भोपाल। मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार आगामी बजट के लिए जनता से सुझाव मांग रही है. जनता के सुझाव आना भी शुरू हो गए हैं. उसमें एक सुझाव शराब की होमडिलेवरी का भी मिला है. सूत्रों की माने तो देश के कई राज्यों ने यह व्यवस्था की है और उसके परिणाम संतोषजनक आए हैं. ऐसे में सरकार इस पर गंभीरता से विचार कर रही है. वहीं दूसरी तरफ विपक्ष सरकार पर जमकर हमला पर हो गई है. विपक्ष का कहना है कि अब सरकार को बेटी बचाओ और तमाम तरह के ढोंग बंद कर देना चाहिए.
सरकार ने बजट के लिए मांगे थे सुझाव
आगामी वित्तीय वर्ष के बजट के लिए शिवराज सरकार ने प्रदेश की जनता से सुझाव मांगे हैं. सरकार के लिए जनता के कई लोग सुझाव भी दे रहे हैं, लेकिन एक सुझाव की जमकर चर्चा हो रही है. किसी व्यक्ति ने सरकार को सुझाव दिया है कि शराब की होम डिलीवरी की जाए. सुझाव देने वाले व्यक्ति ने भी कहा है कि कई राज्यों में यह प्रयोग किया गया है, जो काफी सफल हुआ है और सरकार के राजस्व में बढ़ोतरी हुई है. राजस्व में बढ़ोतरी के सुझाव के आधार पर सरकार इस पर गंभीरता से विचार कर रही है और दूसरे राज्यों के मॉडल का अध्ययन कर रही है.
ढोंग बंद करें- मप्र कांग्रेस
मप्र कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता का कहना है कि मध्यप्रदेश सरकार जो कर्ज निर्भर सरकार है. 24 घंटे जिसका कर्ज के बिना काम नहीं चल रहा है. वह आत्म निर्भरता की बात कर रही है, उसके पास अब ऐसे ही सुझाव बचे हैं. इन सुझावों में अगर उन्हें शराब की होम डिलीवरी करवानी है, जो बीच में उन्होंने करवाई थी.
भूपेंद्र गुप्ता ने कहा कि होशंगाबाद और बुधनी में पुलिस के ऑटो में शराब बेचने के वीडियो सार्वजनिक हुए थे. अगर इसी रास्ते पर प्रदेश को आगे ले जाना है, तो यह चरित्र, महानता और बेटी बचाओ जैसे स्वांग और ढोंग को जनता के सामने नहीं करना चाहिए. सीधी-सीधी अपनी योजनाएं लागू करें, जनता स्वयं प्रतिक्रिया देगी. इसी तरह मध्यप्रदेश का बजट बनेगा कि मध्य प्रदेश में शराब घर-घर पहुंच गई है, यह बहुत निंदनीय है.
अभी तो ये केवल सुझाव है
मप्र भाजपा के प्रवक्ता राकेश शर्मा का कहना है कि मध्य प्रदेश में जनता की सरकार है और जनता की सरकार जनता से सुझाव मांग रही है कि वह कैसा बजट चाहती है. उसमे कैसे-कैसे प्रावधान इसमें चाहती है. कई तरह के सुझाव जनता की तरफ से आ रहे हैं. एक सुझाव यह भी आया है कि राजस्थान और छत्तीसगढ़ में यह प्रयोग सफल रहा है. देखते हैं कि सरकार क्या निर्णय लेती है, अभी तो यह सुझाव के रूप में है.