भोपाल। मध्यप्रदेश का बहुचर्चित व्यापमं घोटाला एक बार फिर सुर्खियों में है क्योंकि एसटीएफ ने पीएमटी परीक्षा में अलग-अलग 6 एफआईआर दर्ज की है. ये एफआईआर फर्जी निवास प्रमाण पत्र और फोटो मिसमैच के मामले से जुड़ी है. माना जा रहा है कि ये गड़बड़ी बिना किसी अधिकारी के मिलीभगत के नहीं हो सकती है. लिहाजा मामले की जांच के बाद तत्कालीन अफसरों पर भी एसटीएफ शिकंजा कस सकता है.
पीएमटी के छह अभ्यर्थियों के खिलाफ मामला दर्ज
शिवराज सरकार में हुए व्यापमं घोटाले की जांच कर रही है. इसी कड़ी में एसटीएफ ने पीएमटी परीक्षा के छह अभ्यर्थियों के खिलाफ प्रकरण पंजीबद्ध किया है. ये मामला फर्जी प्रमाण पत्र और दूसरे अभ्यर्थी की जगह परीक्षा देने से जुड़ा है. ऐसे 4 मामले सामने आए हैं, जिनमें अभ्यर्थियों ने फर्जी निवास प्रमाण पत्रों के जरिए शासकीय मेडिकल कॉलेज में एडमिशन लिया है.
सरकारी अफसरों पर होगी कड़ी कार्रवाई
एसटीएफ के अधिकारियों का कहना है कि पीएमटी परीक्षा से लेकर एडमिशन के दौरान कई स्तर पर दस्तावेजों का सत्यापन किया जाता है. ऐसे में सवाल ही नहीं उठता कि सत्यापन के दौरान निवास प्रमाण पत्रों को जाली नहीं पाया गया होगा. इसके पीछे कहीं न कहीं अधिकारियों की मिलीभगत जरूर होगी. लिहाजा एसटीएफ इन मामलों की बारीकी से जांच कर रही है. जांच के बाद इन गड़बड़ियों में लिप्त सरकारी अफसरों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी.
197 शिकायतों की जांच शुरू
कांग्रेस के सत्ता में आने के साथ ही इस घोटाले की जांच के निर्देश दिए थे क्योंकि जांच एजेंसियों पर निष्पक्ष जांच नहीं करने के आरोप लग रहे थे. सरकार के निर्देशों पर एसटीएफ ने ऐसे ही 197 शिकायतों की जांच शुरू की है. जो लंबित थी और सीबीआई को सुपुर्द नहीं की गई थी.
मदद करने वालों पर गिरेजी गाज
इन शिकायतों की जांच के दौरान ही जाली मूल निवासी प्रमाण पत्र और फोटो मिसमैच के मामले सामने आए हैं, जिस पर एसटीएफ में एफआईआर दर्ज की है. अब जल्द ही संदिग्धों को गिरफ्तार किया जाएगा. गिरफ्तारी के बाद माना जा रहा है कि पूछताछ में उन चेहरों पर से भी पर्दा हटेगा, जिन्होंने इन अभ्यर्थियों की धोखाधड़ी में मदद की है.