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JUDA Strike: मरीजों पर पड़ी दोहरी मार, डॉक्टर के बिना नहीं हो रहा इलाज - JUDA strike

भोपाल में जुड़ा की हड़ताल का असर अब हमीदिया में भर्ती मरीजों पर देखा जा सकता है.

JUDA strike
JUDA की हड़ताल
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Published : Jun 4, 2021, 11:01 PM IST

Updated : Jun 5, 2021, 12:18 AM IST

भोपाल। जूडा की हड़ताल का असर अब स्वास्थ सेवाओं पर दिखने लगा है. भोपाल के हमीदिया अस्पताल में इलाज करवाने आ रहे मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. यहां तक कि अब पेशेंट को भर्ती तक नहीं किया जा रहा है. इस बीच अब तो डॉक्टरों ने यह कहना शुरू कर दिया है कि, बाहर जाकर इलाज करवाओ यहां आप का इलाज नहीं हो सकता है. मरीजों के इलाज के लिए डॉक्टर ही उपलब्ध ही नहीं है. जूनियर डॉक्टर्स हड़ताल पर है वहीं अब मरीज इलाज के लिए भटक रहे हैं. जबकि अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि सारी व्यवस्थाएं की जा रही है ताकि किसी भी मरीज को इलाज में परेशानी का सामना नहीं करना पड़े.

जूडा की हड़ताल

3000 डॉक्टर्स ने दिया इस्तीफा

गांधी मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टर लगातार पांच दिनों से हड़ताल पर बैठे कर हैं. इन पर एस्मा लगाने की कार्रवाई भी शासन द्वारा की गई है. हाईकोर्ट के निर्देश हैं कि 48 घंटे में वापस ड्यूटी पर आना होगा लेकिन जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन मध्य प्रदेश के 3000 डॉक्टर ने अपने इस्तीफे दे दिए हैं. इसके चलते अब अस्पतालों में डॉक्टर नहीं है. मरीजों को इलाज नहीं मिल पा रहा है. आयुष विभाग के डॉक्टर से मदद ली जा रही है लेकिन इसका असर स्वास्थ्य सेवाओं पर स्पष्ट दिखाई दे रहा है.

JUDA को IMA और कई एसोसिएशन का मिला समर्थन

पैरे के ऑपरेशन के लिए तीन से इंतजार

गुना से आए सोनू साहू ने बताया कि उसके पिता का एक्सीडेंट हो गया है. पिछले 3 दिन से वो यहां हमीदिया में भर्ती हैं. उन्हें पैर में फ्रैक्चर और ब्रेन में तकलीफ है. ब्रेन का ऑपरेशन हो गया है लेकिन पैर के ऑपरेशन के लिए 3 दिन से इंतजार कर रहे हैं. डॉक्टर्स की हड़ताल के कारण उनके पिता का ऑपरेशन आज हो सकता है लेकिन ऑपरेशन होता है या नहीं अभी यह तय नहीं है.

दूर-दूर से आ रहे हैं मरीज लेकिन इलाज नहीं

विदिशा से आए पहलवान सिंह ने, बताया कि उनके एक पैर में लंबे समय से दर्द है. अस्पताल में आने के बाद ओपीडी पर्चा बनवाने पहुंचे तो वहां से लौटा दिया गया. स्वास्थ्य कर्मचारियों ने बताया कि बेड खाली नहीं है और डॉक्टर भी नहीं है. इसलिए यहां इलाज नहीं होगा. आप प्राइवेट में जाकर कहीं बाहर इलाज करवाए. हम विदिशा से आए हैं सुबह फिर से आने को कहा जा रहा है डॉक्टर्स की हड़ताल के कारण हमें दोबारा यहां इलाज के लिए आना पड़ेगा. लेकिन यह पक्का नहीं है कि अब इलाज हो पाएगा या नहीं.

ब्लैक फंगस के 132 मरीज, कोरोना संक्रमण से दो की मौत

हमीदिया की म्यूकस यूनिट में ब्लैक फंगस के 132 मरीज भर्ती हैं. शुक्रवार को 8 मरीजों के ऑपरेशन किए गए, जबकि 12 नए मरीज भर्ती हुए हैं और 5 मरीजों को डिस्चार्ज किया गया है. दिन भर में 770 ओपीडी हुई इनमें से बुखार के 71 मरीज पहुंचे कोरोना के 6 नए मरीज भर्ती हुए हैं. 56 लोग आईपीडी में दिखाने पहुंचे हैं, साथ ही अस्पताल में 23 कुल ऑपरेशन किए गए हैं. कोरोना से दो लोगों की मौत भी हुई है.

