानबाजी की जगह निवेश बढ़ाने की बात करना चाहिए.

कांग्रेस प्रवक्ता जितेंद्र मिश्रा का कहना है कि कांग्रेस ने कर्जमाफी की बात की थी तब भी भाजपा के नेता यही कहते थे कि कैसे कर्ज माफी होगी. लेकिन कांग्रेस अभी तक 20 लाख किसानों का कर्जमाफ कर चुकी है. भाजपा का कहना था कि उनके समय में अमेरिका से अच्छी सड़कें है लेकिन 8 महीने के अंदर सड़कों की पोल खुल गई है. जितेंद्र मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस के पास इच्छाशक्ति है, विकास का रोडमैप है और संपर्कों का खजाना है. जिसके बल पर भारत के उद्योगपति मध्यप्रदेश की धरती पर उद्योग लगाने के लिए लाइन लगाकर खड़े हैं. कांग्रेस ने आधारभूत संरचना उपलब्ध कराने की बात कही है. जितेंद्र मिश्रा ने आगे कहा कि भाजपा जो नौकरशाहों के जाल में फंस गई थी, कांग्रेस ने उससे हटकर निवेश बढ़ाने की बात की है.

भोपाल। कमलनाथ सरकार बनने के बाद मध्यप्रदेश में निवेश के लिए पहली बार इंदौर में मैग्नीफिसेंट समिट का आयोजन किया जा रहा है. इस मैग्नीफिसेंट समिट को लेकर सियासत का दौर भी शुरू हो गया है. भाजपा का आरोप है कि सिर्फ 8 महीने में प्रदेश के हालात बिगड़ गए है.

मैग्नीफिशेंट समिट को लेकर भाजपा और कांग्रेस के बीच सियासत का दौर शुरू

बीजेपी के प्रवक्ता दीपक विजयवर्गीय का कहना है कि 15 सालों में भाजपा के शासनकाल में मध्यप्रदेश में लगातार निवेश बढ़ा और अर्थव्यवस्था लगातार बेहतर रही. मध्यप्रदेश देश के सबसे तेज प्रगति करने वाले राज्यों में शुमार हुआ है. अब कमलनाथ सरकार की जिम्मेदारी है कि विकास की रफ्तार को कायम रखें. लेकिन प्रदेश में सड़क गड्ढों में तब्दील हो गई है, बिजली की आपूर्ति नहीं हो पा रही है. इसलिए प्रदेश का विकास बाधित हुआ है. दीपक विजयवर्गीय ने कहा कि अपनी जिम्मेदारी निभाने की जगह भाजपा पर आरोप लगाने की कोशिश की जा रही है. कमलनाथ एक परिपक्व राजनेता हैं, उन्हें जिम्मेदारी का परिचय देना चाहिए. बयानबाजी की जगह निवेश बढ़ाने की बात करना चाहिए.

कांग्रेस प्रवक्ता जितेंद्र मिश्रा का कहना है कि कांग्रेस ने कर्जमाफी की बात की थी तब भी भाजपा के नेता यही कहते थे कि कैसे कर्ज माफी होगी. लेकिन कांग्रेस अभी तक 20 लाख किसानों का कर्जमाफ कर चुकी है. भाजपा का कहना था कि उनके समय में अमेरिका से अच्छी सड़कें है लेकिन 8 महीने के अंदर सड़कों की पोल खुल गई है. जितेंद्र मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस के पास इच्छाशक्ति है, विकास का रोडमैप है और संपर्कों का खजाना है. जिसके बल पर भारत के उद्योगपति मध्यप्रदेश की धरती पर उद्योग लगाने के लिए लाइन लगाकर खड़े हैं. कांग्रेस ने आधारभूत संरचना उपलब्ध कराने की बात कही है. जितेंद्र मिश्रा ने आगे कहा कि भाजपा जो नौकरशाहों के जाल में फंस गई थी, कांग्रेस ने उससे हटकर निवेश बढ़ाने की बात की है.

