भोपाल/जबलपुर। शिवसेना ने प्रदेश में चल रहे प्राइवेट स्कूलों व अस्पतालों के लिए फीस निर्धारित करने के लिए मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम को ज्ञापन सौंपा है, जबकि जबलपुर में आयुध निर्माण कर्मचारियों ने अपनी हड़ताल समाप्त कर दी है. आयुध फैक्ट्रियों के निजीकरण के विरोध में कर्मचारी पिछले पांच दिनों से हड़ताल पर थे.
भोपाल में शिवसेना प्रदेश अध्यक्ष ठाड़ेश्वर महावर का कहना है कि प्रदेश के प्राइवेट स्कूलों और अस्पतालों में किसी भी तरह की फीस का कोई मापदंड तय नहीं है, जिससे प्राइवेट स्कूलों व अस्पतालों में आम लोगों को खुलेआम लूटा जा रहा है, उन्होंने बताया कि यदि माचिस भी खरीदें तो उसका भी एमआरपी होता है, लेकिन स्कूल व अस्पतालों में किसी भी तरह का कोई मापदंड निर्धारित नहीं है. इसके बावजूद शिक्षा विभाग कुंभकर्णी नींद सो रहा है. प्राइवेट व मिशनरी स्कूलों में हर साल फीस में बढ़ोत्तरी की जाती है, जिस पर तत्काल रोक लगाई जानी चाहिए. शिवसेना ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि मनमानी करने वाले स्कूलों पर तत्काल कार्ररवाई की जाए, नहीं तो शिवसेना उग्र आंदोलन करेगी.
जबलपुर में आयुध निर्माण कर्मचारियों की हड़ताल रविवार को समाप्त हो गयी है, सोमवार से कर्मचारी काम पर आयेंगे, पांच दिन चली हड़ताल के बाद केंद्र सरकार ने एक वक्तव्य जारी किया है, जिसमें कर्मचारियों की मांग पर विचार करने की बात कही है और निगमिकरण की प्रक्रिया को फिलहाल रोक दिया गया है, इसलिए कर्मचारी दोबारा काम पर लौट आए हैं. देश भर के लगभग 84 हजार आयुध निर्माण कर्मचारी पिछले 5 दिनों से हड़ताल पर थे, केंद्र सरकार सरकारी क्षेत्र की रक्षा उत्पादन इकाइयों को निगम बनाने की तैयारी में है और निगम बनने के बाद इन इकाइयों का अस्तित्व खतरे में आ जाएगा, सरकार की इसी नीति के खिलाफ आयुध निर्माण फैक्ट्रियों के कर्मचारियों ने हड़ताल कर दी थी.