भोपाल। आज की युवा पीढ़ी को हम बचपन से ही संस्कार नहीं देते, जिसके कारण वह मंदिर नहीं जाते और उनके हाथ में एक लोटा जल की जगह बोतल आ जाती है और अच्छे संस्कारों को नहीं देने के कारण जिस तरह दिल्ली में साक्षी जैसा हुआ, वैसे होता हैं. यह बात पंडित प्रदीप मिश्रा ने शिव महापुराण कथा के दौरान कही.
राजधानी मे पांच दिवसीय शिव महापुराण कथा में कथावाचक प्रदीप मिश्रा ने कहा कि "हम बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के लिए उन्हें स्कूल भेजते हैं, उनके कंधे पर कई किलो बस्ते का बोझ भी दे देते हैं, लेकिन उन्हें मंदिर जाने के लिए कभी प्रेरित नहीं करते. यह काम किसी और को नहीं घर में बैठे उस मां या पिता को करना है, क्योंकि आप अगर बच्चों को मंदिर जाने के लिए प्रेरित नहीं करेंगे, उनके हाथ में एक लोटा और जल नहीं देंगे, तो उनके हाथ में आने वाले दिनों में कोल्ड ड्रिंक की बोतल आएगी. फिर वह बोतल किसी दूसरी बोतल के रूप में बदल जाएगी. दिल्ली में जिस तरह से साक्षी के संग हुआ है, यह उसी का नतीजा है कि बच्चों को संस्कार नहीं दिए गए, अगर उसमें संस्कार होते तो इस तरह की घटना घटित नहीं होती."
एक लोटा जल सारी समस्याओं का हल: उपस्थित श्रोता समुदाय को शिव भक्ति के लिए बार-बार प्रेरित करते हुए पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि "हर श्वास में ओम नमः शिवाय मंत्र का जप कीजिए और जीवन में जो भी समस्यायें हों उनके समाधान के लिए व्यर्थ मत भटकिए, बल्कि श्रद्धापूर्वक शिव को रोज जलार्पण कीजिए अर्थात एक लोटा जल सारी समस्याओं का हल. हमें अपने जीवन में घर से ही अनुशासन का पालन करना चाहिए, हमें अनुशासन को अपने नियमित दिनचर्या में शामिल करना चाहिए. हम घर में अनुशासित रहेंगे तो समाज में भी हम अनुशासित ही रहेंगे और अगर जब बच्चा घर में अनुशासन का पालन करता है तो उस घर में दुशासन नहीं होता."
ऐसे बनेगा जीवन सफल: राजा भोज की नगरी भोपाल पर शिव की महान अनुकंपा है, जो यहां महामृत्यंजय शिव पुराण कथा आयोजित हो रही है. जब तक शिव की कृपा नहीं होती जीवन में हम एक कदम भी आगे नहीं बढ़ा सकते. शिवपुराण में 24 हजार श्लोक हैं, उनमें से एक श्लोक ही नहीं बल्कि एक शब्द मात्र को भी अपने जीवन मे धारण करने से इस मानव देह का हेतु सिद्ध हो जाता है. हमें मनुष्य का शरीर तो मिल गया, लेकिन हमने इसके महत्व को नहीं समझा तो सब बेकार है. मानव देह का महत्व भगवान की भक्ति में है, शिव अत्यंत दयालु महादेव हैं." शिवमहापुराण में देवराज ब्राम्हण का दृष्टांत देते हुए उन्होंने विश्वास दिलाया कि ह्दय से किया गया मंत्रजाप हमारे जीवन को सफल बना देता है.
बड़ी संख्या मे उपस्थित रहे साधु संत: कथा में साधु संत भी बड़ी संख्या में शामिल हुए, जिसमें अखिल भारतीय संत समिति के कार्यकारी अध्यक्ष महंत अनिलानंद उदासीन, गुफा मंदिर महंत रामप्रवेशदासजी महाराज, कन्हैयादास उदासीन, महंत राधामोहन दास, मणिराम दास व आचार्य गंगाप्रसाद दुबे, महंत लोकनाथ मौजूद थे. यहां हरदा से आए कक्षा 8वीं के छात्र 13 वर्षीय अनुज तिवारी ने लगातार नौ मिनट तक शंखनाद भी किया. बता दें कि पंडित प्रदीप मिश्रा की कथा में बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हो रहे हैं, भोपाल के पीपल्स मॉल के पीछे करोद में इस कथा का आयोजन किया जा रहा है. कथा दोपहर 2:00 बजे से लेकर शाम 5:00 बजे तक चल रही है.