भोपाल। लॉकडाउन के कारण अनाज, सब्जी और फल उत्पादन करने वाला किसान तो परेशान है ही, अब प्रदेश का पान किसान बर्बादी की कगार पर पहुंच गया है. मध्यप्रदेश के पान की मांग देश के अलावा भी पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान, बांग्लादेश में भी है. लेकिन लॉकडाउन के कारण परिवहन की अनुमति ना होने से खड़ी फसल खराब हो रही है. इस पर चिंता व्यक्त करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को पत्र लिखा है और कहा है कि बिहार, यूपी जैसे राज्यों में पान किसानों को निर्यात की अनुमति दी गई है, इसलिए मध्यप्रदेश में भी दी जाए.
पान किसान पर आर्थिक संकट
रेल यातायात के माध्यम से बंगाल का मीठा पत्ता तो मध्यप्रदेश में आ रहा है लेकिन मध्यप्रदेश का बंगला पान मध्यप्रदेश में ही है. जबकि इसकी भारी मांग पाकिस्तान और बांग्लादेश जैसे देशों तक होती है. इस मामले में मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को पत्र लिखकर पान व्यापारियों की समस्या की ओर ध्यान दिलाया है. उन्होंने कहा की पान किसान और व्यापारियों का जीवन यापन कठिन हो चुका है. अतः ग्रीन जोन वाले क्षेत्रों में पान व्यापार को मुक्त किया जाए साथ ही फुटकर पान व्यापारियों के नुकसान का आंकलन कर राहत दी जाए.
10 प्रतिशत पान है सुरक्षित
प्रदेश के पान किसानों की स्थिति की बात करें तो मध्यप्रदेश में सागर, दमोह, छतरपुर, ग्वालियर, जबलपुर, रीवा ,सतना, नरसिंहपुर, होशंगाबाद और पन्ना जिले में पान की खेती होती है, इस व्यापार से देश को विदेशी धन निर्यात द्वारा मिलता है दुर्भाग्य है कि कोरोना की मार में किसानों की चर्चा तो हो रही है, लेकिन पान किसानों को कोई पूछ नहीं रहा है.
मौजूदा स्थिति में सिर्फ 10 प्रतिशत पान बेचने योग्य बचा है बाकी पान बर्बाद हो गया है. बंगाल बिहार और उत्तर प्रदेश की सरकारों ने पान किसानों की समस्या समझते हुए पान के निर्यात करने के लिए अनुमति जारी कर दी है लेकिन मध्यप्रदेश में पान का किसान हताश है और न्याय की गुहार लगा रहा है.