भोपाल। राजधानी में कोरोना संक्रमण का दायरा जैसे-जैसे बढ़ता जा रहा है, वैसे- वैसे लगातार मरीज ठीक भी हो रहे है. ठीक हुए मरीजों का प्लाज्मा इस्तेमाल कर कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों का इलाज किया जा रहा है. राजधानी में कोविड-19 संक्रमित लोगों का प्लाज्मा थेरेपी इलाज के लिए प्लाज़्मा डोनेशन अभियान चलाया जाएगा. इस अभियान में कोविड-19 संक्रमण के इलाज के बाद ठीक हुए व्यक्तियों को प्लाज्मा डोनेट करने के लिए प्रेरित किया जाएगा.
दरअसल प्लाज्मा को संग्रहित करके रखने के लिए भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज में प्लाज्मा बैंक भी बनाया जाएगा. आईसीएमआर ने पूरे भारत में 100 स्थानों पर प्लाज्मा बैंक बनाने की मंजूरी दी है, जिसमें भोपाल का जीएमसी भी शामिल है. सोमवार को हुई बैठक में भोपाल संभाग आयुक्त कविंद्र कियावत ने निर्देश दिए हैं, साथ ही कहा है कि, कोविड-19 संक्रमण की आने वाली स्थितियों को देखते हुए तैयारी करना जरूरी है. संक्रमित मरीजों के ठीक होने के 28 दिन बाद उन्हें प्रेरित कर प्लाज्मा डोनेशन के लिए तैयार किया जाएगा.
इस अभियान के माध्यम से कोरोना के जंग जीत चुके मरीजों को समझाया जाएगा कि, उनके छोटे से प्रयास से किसी व्यक्ति का जीवन भी बच सकता है. इस अभियान में एनजीओ और सामाजिक संगठनों की मदद ली जाएगी. इसमें ठीक हुए व्यक्ति की काउंसलिंग, उनकी सहमति और सुविधा के मुताबिक डोनेशन के मानकों का पालन किया जाएगा. बता दें कि, कोरोना वायरस संक्रमण के गंभीर मरीजों के इलाज के लिए प्लाज्मा थेरेपी काफी कारगर साबित हो रही है और भारत में इस थेरेपी से लगातार मरीजों का इलाज भी किया जा रहा है.