भोपाल। माध्यमिक शिक्षा मंडल की हेल्पलाइन पर काउंसलर की जगह कर्मचारी विद्यार्थियों की काउंसलिंग कर रहे है. शिक्षा मंडल की हेल्पलाइन कक्षा 10वीं और 12वीं के विद्यार्थियों के लिए पूरे साल संचालित की जाती है. जिसमें काउंसलर्स छात्रों की समस्याओं का निराकरण करते है, लेकिन इस वर्ष मंडल की हेल्पलाइन विभाग के कर्मचारी संभाल रहे है. जिससे विद्यार्थियों की कई समस्याओं का समाधान नहीं मिल रहा है. वहीं माध्यमिक शिक्षा मंडल के डायरेक्टर का कहना है कि विद्यार्थियों को काउंसलिंग की जरूरत नहीं है.
- कर्मचारी कर रहे विद्यार्थियों की काउंसलिंग
माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा आयोजित कक्षा 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं 30 अप्रैल से शुरू होंगी बोर्ड परीक्षाओं में शामिल होने वाले छात्रों के लिए प्रतिवर्ष एमपी बोर्ड की हेल्पलाइन संचालित की जाती है. जिसपर विद्यार्थी परीक्षाओं से संबंधित कई तरह के सवाल पूछते हैंं. हेल्पलाइन पर विद्यार्थियों के प्रतिदिन 500 से अधिक कॉल दर्ज किए जाते हैं. विद्यार्थी इस हेल्पलाइन पर तरह-तरह की समस्याओं का निराकरण ढूंढते हैं. लेकिन इस वर्ष एमपी बोर्ड की हेल्पलाइन पर काउंसलर्स की जगह कर्मचारी छात्रों की काउंसलिंग कर रहे हैं. ऐसे में विद्यार्थियों को कई समस्याओं के जवाब नहीं मिल पा रहे हैं.
- 1 साल में 2 लाख 38 हजार कॉल
मंडल की हेल्पलाइन पर 1 जनवरी से 31 दिसंबर 2020 तक 2 लाख 38 हजार 995 कॉल पहुंचे हैं. यह हेल्पलाइन सुबह 8 बजे से रात को 8 बजे तक तीन शिफ्ट में चलती है. लेकिन जब से कर्मचारी हेल्पलाइन संभाल रहे हैं. तब से हेल्पलाइन पर सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक ही हेल्पलाइन संचालित हो रही है. वहीं 1 जनवरी से 5 फरवरी तक हेल्पलाइन पर 4 हज़ार कॉल दर्ज किए गए है. प्रतिदिन 300 से 500 कॉल आ रहे है.
- विद्यार्थियों की काउंसलिंग की जरूरत नहीं- डायरेक्टर माशिमं
माशिमं के संचालक हेमंत शर्मा ने बताया कि हेल्पलाइन पूर्व की तरह ही संचालित की जा रही है. लेकिन हेल्पलाइन पर अब काउंसलर्स की जगह कर्मचारी बैठ रहे हैं. उन्होंने बताया क्योंकि विद्यार्थियों के ज्यादातर सवाल अकादमी गतिविधियों से संबंधित आ रहे है. ऐसे में मंडल ने यह फैसला किया कि हेल्पलाइन पर कर्मचारियों को बिठाया जाए. जो विद्यार्थियों की समस्या का निराकरण कर सके. उन्होंने कहा कि विद्यार्थी सवाल पूछ रहे है कि ऑनलाइन आवेदन कैसे करें, परीक्षा फीस कितनी है, लास्ट डेट क्या है, परीक्षा का पैटर्न कैसा होगा. इस तरह के सवालों का जवाब विभाग के कर्मचारी विद्यार्थियों को दे रहे है. उनकी समस्या का निराकरण कर रहे है.