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राहत भरी खबरः OPEC बढ़ाएगा कच्चे तेल का उत्पादन, अगस्त से गिर सकते हैं पेट्रोल के दाम

ओपेक (OPEC) और संबद्ध देशों के बीच एक पूर्ण सहमति बनी है, जिसके तहत पांच ओपेक और गैर ओपेक देश अगस्त से कच्चे तेल का उत्पादन बढ़ाएंगे. इससे तेल की कीमतों पर असर पड़ेगा. ऐसे में अगस्त से पेट्रोल के दामों में गिरावट आ सकती है.

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Published : Jul 19, 2021, 5:03 PM IST

crude oil
कच्चा तेल

हैदराबाद। पेट्रोल-डीजल के दामों में हो रही बेतहाशा वृद्धि पर अगस्त से लगाम लग सकती है. यही नहीं इनके दामों में भी गिरावट आ सकती है. दरअसल, तेल उत्पादक एवं निर्यातक देशों के संगठन (ओपेक) के साथ हुई बैठक में ओपेक (OPEC) और संबद्ध देशों के बीच एक पूर्ण सहमति बनी है, जिसके तहत पांच ओपेक और गैर ओपेक देश अगस्त से कच्चे तेल का उत्पादन बढ़ाएंगे. इससे तेल की कीमतों पर असर पड़ेगा.

बढ़ेगी तेल उत्पादन की सीमा
बता दें कि रविवार को ओपेक और उसके साथी उत्पादक देशों की ऑनलाइन बैठक हुई. बैठक के बाद एक बयान जारी किया गया कि इराक, कुवैत, रूसस, सऊदी अरब और यूएई के तेल उत्पादन की सीमा बढ़ेगी. अगस्त से उसके उत्पादन में हर माह दैनिक 4,00,000 बैरल की बढ़ोतरी की जाएगी. इस तरह इस समय लागू 58 लाख बैरल/दैनिक की कटौती धीरे-धीरे 2022 के अंत तक समाप्त हो जाएगी.

पांच देशों का उत्पादन बढ़ाने पर बनी सहमति
संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के ऊर्जा मंत्री सुहैल-अल-मजरूई ने पत्रकारों को एक (पूर्ण सहमति) बनने की जानकारी दी थी. हालांकि, उन्होंने तत्काल इसका ब्योरा नहीं दिया, लेकिन सऊदी अरब के ऊर्जा मंत्री शहजादा अब्दुलअजीज बिन सलमान ने यह जरूर कहा कि समूह के बीच उत्पादन सीमा को लेकर समायोजन होगा. बाद में ओपेक के बयान में पांच देशों का उत्पादन स्तर बढ़ाने पर सहमति की जानकारी दी गई.

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2022 से यूएई कर सकेगा 35 लाख बैरल का उत्पादन
यूएई मई 2022 से प्रति दिन 35 लाख बैरल का उत्पादन कर सकेगा. खबरों के अनुसार यूएई पहले अपने लिए 38 लाख बैरल/ दैनिक उत्पादन की सीमा की मांग कर रहा था. इसी तरह सऊदी अरब की दैनिक उत्पादन सीमा 1.10 करोड़ बैरल से बढ़कर 1.15 करोड़ बैरल हो जाएगी. रूस की भी उत्पादन सीमा इतनी ही रहेगी. हालांकि इराक और कुवैत की दैनिक उत्पादन सीमा में बढ़ोतरी इससे कुछ कम रहेगी.

हैदराबाद। पेट्रोल-डीजल के दामों में हो रही बेतहाशा वृद्धि पर अगस्त से लगाम लग सकती है. यही नहीं इनके दामों में भी गिरावट आ सकती है. दरअसल, तेल उत्पादक एवं निर्यातक देशों के संगठन (ओपेक) के साथ हुई बैठक में ओपेक (OPEC) और संबद्ध देशों के बीच एक पूर्ण सहमति बनी है, जिसके तहत पांच ओपेक और गैर ओपेक देश अगस्त से कच्चे तेल का उत्पादन बढ़ाएंगे. इससे तेल की कीमतों पर असर पड़ेगा.

बढ़ेगी तेल उत्पादन की सीमा
बता दें कि रविवार को ओपेक और उसके साथी उत्पादक देशों की ऑनलाइन बैठक हुई. बैठक के बाद एक बयान जारी किया गया कि इराक, कुवैत, रूसस, सऊदी अरब और यूएई के तेल उत्पादन की सीमा बढ़ेगी. अगस्त से उसके उत्पादन में हर माह दैनिक 4,00,000 बैरल की बढ़ोतरी की जाएगी. इस तरह इस समय लागू 58 लाख बैरल/दैनिक की कटौती धीरे-धीरे 2022 के अंत तक समाप्त हो जाएगी.

पांच देशों का उत्पादन बढ़ाने पर बनी सहमति
संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के ऊर्जा मंत्री सुहैल-अल-मजरूई ने पत्रकारों को एक (पूर्ण सहमति) बनने की जानकारी दी थी. हालांकि, उन्होंने तत्काल इसका ब्योरा नहीं दिया, लेकिन सऊदी अरब के ऊर्जा मंत्री शहजादा अब्दुलअजीज बिन सलमान ने यह जरूर कहा कि समूह के बीच उत्पादन सीमा को लेकर समायोजन होगा. बाद में ओपेक के बयान में पांच देशों का उत्पादन स्तर बढ़ाने पर सहमति की जानकारी दी गई.

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2022 से यूएई कर सकेगा 35 लाख बैरल का उत्पादन
यूएई मई 2022 से प्रति दिन 35 लाख बैरल का उत्पादन कर सकेगा. खबरों के अनुसार यूएई पहले अपने लिए 38 लाख बैरल/ दैनिक उत्पादन की सीमा की मांग कर रहा था. इसी तरह सऊदी अरब की दैनिक उत्पादन सीमा 1.10 करोड़ बैरल से बढ़कर 1.15 करोड़ बैरल हो जाएगी. रूस की भी उत्पादन सीमा इतनी ही रहेगी. हालांकि इराक और कुवैत की दैनिक उत्पादन सीमा में बढ़ोतरी इससे कुछ कम रहेगी.

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