ETV Bharat / state

Pegasus Spyware बिना बताये डिवाइस में फर्जी साक्ष्य प्लांट करने में सक्षम है क्या ?

यूं तो संविधान हर नागरिक को निजता का अधिकार देता है, यही वजह है कि इसे मौलिक अधिकार की श्रेणी में रखा गया है, बावजूद इसके इजरायली कंपनी NSO ग्रुप के Pegasus Spyware के जरिए कई भारतीयों की जासूसी कराने के खुलासे पर हंगामा मचा है. ऐसे में दिग्विजय सिंह ने आज फिर सवाल उठाया है कि जब पेगासस स्पाइवेयर के जरिए किसी निर्दोष के डिवाइस में फेक डाटा प्लांट किया जा सकता है तो ये अपराध रोकने में सक्षम कैसे हो सकता है.

design photo
डिजाइन फोटो
author img

By

Published : Jul 22, 2021, 10:01 AM IST

Updated : Jul 22, 2021, 1:09 PM IST

भोपाल। पेगासस नाम का स्पाइवेयर (Pegasus Spyware) बिना किसी को बताए किसी के भी पर्सनल जिंदगी में आसानी से झांक सकता है, उसकी निजता को सार्वजनिक कर सकता है, इतना ही नहीं किसी निर्दोष को अपराधी बनाने के लिए उसके मोबाइल, लैपटॉप, कंप्यूटर, टैबलेट व अन्य डिवाइस में आसानी से नकली साक्ष्य भी प्लांट कर सकता है, जिस पर दिग्विजय सिंह ने सवाल पूछा है कि आखिर जब ये स्पाइवेयर अपराधी बनाने का काम करता है, तब यह अपराध रोकने में कैसे उपयोगी साबित होता है.

  • One question to GOI. If GOI has bought Pegasus from NSO then haven’t we given access to NSO to all the secret information which they gather from their targets?

    — digvijaya singh (@digvijaya_28) July 22, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

Pegasus Spyware: भारतीयों की जासूसी के लिए NSO को किसने किया भुगतान?

पेगासस स्पाइवेयर बनाने वाली इजरायली कंपनी एनएसओ को स्पष्टीकरण देना चाहिए कि यह फर्जी डाटा प्लांट करने में सक्षम है कि नहीं, यदि है तो फिर अपराध या आतंकवाद को कैसे रोकती है. इजरायल की एनएसओ कंपनी पेगासस स्पाइवेयर बनाती है, कंपनी का दावा है कि वह सिर्फ सरकारों को ही इसे बेचती है, एक अनुमान के मुताबिक एक व्यक्ति की जासूसी के लिए कंपनी करीब एक से डेढ़ करोड़ रुपए चार्ज वसूलती है, ऐसे में इतनी रकम का भुगतान करने वाला कौन है.

  • Believe me it is scary and ModiShah ji for the sake of our National Security come clean and stop using such Spyware.

    — digvijaya singh (@digvijaya_28) July 22, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

साल 2017 से 2019 के बीच एनएसओ की जासूसी लिस्ट में 40 से अधिक भारतीयों के नाम शामिल हैं, जिनमें कांग्रेस नेता राहुल गांधी और केंद्रीय राज्य मंत्री प्रहलाद पटेल के अलावा कई वरिष्ठ पत्रकारों व सामाजिक कार्यकर्ताओं की जासूसी कराए जाने का आरोप लगा है. केंद्र सरकार इस आरोप को सिरे से खारिज कर रही है कि उसने किसी की जासूसी कराई है, जबकि मौजूदा आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव की भी जासूसी की जा चुकी है.

भोपाल। पेगासस नाम का स्पाइवेयर (Pegasus Spyware) बिना किसी को बताए किसी के भी पर्सनल जिंदगी में आसानी से झांक सकता है, उसकी निजता को सार्वजनिक कर सकता है, इतना ही नहीं किसी निर्दोष को अपराधी बनाने के लिए उसके मोबाइल, लैपटॉप, कंप्यूटर, टैबलेट व अन्य डिवाइस में आसानी से नकली साक्ष्य भी प्लांट कर सकता है, जिस पर दिग्विजय सिंह ने सवाल पूछा है कि आखिर जब ये स्पाइवेयर अपराधी बनाने का काम करता है, तब यह अपराध रोकने में कैसे उपयोगी साबित होता है.

  • One question to GOI. If GOI has bought Pegasus from NSO then haven’t we given access to NSO to all the secret information which they gather from their targets?

    — digvijaya singh (@digvijaya_28) July 22, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

Pegasus Spyware: भारतीयों की जासूसी के लिए NSO को किसने किया भुगतान?

पेगासस स्पाइवेयर बनाने वाली इजरायली कंपनी एनएसओ को स्पष्टीकरण देना चाहिए कि यह फर्जी डाटा प्लांट करने में सक्षम है कि नहीं, यदि है तो फिर अपराध या आतंकवाद को कैसे रोकती है. इजरायल की एनएसओ कंपनी पेगासस स्पाइवेयर बनाती है, कंपनी का दावा है कि वह सिर्फ सरकारों को ही इसे बेचती है, एक अनुमान के मुताबिक एक व्यक्ति की जासूसी के लिए कंपनी करीब एक से डेढ़ करोड़ रुपए चार्ज वसूलती है, ऐसे में इतनी रकम का भुगतान करने वाला कौन है.

  • Believe me it is scary and ModiShah ji for the sake of our National Security come clean and stop using such Spyware.

    — digvijaya singh (@digvijaya_28) July 22, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

साल 2017 से 2019 के बीच एनएसओ की जासूसी लिस्ट में 40 से अधिक भारतीयों के नाम शामिल हैं, जिनमें कांग्रेस नेता राहुल गांधी और केंद्रीय राज्य मंत्री प्रहलाद पटेल के अलावा कई वरिष्ठ पत्रकारों व सामाजिक कार्यकर्ताओं की जासूसी कराए जाने का आरोप लगा है. केंद्र सरकार इस आरोप को सिरे से खारिज कर रही है कि उसने किसी की जासूसी कराई है, जबकि मौजूदा आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव की भी जासूसी की जा चुकी है.

Last Updated : Jul 22, 2021, 1:09 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.