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कोरोना के खिलाफ जंग लड़ रहे पंचायत सचिव परेशान, सीएम के सामने रखीं कई मांग - fighting against Corona

कोरोना के खिलाफ इस आंदोलन में ड्यूटी के दौरान प्रदेश के पंचायत सचिवों और रोजगार सहायकों को समस्यायों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में उन्होंने सीएम शिवराज सिंह ने मदद की गुहार लगाई है और अपनी समस्याएं भी बताई हैं.

panchayat secretarys
पंचायत सचिव कई समस्याओं से हैं परेशान
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Published : Apr 14, 2020, 6:56 PM IST

भोपाल। एमपी में कोरोना का कहर जारी है. इस महामारी के खिलाफ जारी इस जंग में पंचायत सचिव और रोजगार सहायक पूरी मेहनत के साथ जुटे हुए हैं. कोरोना के खिलाफ इस आंदोलन में ड्यूटी के दौरान प्रदेश के पंचायत सचिवों और रोजगार सहायकों को समस्यायों का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने सीएम के सामने अपनी समस्याएं रखीं और उनका हल करने की गुहार भी लगाई है.

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पंचायत सचिव कई समस्याओं से हैं परेशान

दरअसल, प्रदेश के हर ग्राम में मजदूरी सहित अन्य कारणों से प्रदेश के बाहर गए सैकड़ों की संख्या में ग्रामवासी वापस लौटकर आये हैं, जिनकी जानकारी लगते ही अस्पताल तक लाने, उनका चेकअप कराने, उनके निवास एवम भोजन की समुचित व्यवस्था करने, सेनिटाइजर का छिड़काव करने, मास्क बांटने, पेंशन और राशन बंटवाने, टोल नाकों में दिन और रात में ड्यूटी करने का काम पंचायत सचिव और रोजगार सहायक कर रहे हैं.

पंचायत सचिवों और रोजगार सहायकों ने रखी मांगें

1. प्रदेश भर में पंचायत सचिवों, रोजगार सहायकों, जनपद सीईओ, पीसीओ एवम अन्य अमले से व्हाट्एप मैसेज से निर्देशित करके ड्यूटी कराई जा रही है, कृपया लिखित ड्यूटी आदेश सक्षम अधिकारी से कराया जाये, जिससे ड्यूटी के दौरान कोई अनहोनी होती है तो संबंधित पंचायत सचिव एवम रोजगार सहायक के परिवारजन बीमित राशि 50 लाख रुपये के लिए क्लेम कर सकें.

2. ड्यूटी के दौरान अनहोनी होने पर राज्य शासन द्वारा 50 लाख की क्षतिपूर्ति राशि(बीमा) की पात्रता पंचायत सचिव, रोजगार सहायक,जनपद सीईओ, पीसीओ सहित अमले को होने संबंधी स्पष्ट आदेश प्रसारित किए जाएं.

3. पंचायत सचिवों और रोजगार सहायकों के साथ ड्यूटी के दौरान पास नहीं होने से पुलिस के द्वारा मारपीट की घटनाएं रोज हो रही हैं, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व के हस्ताक्षर से पास जारी करवाए जाएं.

4. ग्रामों के ड्यूटी के दौरान उपद्रवियों के द्वारा मारपीट आदि घटनाएं अलग-अलग जगहों पर रोज हो रही है, ऐसे आरोपियों सख्त कार्रवाई की जाए.

5. प्रदेश के पंचायत सचिवों का 3-4 महीनों का वेतन भुगतान लंबित है, जबकि प्रदेश के अधिकारियों समेत वरिष्ठ कर्मचारियों के वेतन भुगतान प्रतिमाह हो रहा है, शीघ्र वेतन भुगतान कराया जाए. यदि समय रहते इन समस्याओं का निराकरण नहीं किया जाता है. तब हमें मजबूरन कोरोना के खिलाफ लड़ाई से अपने कदम पीछे खींचने होंगे.

भोपाल। एमपी में कोरोना का कहर जारी है. इस महामारी के खिलाफ जारी इस जंग में पंचायत सचिव और रोजगार सहायक पूरी मेहनत के साथ जुटे हुए हैं. कोरोना के खिलाफ इस आंदोलन में ड्यूटी के दौरान प्रदेश के पंचायत सचिवों और रोजगार सहायकों को समस्यायों का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने सीएम के सामने अपनी समस्याएं रखीं और उनका हल करने की गुहार भी लगाई है.

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पंचायत सचिव कई समस्याओं से हैं परेशान

दरअसल, प्रदेश के हर ग्राम में मजदूरी सहित अन्य कारणों से प्रदेश के बाहर गए सैकड़ों की संख्या में ग्रामवासी वापस लौटकर आये हैं, जिनकी जानकारी लगते ही अस्पताल तक लाने, उनका चेकअप कराने, उनके निवास एवम भोजन की समुचित व्यवस्था करने, सेनिटाइजर का छिड़काव करने, मास्क बांटने, पेंशन और राशन बंटवाने, टोल नाकों में दिन और रात में ड्यूटी करने का काम पंचायत सचिव और रोजगार सहायक कर रहे हैं.

पंचायत सचिवों और रोजगार सहायकों ने रखी मांगें

1. प्रदेश भर में पंचायत सचिवों, रोजगार सहायकों, जनपद सीईओ, पीसीओ एवम अन्य अमले से व्हाट्एप मैसेज से निर्देशित करके ड्यूटी कराई जा रही है, कृपया लिखित ड्यूटी आदेश सक्षम अधिकारी से कराया जाये, जिससे ड्यूटी के दौरान कोई अनहोनी होती है तो संबंधित पंचायत सचिव एवम रोजगार सहायक के परिवारजन बीमित राशि 50 लाख रुपये के लिए क्लेम कर सकें.

2. ड्यूटी के दौरान अनहोनी होने पर राज्य शासन द्वारा 50 लाख की क्षतिपूर्ति राशि(बीमा) की पात्रता पंचायत सचिव, रोजगार सहायक,जनपद सीईओ, पीसीओ सहित अमले को होने संबंधी स्पष्ट आदेश प्रसारित किए जाएं.

3. पंचायत सचिवों और रोजगार सहायकों के साथ ड्यूटी के दौरान पास नहीं होने से पुलिस के द्वारा मारपीट की घटनाएं रोज हो रही हैं, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व के हस्ताक्षर से पास जारी करवाए जाएं.

4. ग्रामों के ड्यूटी के दौरान उपद्रवियों के द्वारा मारपीट आदि घटनाएं अलग-अलग जगहों पर रोज हो रही है, ऐसे आरोपियों सख्त कार्रवाई की जाए.

5. प्रदेश के पंचायत सचिवों का 3-4 महीनों का वेतन भुगतान लंबित है, जबकि प्रदेश के अधिकारियों समेत वरिष्ठ कर्मचारियों के वेतन भुगतान प्रतिमाह हो रहा है, शीघ्र वेतन भुगतान कराया जाए. यदि समय रहते इन समस्याओं का निराकरण नहीं किया जाता है. तब हमें मजबूरन कोरोना के खिलाफ लड़ाई से अपने कदम पीछे खींचने होंगे.

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