भोपाल। गुनगा थाना इलाके में चार माह पहले खेत में लगी फेंसिंग के सहारे लटके एक युवक के शव का मामला पुलिस ने सुलझा लिया है. चार माह तक चली लंबी जांच के बाद खुलासा हुआ कि युवक की हत्या की गई थी. इस मामले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है. जानकारी के मुताबिक आरोपी की बेटी से मृतक का मिलना-जुलना था, जो उसे पसंद नहीं था. कई बार समझाईश के बाद भी युवक ने मिलना बंद नहीं किया तो उसने उसे मौत के घाट उतार दिया.
तार फेंसिंग से लटका मिला था मृतक
एएसपी दिनेश कुमार कौशल के मुताबिक धर्मेंद्र चौहान (22 साल) ग्राम धमर्रा में रहता था और शाहपुरा भोपाल स्थित एक मॉल में काम करता था. 29 अगस्त को वह काम खत्म करने के बाद घर जाने के लिए निकला था, लेकिन घर नहीं पहुंचा. अगले दिन सुबह एक दूधवाले ने उसे गांव से करीब डेढ़-दो किलोमीटर दूर खेत में लगी फैंसिंग के सहारे लटके होने की सूचना दी थी. मृतक के सिर पर चोट का निशान था और कपड़े भी झुलसे हुए थे. शार्ट पोस्टमार्टम रिपोर्ट में डाक्टरों ने उसकी मौत इलेक्ट्रिक शॉक की वजह से होना बताया था, लेकिन पुलिस को मामला संदिग्ध लग रहा था. एएसपी ने बताया कि गांव के बाहर मृतक के खेत हैं, जहां जाने के लिए लकड़ी का फाटक लगाया गया था. उसकी बाइक, चाबी, चप्पल वहीं रखे मिले थे, जबकि शव करीब पचास मीटर दूर दूसरे खेत की तार फैंसिंग के सहारे लटका मिला था. बारीकी से जांच करने पर पता चला कि जिस फेंसिंग से वह लटका था, उसमें बिजली का करंट नहीं था. साथ ही सिर की चोट भी पत्थर लगने से आई थी.
युवती के पिता ने उतारा था मौत के घाट
एएसपी कौशल के मुताबिक चार महीने की जांच के बाद पुलिस ने इस मामले में मुन्ना (परिवर्तित) नाम के व्यक्ति को गिरफ्तार किया है, जिसने अपना जुर्म कबूल लिया है. पूछताछ के दौरान आरोपी ने बताया कि मृतक का उसकी बेटी से मिलना जुलना था. उसने कई बार मृतक को समझाईश दी थी कि वह उसकी बेटी से दूर रहे. उसने मृतक के परिजनों से भी इस बारे में शिकायत की थी, जिसके बाद कुछ दिनों तक मृतक शांत रहा, लेकिन उसके बाद दोबारा वह युवती से फोन पर बातचीत करने लगा. घटना वाले दिन भी उसने युवती से मुलाकात की थी. इसके बाद वह घर जाने लगा, तभी रास्ते में घात लगाकर बैठे मुन्ना ने उस पर पत्थर से हमला कर दिया. इसके बाद बिजली का करंट लगाकर उसे मौत के घाट उतार दिया, इसके बाद शव को उठाकर काफी दूर स्थित खेत की फैंसिंग के सहारे ले जाकर टिका दिया, ताकि मृतक की हत्या करंट अथवा आकाशीय बिजली गिरने से मौत की घटना लगे. घटनास्थल से दूर सामान मिलने के कारण पुलिस पहले से ही मामले को संदिग्ध मानकर जांच कर रही थी.