भोपाल। राजधानी के खटलापुरा घाट पर हुए हादसे के बाद अब प्रशासन हरकत में नजर आ रहा है. इस घटना के बाद प्रशासन ने शहर के नाविकों की बैठक बुलाई. बैठक में नाविकों को हिदायत दी गई है कि अब आगे से मूर्ति विसर्जन के दौरान तालाब में नाव का प्रयोग न किया जाए. वहीं सभी नाविकों अब गोताखोर के रुप में तालाबों के किनारे तैनात किया जाएगा.
हादसों के बाद हरकत में आई पुलिस ने तत्काल ही कंट्रोल रूम में नाविकों की बैठक बुला ली. इस बैठक में पुलिस अधिकारी और निगम के अधिकारी मौजूद थे. जहां उन्होंने नाविकों को नवरात्रि के पर्व में होने वाले देवी विसर्जन में नाव के उपयोग में प्रतिबंध लगाने की बात कही. डीआईजी भोपाल ने कहा कि नाविकों को गोताखोर के रूप में घाटों पर सुरक्षा के लिए तैनात किया जाएगा, जिससे उन्हें विसर्जन के दौरान रोजगार मिल सकेगा.
खटलापुरा घाट पर ही डूबी मछुआरों की नाव
हालांकि खटलापुरा हादसे के दूसरे दिन भी प्रशासन की सख्ती नजर नहीं आई. शनिवार को भी एक मछुआरों की एक नाव उसी स्थान पर डूबी जहां 11 लोगों की डूबकर मौत हुई थी. ऐसे में भोपाल नगर-निगम और प्रशासन पर अब सवालियां निशान खड़े होने लगे हैं.
राजधानी में बेतरतीब ट्रैफिक व्यवस्था और हादसों को लेकर भी एक बैठक कंट्रोल रूम में मिनी बस ऑपरेटरों के साथ की गई. जिसमें मिनी बस ऑपरेटरों को ट्रैफिक व्यवस्था को लेकर कई निर्देश दिए गए हैं.