भोपाल। ग्राम पंचायतों के बाद राज्य सरकार ने नगरीय निकाय की नजूल भूमि पर सालों से काबिज लोगों को अब भूमि का अधिकार मिलेगा. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई वर्चुअल कैबिनेट में इस प्रस्ताव पर मुहर लग गई है. कैबिनेट की बैठक में मध्य प्रदेश नजूल निर्वतन निर्देश 2020 को भी मंजूरी दे दी गई है. इसके तहत मध्यप्रदेश में गौशाला के लिए 10 एकड़ तक जमीन सरकार एक रुपए वार्षिक दर पर देगी.
गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कैबिनेट में लिए गए निर्णय की जानकारी देते हुए बताया कि 50 साल बाद नगरी क्षेत्रों में शासकीय भूमि में धारको के धारणाधिकार के संबंध में निर्णय लिया गया है. अभी तक नगरीय निकाय में नजूल की भूमि अभिलेख संधारण नहीं किया जाता था, लेकिन अब यह पूरा रिकॉर्ड तैयार किया जाएगा. नगरीय निकाय की सरकारी भूमि पर सालों से काबिज कब्जा धारियों को स्थाई पट्टे दिए जाने के प्रस्ताव पर कैबिनेट ने निर्णय लिया है. इसके बाद लोग अपनी जमीन पर ना सिर्फ फ्लोर ले सकेंगे बल्कि उस पर निर्माण भी कर सकेंगे. सरकार के इस निर्णय से नजूल भूमि का पूरा अभिलेख तैयार किया जाएगा, साथ ही नजूल की भूमि से राजस्व वसूली भी की जा सकेगी.
कैबिनेट की बैठक में मध्य प्रदेश नजूल निवर्तन निर्देश को भी मंजूरी दी गई है. इसमें जिला संभाग स्तर पर गठित कमेटी अस्थाई पट्टे दे सकेगी. संभाग की जमीन कमिश्नर, वहीं भोपाल शहर की जमीन पट्टे पर देने का अधिकार चीफ सेक्रेटरी की अध्यक्षता में गठित कमेटी को होगा. इसके अलावा नजूल की एनओसी के लिए लोगों को अब भटकना नहीं पड़ेगा, यह प्रक्रिया अब मुफ्त में ही हो जाएगी. नजूल की भूमि का लैंड बैंक भी तैयार किया जाएगा और एक क्लिक पर पूरी भूमि की डिटेल उपलब्ध होगी. वहीं सहकारी संस्थाओं को 50 फ़ीसदी प्रीमियम राशि पर जमीन आवंटित की जाएगी. स्थाई पट्टे वित्त विभाग की अनुमति से 99 साल की अनुमति के लिए दिए जाएंगे.