भोपाल। प्रदेश में हुए नगरीय निकाय में महापौर पद की एक सीट पर एआईएमआईएम और आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस व बीजेपी का गणित बिगाड़ कर रख दिया. कांग्रेस बुरहानपुर सीट जीतने को लेकर पूरी तरह आश्वस्त थी और चुनावी आंकड़े भी कांग्रेस के दावों का समर्थन कर रहे थे, लेकिन ओवैसी की पार्टी ने कांग्रेस की जीत को हार में बदल दिया., उधर कांग्रेस का कहना है कि ओवैसी बीजेपी की ही टीम बी है और यह बात हम शुरू से कहते आ रहे हैं. नतीजों में यह साफ हो गया है.
AIMIM व AAP ने ऐसे पहुंचाया नुकसान : बुरहानपुर में कांग्रेस की जीत पक्की मानी जा रही थी. जीत को पुख्ता करने के लिए कांग्रेस ने मुस्लिम बहुल इस सीट पर मुस्लिम कैंंडीडेट शहनाज आलम को मैदान में उतारा, लेकिन ओवैसी और आप की एंट्री ने कांग्रेस की जीत का हार बीजेपी के गले में डाल दिया. बीजेपी की उम्मीदवार माधुरी पटेल को 52 हजार 823 वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस की शहनाज बानो को 52281 वोट प्राप्त हुए. इस तरह दोनों के बीच हार- जीत का अंतर सिर्फ 542 वोटों का ही रहा.
कांग्रेस को बुरहानपुर का जख्म दिया : बुरहानपुर में एआईएमआईएम की उम्मीदवार शाईस्ता हाशमी को 10322 वोट मिले. यहां आम आदमी पार्टी की प्रतिभा दीक्षित 2908 वोट झटकने में कामयाब रहीं. जबकि नोटा पर स्थानीय लोगों ने 674 वोट डाले यानी यह वोट किसी के खाते में नहीं गया. बुरहानपुर में कांग्रेस की हार के पीछे एआईएमआईएम और आप को बड़ी वजह माना जा रहा है. बताया जा रहा है कि एआईएमआईएम ने सबसे ज्यादा नुकसान कांग्रेस को ही पहुंचाया है. बीएसपी उम्मीदवार कविता गाढ़े ने भी कांग्रेस को नुकसान पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी. बीएसपी ने यहां 3185 वोट हासिल किए हैं.
खंडवा में भी ओवैसी को मिली बढ़त : उधर, खंडवा में भी ओवैसी के एआईएमआईएम को मिली बढ़त ने कांग्रेस की हार के अंतर को और बढ़ा दिया. एआईएमआईएम के उम्मीदवार फातिमा ने 9 हजार 601 वोट प्राप्त किए. कांग्रेस खंडवा सीट पर 19 हजार 795 वोटों से हार गई. खंडवा में एआईएमआईएम पार्षद के रूप में खाता खोलने में भी सफल हो गई.
ओवैसी और आप को मिला बूस्टर : राजनीति के जानकार और वरिष्ठ पत्रकार केडी शर्मा कहते हैं कि निकाय चुनाव में जीत से ओवैसी की एआईएमआईएम और आप को बूस्टर डोज मिल गया है. आम आदमी पार्टी को सिंगरौली में लंबे समय से सक्रियता का लाभ मिला है. दिल्ली के बाद पंजाब में आप की सरकार ने पार्टी को लेकर लोगों में विश्वास जगाया है. वहीं, मुस्लिम बहुल इलाकों में एआईएमआईएम के उम्मीदवार अपनी जगह बनाने में कामयाब रहे. यह स्थिति निश्चित तौर से आगामी विधानसभा चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस के लिए चिंताजनक होगी. वैसे कांग्रेस एआईएमआईए को बीजेपी की बी पार्टी बता रही है, क्योंकि उससे सबसे ज्यादा नुकसान कांग्रेस को ही पहुंचा है. उधर, कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी के मुताबिक "हम पहले से कहते आ रहे हैं कि ओवैसी की पार्टी बीजेपी की बी पार्टी हैं. अब हमारी बात और पुख्ता हुई है."
क्या विधानसभा चुनाव में होगा असर : निकाय चुनाव में अपना खाता खोल चुकी आम आदमी पार्टी और एआईएमआईएम अब आगामी विधानसभा चुनाव में और सक्रियता के साथ मैदान में उतरेंगी. आम आदमी पार्टी ने पिछले विधानसभा चुनाव में कई स्थानों पर उम्मीदवार मैदान में उतारे, लेकिन किसी भी सीट पर अपनी जमानत नहीं बचा सके थे. सिंगरौली के नतीजों से आप उम्मीदवार अब दोगुने जोश से उतरेंगे. उधर, एआईएमआईएम ने कई स्थानों पर बीजेपी-कांग्रेस का खेल बिगाड़ा है, विधानसभा चुनाव में देखना होगा वह अपनी इस भूमिका से कितना आगे निकल पाती है. (AIMIM and APP entry in MP) (Equations of BJP and Congress damage)