राजधानी भोपाल में गणेश विसर्जन के दौरान एक दर्दनाक हादसा हुआ, जिसमें 11 लोगों की मौत हो गई है, 5 लोगों को SDRF की टीम ने बचा लिया है और दो लोगों की तलाश अभी की जा रही है, हादसे के दौरान नाव पर 19 लोग सवार थे, गणेश प्रतिमा को विसर्जन के लिए दो नाव पर ले जाया जा रहा था, तालाब के बीचोंबीच पहुंचने के बाद अचानक विशाल गणेश प्रतिमा तालाब में डूबने लगी और सभी लोगों का बैलेंस बिगड़ गया जिसके बाद 11 लोग काल के मुंह में समां गए.
गणेश विसर्जन तब अचानक शोक में बदल गया जब दो नाव पर मौजूद भगवान को विर्सजित करने के लिए खटलापुरा घाट पहुंचे और अचानक दोनों नाव डूबने से उन पर सवार 19 लोग पानी में डूबने लगे, जैसे ही नाव पानी में डूबी तो सभी लोग पानी में जा गिरे औऱ अपने आप को बचाने की जद्दोजहद करने लगे. लेकिन सबकी कोशिशें कुछ देर बाद दम तोड़ने लगी, और 11 लोगों की डूबने से मौत हो गई, और एसडीआरएफ के जवानों ने 5 लोगों को जिंदा बचा लिया गया अभी भी बचे हुए दो लोगों की तलाश जारी है.
दर्दनाक हादसे के बाद पूरा शासन प्रशासन मौके पर पहुंचा, एसडीआरएफ टीम ने प्रशासन पर लापरवाही करने का आरोप लगाया है उनका कहना है कि उन्होंने पहले ही प्रशासन को ऐसी घटनाओं को लेकर सर्तक रहने के लिए कहा था. वहीं दूसरी तरफ प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह भी मृतकों के परिजनों से मुलाकात कर भावुक हो गए साथ ही उन्होंने परिजनों को ऐसे समय में हिम्मत रखने को कहा, सरकार से उन्होंने मांग की है कि सभी मृतकों के परिजनों को 25-25 लाख की सहायता राशि और सरकारी नौकरी दी जाए.
हमीदिया अस्पताल में मृतकों के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है, उनके परिवार के सदस्यों के शव अब उनकी आंखों के सामने हैं, लेकिन अब वो न तो उनसे बात कर सकते हैं न ही उनसे मिल सकते हैं, परिजनों ने प्रशासन पर आरोप लगाया है कि जब इतने ज्यादा लोग नाव में सवार होकर जा रहे थे तो प्रशासन ने उन्हें रोका क्यों नहीं, किसी मां का बेटा , किसी बहन का भाई इस हादसे में उनसे हमेशा हमेशा के लिए दूर चला गया है. प्रशासन ने नाव चालकों पर गैर इरादतन हत्या का आरोप लगाते हुए उनको हिरासत में ले लिया है. वहीं दूसरी तरफ प्रदेश के मुखिया कमलनाथ ने भी घटना पर शोक संवेदना व्यक्त की हैं उनका कहना है कि पूरे मामले की न्यायिक जांच भी कराई जाएगी जो भी दोषी पाया जाएगा उसको बख्शा नहीं जाएगा.मृतकों के परिजनों को 11- 11 लाख की सहायता राशि देने की भी घोषणा कर दी गई है.
खुशी से किया जा रहा बप्पा का विसर्जन अचानक दुख में बदल गया, कई परिवारों के चिराग हमेशा के लिए बुझ गए, वो लौटकर अब कभी नहीं आएंगे, सरकार ने भी अपना काम कर दिया है जांच के आदेश और मुआवजे की घोषणा भी कर दी गई है, लेकिन क्या बास्तिवता में ऐसी घटनाओं की सही से जांच होगी, क्योंकि अगर पीछे मुड़कर देखें तो कई ऐसे हादसे पहले भी हो चुके हैं.