Intro:भोपाल। कमलनाथ सरकार बनने के बाद मध्यप्रदेश में निवेश के लिए पहली बार इंदौर में इन्वेस्टर समिट का आयोजन किया जा रहा है। इस इन्वेस्टर समिट को लेकर सियासत का दौर भी शुरू हो गया है। भाजपा का आरोप है कि सिर्फ 8 महीने में प्रदेश की आधारभूत संरचना के हालात गड़बड़ा गए हैं। ना प्रदेश में सड़कें अच्छी हैं और ना ही बिजली की सुचारू तरीके से आपूर्ति हो रही है. ऐसे में कोई भी उद्योगपति प्रदेश में निवेश नहीं करना चाहेगा। वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस का कहना है कि जब हमने कर्ज माफी की बात की थी। तब भी बीजेपी यही कहते थे कि कैसे कर्ज माफी होगी लेकिन हम 20 लाख किसानों की कर्ज माफी कर चुके हैं और इसी तरह से इन्वेस्टर समिट में हमारी इच्छा शक्ति है और हमारे संपर्क हैं। जिनके कारण मध्यप्रदेश में निवेश आएगा।

वहीं कांग्रेस प्रवक्ता जितेंद्र मिश्रा का कहना है कि भाजपा का शुरू से कहना रहा है कि किसानों का कर्जा माफ कैसे होगा, लेकिन हमने 20 लाख किसानों का कर्जा माफ करके दिखा दिया। भाजपा का कहना था कि हमारे समय में अमेरिका से अच्छी सड़कें हैं, 8 महीने के अंदर सड़कों की पोल खुल गई। यह जुमले बाजो की सरकार नहीं है, यह कांग्रेस की सरकार है। हमारे पास इच्छाशक्ति है,हमारे पास विकास का रोडमैप है और हमारे पास संपर्कों का खजाना है। जिसके बल पर भारत के उद्योगपति मध्यप्रदेश की धरती पर उद्योग लगाने के लिए लाइन लगाकर खड़े हैं। आने वाले समय में इन्वेस्टर्स मीट में जाने-माने उद्योगपति आकर अपनी मंशा जाहिर कर करार करेंगे। हमने आधारभूत संरचना उपलब्ध कराने की बात कही है।भाजपा जो नौकरशाहों के जाल में फंस गई थी, हमने उससे हटकर निवेश बढ़ाने की बात की है।


Body:दरअसल,भाजपा के 15 साल के कार्यकाल में करीब 12 निवेश सम्मेलन आयोजित हुए। लेकिन मध्यप्रदेश में जमीन पर कहीं निवेश नजर नहीं आया। कांग्रेस ने हमेशा आरोप लगाया कि निवेश सम्मेलन के नाम पर बीजेपी ने जनता की गाढ़ी कमाई का पैसा पानी की तरह बहाया। लेकिन ना तो प्रदेश मैं कोई उद्योग आया और ना ही प्रदेश के लोगों को रोजगार हासिल हुआ। लेकिन हमारे मुख्यमंत्री कमलनाथ के उद्योगपतियों से संपर्क हैं और वह निवेश को आकर्षित करना जानते हैं।हमें निवेश के पहले ही करीब 30 हजार करोड़ के निवेश के प्रस्ताव हासिल हो चुके हैं और कुछ प्रस्तावों पर काम होना भी शुरू हो गया है। वहीं बीजेपी के भी अपने दावे हैं कि हमारे कार्यकाल में इन्वेस्टर समिट में करीब तीन लाख करोड का निवेश मध्यप्रदेश में हुआ है।क्योंकि हमारे समय पर आधारभूत संरचनाओं की स्थिति काफी बेहतर थी। लेकिन पिछले 10 महीने में ही कांग्रेस की सरकार में सड़कों की हालत बद से बदतर हो गई है और बिजली की निरंतर आपूर्ति नहीं हो पा रही है। ऐसे में कोई भी उद्योगपति मध्यप्रदेश में निवेश नहीं करना चाहेगा।


Conclusion:इस मामले में मप्र बीजेपी के प्रवक्ता दीपक विजयवर्गीय का कहना है कि 15 सालों में भाजपा के शासनकाल में मप्र में लगातार निवेश बढ़ा और प्रदेश की अर्थव्यवस्था लगातार बेहतर रही। मप्र देश के सबसे तेज प्रगति करने वाले राज्यों में शुमार हुआ है। अब कमलनाथ सरकार की जिम्मेदारी है कि विकास की रफ्तार को कायम रखें। लेकिन मप्र में सड़क के गड्ढों में तब्दील हो गई हैं, बिजली की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। इसलिए प्रदेश का विकास बाधित हुआ है। मध्यप्रदेश में निवेश बाधित हुआ है। अपनी जिम्मेदारी निभाने की जगह भाजपा पर आरोप लगाने की कोशिश की जा रही है। कमलनाथ एक परिपक्व राजनेता हैं,उन्हें जिम्मेदारी का परिचय देना चाहिए।बयानबाजी की जगह निवेश बढ़ाने की बात करना चाहिए।
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