भोपाल| सांप्रदायिक सद्भाव और भारत निर्माण विषय पर राजधानी भोपाल के व्हाइट हाउस में संवाद एवं सम्मान समारोह का आयोजन किया गया. यह कार्यक्रम संवाद संस्था यथार्थ ने आयोजित किया था. इस मौके पर कांग्रेस प्रत्याशी और मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि आज के वातावरण में कभी मेरे लिए धर्म विषय नहीं हो सकता है. सभी धर्मों का सम्मान करना मेरे माता-पिता ने मुझे सिखाया है.
दिग्विजय सिंह का कहना है कि मैंने अपने जीवन में सभी धर्मों के धर्म ग्रंथों का अध्यन बखूबी किया है और इन सभी धर्म ग्रंथों का मूल आधार केवल इंसानियत है, जो सभी को समझना चाहिए. यह बात समझने की जरूरत है कि आप कैसे अच्छे इंसान बन सकते हैं, क्योंकि एक अच्छा इंसान बनना ही सबसे अच्छा धर्म है. भले ही सभी का रास्ता अलग-अलग हो, लेकिन सभी की मंजिल एक ही है और वह मंजिल है इंसानियत की.
दिग्विजय सिंह ने कहा कि यदि किसी के परिवार में थोड़ी सी भी कटुता आ जाए तो परिवार टूट जाता है, वैसे ही 130 करोड़ से ज्यादा लोगों के देश में हम धर्म के नाम पर, जाति के नाम पर, संप्रदाय के नाम पर अलग-अलग हो जाएंगे, तो क्या भारत का निर्माण हो सकता है. उन्होंने कहा कि मुझे इस बात का बेहद दुख है कि अब धर्म को बांटने का एक सिलसिला चल गया है, लेकिन कम से कम शहीदों को तो इस तरह से मत बांटो. जिस व्यक्ति ने अपने देश के लिए सब कुछ न्योछावर कर दिया, जिन्होंने आतंकवादियों से लड़ते हुए अपनी जान गंवा दी, कम से कम उनकी शहादत पर तो राजनीति मत करो.