भोपाल। जूडा की हड़ताल का असर अब स्वास्थ सेवाओं पर दिखने लगा है. भोपाल के हमीदिया अस्पताल में इलाज करवाने आ रहे मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. यहां तक कि अब पेशेंट को भर्ती तक नहीं किया जा रहा है. इस बीच अब तो डॉक्टरों ने यह कहना शुरू कर दिया है कि, बाहर जाकर इलाज करवाओ यहां आप का इलाज नहीं हो सकता है. मरीजों के इलाज के लिए डॉक्टर ही उपलब्ध ही नहीं है. जूनियर डॉक्टर्स हड़ताल पर है वहीं अब मरीज इलाज के लिए भटक रहे हैं. जबकि अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि सारी व्यवस्थाएं की जा रही है ताकि किसी भी मरीज को इलाज में परेशानी का सामना नहीं करना पड़े.

जूडा की हड़ताल

3000 डॉक्टर्स ने दिया इस्तीफा

गांधी मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टर लगातार पांच दिनों से हड़ताल पर बैठे कर हैं. इन पर एस्मा लगाने की कार्रवाई भी शासन द्वारा की गई है. हाईकोर्ट के निर्देश हैं कि 48 घंटे में वापस ड्यूटी पर आना होगा लेकिन जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन मध्य प्रदेश के 3000 डॉक्टर ने अपने इस्तीफे दे दिए हैं. इसके चलते अब अस्पतालों में डॉक्टर नहीं है. मरीजों को इलाज नहीं मिल पा रहा है. आयुष विभाग के डॉक्टर से मदद ली जा रही है लेकिन इसका असर स्वास्थ्य सेवाओं पर स्पष्ट दिखाई दे रहा है.

JUDA को IMA और कई एसोसिएशन का मिला समर्थन

पैरे के ऑपरेशन के लिए तीन से इंतजार

गुना से आए सोनू साहू ने बताया कि उसके पिता का एक्सीडेंट हो गया है. पिछले 3 दिन से वो यहां हमीदिया में भर्ती हैं. उन्हें पैर में फ्रैक्चर और ब्रेन में तकलीफ है. ब्रेन का ऑपरेशन हो गया है लेकिन पैर के ऑपरेशन के लिए 3 दिन से इंतजार कर रहे हैं. डॉक्टर्स की हड़ताल के कारण उनके पिता का ऑपरेशन आज हो सकता है लेकिन ऑपरेशन होता है या नहीं अभी यह तय नहीं है.

दूर-दूर से आ रहे हैं मरीज लेकिन इलाज नहीं

विदिशा से आए पहलवान सिंह ने, बताया कि उनके एक पैर में लंबे समय से दर्द है. अस्पताल में आने के बाद ओपीडी पर्चा बनवाने पहुंचे तो वहां से लौटा दिया गया. स्वास्थ्य कर्मचारियों ने बताया कि बेड खाली नहीं है और डॉक्टर भी नहीं है. इसलिए यहां इलाज नहीं होगा. आप प्राइवेट में जाकर कहीं बाहर इलाज करवाए. हम विदिशा से आए हैं सुबह फिर से आने को कहा जा रहा है डॉक्टर्स की हड़ताल के कारण हमें दोबारा यहां इलाज के लिए आना पड़ेगा. लेकिन यह पक्का नहीं है कि अब इलाज हो पाएगा या नहीं.

ब्लैक फंगस के 132 मरीज, कोरोना संक्रमण से दो की मौत

हमीदिया की म्यूकस यूनिट में ब्लैक फंगस के 132 मरीज भर्ती हैं. शुक्रवार को 8 मरीजों के ऑपरेशन किए गए, जबकि 12 नए मरीज भर्ती हुए हैं और 5 मरीजों को डिस्चार्ज किया गया है. दिन भर में 770 ओपीडी हुई इनमें से बुखार के 71 मरीज पहुंचे कोरोना के 6 नए मरीज भर्ती हुए हैं. 56 लोग आईपीडी में दिखाने पहुंचे हैं, साथ ही अस्पताल में 23 कुल ऑपरेशन किए गए हैं. कोरोना से दो लोगों की मौत भी हुई है.

Last Updated : Jun 5, 2021, 12:18 AM IST
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