भोपाल। राजधानी भोपाल के मॉडल अस्पताल कहे जाने वाले जेपी अस्पताल में अब से इलाज के साथ-साथ विशेषज्ञ बनाने के लिए डिप्लोमा कोर्स भी शुरू हो गए हैं. मेडिकल कॉलेज की तर्ज पर यहां पर सात विषयों में पीजी डिप्लोमा कोर्स शुरू किए गए हैं. अस्पताल को मुंबई के कॉलेज ऑफ फिजिशियन एंड सर्जन ने 7 विषयों में पीजी डिप्लोमा कोर्स की मान्यता दे दी है. डिप्लोमा लेने वाले डॉक्टरों को यहीं से सर्टिफिकेट दिया जाएगा.
करीब 8 साल पहले तत्कालीन चिकित्सा शिक्षा मंत्री अनूप मिश्रा के कार्यकाल में जिला अस्पताल को मेडिकल कॉलेज में बदलने का प्रस्ताव बनाया गया था. लेकिन मंत्री मिश्रा के मंत्रिमंडल से बाहर होने और प्रशासनिक उदासीनता के चलते यह प्रस्ताव लंबे समय तक ठंडे बस्ते में पड़ा रहा, अब फिर से महात्मा गांधी जयंती पर मेडिकल कॉलेज की तर्ज पर चिकित्सकों की पढ़ाई की शुरुआत हुई है. प्रदेश में विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी को दूर करने के लिए यह अच्छा कदम साबित हो सकता है.
पीजी डिप्लोमा कोर्स के अभ्यर्थियों को ओपीडी और प्रेक्टिकल के साथ 4 घंटे की थ्योरी क्लासेस में भी शामिल होना होगा. इसके साथ ही डॉक्टरों के राउंड के दौरान चिकित्सक फैकेल्टी के साथ रहकर मरीजों की केस शीट में भी नोट लिखेंगे.
अभ्यर्थियों को पहले साल में 55,000 रुपए प्रतिमाह और दूसरे साल में 57,000 रुपए प्रति माह का स्टाइपेंड भी दिया जाएगा. स्त्री रोग और प्रसूति विभाग, शिशु रोग, निश्चेतना, मेडिसिन,पैथोलॉजी, सर्जरी और ऑर्थोपेडिक्स में कोर्स शुरू किए गए. जिससे अस्पताल को 18 अतिरिक्त चिकित्सक मिलेंगे. साथ ही प्रदेश को हर साल कई विशेषज्ञ मिल सकेंगे.