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संविदा कर्मचारियों को नौकरी से बाहर किए जाने के आदेश, महासंघ ने सीएम के सामने रखी ये मांग

मध्य प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने 27 जिलों में कई संविदा कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त करने के आदेश जारी कर दिए हैं. जिसके बाद म.प्र. संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर ने एक मांग रखी है. पढ़िए पूरी खबर...

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Published : May 5, 2020, 7:28 PM IST

shivraj singh
शिवराज सिंह

भोपाल। लॉकडाउन के समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के किसी भी सरकारी एवं प्राइवेट संस्था में कर्मचारियों की सेवाएं भी समाप्त नहीं करने का निर्देश दिया है, वहीं मध्य प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने 27 जिलों में कई संविदा कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त करने के आदेश जारी कर दिए. डॉ. फटिंग राहुल हरिदास, संचालक राजीव गांधी जलग्रहण क्षेत्र प्रबंधन मिशन मध्यप्रदेश भोपाल के हस्ताक्षर से दिनांक 4 मई 2020 को सेवा समाप्ति के आदेश जारी किए गए हैं.

संविदा कर्मचारियों को नौकरी से बाहर किए जाने के आदेश

जिला पंचायत आगर मालवा, अनूपपूर, अशोकनगर, बालाघाट, भिण्ड, बुरहानुपर, छतरपुर, छिन्दवाडा, दमोह, दतिया, देवास, डिण्डोरी, हरदा, होशंगाबाद, पन्ना, रायसेन, राजगढ़, सागर, सतना, सीहोर, शहडोल, शाजापुर, श्योपुर, शिवपुरी, सिंगरौली, टीकगमढ़ एवं उमरिया के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना-वाटरशेड विकास अंतर्गत वर्ष 2010-11 में स्वीकृत परियोजनाओं के संविदा सेवकों की सेवा समाप्ति के विषय में आदेशित किया गया है.

Copy of order
आदेश की कॉपी

पिछले दस सालों से कर रहे थे काम

ये कर्मचारी विगत 2010-11 से वाटरशेड मिशन में कार्य कर रहे थे, जिनको कार्य करते हुये 8 से 10 वर्ष हो गये हैं, जो कि उपयंत्री, ब्लाक समन्वयक एवं अन्य जिला स्तरीय अमला शामिल हैं. सबसे बडी़ उल्लेखनीय बात यह है कि जिलों में कार्यरत इन कर्मचारियों की ड्यूटी कोविड19 के अंतर्गत कलेक्टर ने लगाई हुई है. दस साल से कार्य कर रहे संविदा कर्मचारियों की अचानक इस तरह से सेवा समाप्ति के इस आदेश से इनके सामने रोजी रोटी का संकट पैदा हो गया है और सब अपने घर परिवार को लेकर कहां जायेंगे.

मुख्यमंत्री के सामने रखी ये मांग

म.प्र. संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर ने कहा है कि इन संविदा कर्मचारियों की नौकरी बचाई जा सकती है. यदि विभाग के अधिकारी चाहें तो. पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की अन्य परियोजनाएं जैसे ग्रामीण आवास मिशन, राष्ट्रीय आजीविका मिशन, मनरेगा, स्वच्छ भारत मिशन आदि योजनाओं में संविलियन किया जा सकता है और इस संबंध में पिछले एक साल से कोई निर्णय नहीं हो पाया है. रमेश राठौर ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मांग की है कि वाटरशेड मिशन के संविदा कर्मचारियों को अन्य योजनाओं में संविलियन किया जाये.

भोपाल। लॉकडाउन के समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के किसी भी सरकारी एवं प्राइवेट संस्था में कर्मचारियों की सेवाएं भी समाप्त नहीं करने का निर्देश दिया है, वहीं मध्य प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने 27 जिलों में कई संविदा कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त करने के आदेश जारी कर दिए. डॉ. फटिंग राहुल हरिदास, संचालक राजीव गांधी जलग्रहण क्षेत्र प्रबंधन मिशन मध्यप्रदेश भोपाल के हस्ताक्षर से दिनांक 4 मई 2020 को सेवा समाप्ति के आदेश जारी किए गए हैं.

संविदा कर्मचारियों को नौकरी से बाहर किए जाने के आदेश

जिला पंचायत आगर मालवा, अनूपपूर, अशोकनगर, बालाघाट, भिण्ड, बुरहानुपर, छतरपुर, छिन्दवाडा, दमोह, दतिया, देवास, डिण्डोरी, हरदा, होशंगाबाद, पन्ना, रायसेन, राजगढ़, सागर, सतना, सीहोर, शहडोल, शाजापुर, श्योपुर, शिवपुरी, सिंगरौली, टीकगमढ़ एवं उमरिया के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना-वाटरशेड विकास अंतर्गत वर्ष 2010-11 में स्वीकृत परियोजनाओं के संविदा सेवकों की सेवा समाप्ति के विषय में आदेशित किया गया है.

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पिछले दस सालों से कर रहे थे काम

ये कर्मचारी विगत 2010-11 से वाटरशेड मिशन में कार्य कर रहे थे, जिनको कार्य करते हुये 8 से 10 वर्ष हो गये हैं, जो कि उपयंत्री, ब्लाक समन्वयक एवं अन्य जिला स्तरीय अमला शामिल हैं. सबसे बडी़ उल्लेखनीय बात यह है कि जिलों में कार्यरत इन कर्मचारियों की ड्यूटी कोविड19 के अंतर्गत कलेक्टर ने लगाई हुई है. दस साल से कार्य कर रहे संविदा कर्मचारियों की अचानक इस तरह से सेवा समाप्ति के इस आदेश से इनके सामने रोजी रोटी का संकट पैदा हो गया है और सब अपने घर परिवार को लेकर कहां जायेंगे.

मुख्यमंत्री के सामने रखी ये मांग

म.प्र. संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर ने कहा है कि इन संविदा कर्मचारियों की नौकरी बचाई जा सकती है. यदि विभाग के अधिकारी चाहें तो. पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की अन्य परियोजनाएं जैसे ग्रामीण आवास मिशन, राष्ट्रीय आजीविका मिशन, मनरेगा, स्वच्छ भारत मिशन आदि योजनाओं में संविलियन किया जा सकता है और इस संबंध में पिछले एक साल से कोई निर्णय नहीं हो पाया है. रमेश राठौर ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मांग की है कि वाटरशेड मिशन के संविदा कर्मचारियों को अन्य योजनाओं में संविलियन किया जाये.

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