भोपाल। रेस्टोरेंट, होटल या किसी अन्य दुकान से खाने-पीने का सामान खरीदने पर वह मिस ब्रांडेड या खराब निकलता है तो उसकी ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराने के लिए एमआईएस पोषण पोर्टल की शुरुआत करीब डेढ़ साल पहले की गई थी. ताकि लोगों को ऐसे मामलों की शिकायत के लिए सरकारी दफ्तर तक न जाना पड़े और उनकी सूचना विभाग तक पहुंच जाए. इसमें सुविधा दी गई है कि शिकायतकर्ता की जानकारी को गोपनीय रखा जाएगा. शिकायतकर्ता इस पर अपने मोबाइल नंबर या मेल से भी शिकायत कर सकते हैं. लेकिन स्थिति यह है कि पिछले डेढ़ साल में इस पोर्टल पर प्रदेश भर से सिर्फ 51 शिकायतें ही पहुंची हैं.
लोगों को नहीं पोर्टल की जानकारी : पोर्टल की पहुंच प्रदेश के बड़े शहरों से आगे ही नहीं निकल सकी. यही वजह है कि सबसे ज्यादा तीन दर्जन शिकायतें सिर्फ राजधानी भोपाल से हुईं, जबकि इंदौर से 6 शिकायतें दर्ज कराई गईं. करीब 33 जिलों से इस पोर्टल पर एक भी शिकायत विभाग के पास नहीं पहुंची. पोर्टल पर शिकायत दर्ज न कराने की एक बड़ी वजह विभागीय उदासीनता है. खाद्य एवं औषधीय प्रशासन विभाग ने पोर्टल तो तैयार कराया, लेकिन इसका पर्याप्त प्रचार प्रसार नहीं किया, जिससे लोगों को इसकी जानकारी ही नहीं है.
भोपाल के लोग भी अनभिज्ञ : राजधानी भोपाल में ही लोग इस पोर्टल से अनभिज्ञ हैं. कोलार इलाके में रहने वाले संकेत गौड बताते हैं कि पिछले दिनों एक रेस्टोरेंट पर फास्ट फूड की क्वालिटी ठीक नहीं थी, लेकिन उन्हें पता ही नहीं था कि इसकी शिकायत ऑनलाइन भी की जा सकती है. इसलिए उन्होंने इसकी शिकायत दर्ज नहीं कराई. विभाग के अधिकारी भी मानते हैं कि इसकी लोगों को जानकारी नहीं है.
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शिकायत की कमिश्नर करते हैं मॉनिटरिंग : उधर, स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी के मुताबिक प्रदेश में मिलावटखोरी पर लगाम लगाने के लिए इस पोर्टल को तैयार कराया गया है. इसकी जानकारी सभी तक पहुंचे, इसके लिए एक बार फिर इसका प्रचार-प्रसार कराया जाएगा. इस पोर्टल को बहुत प्रभावी बनाया गया है. इस पर दर्ज होने वाली शिकायत पर विभाग को कार्रवाई कर अपडेट करना होता है. संबंधित इंस्पेक्टर चाहकर भी इसे अनदेखा नहीं कर सकते. पोर्टल पर आने वाली शिकायतों की रिपोर्ट सीधे कमिश्नर तक पहुंचती है. ऐसे में लापरवाही फूड इंस्पेक्टर को भारी पड़ सकती है. वैसे इस पोर्टल के अलावा खाद्य सुरक्षा प्रशासन, भोपाल में एक हेल्प डेस्क भी बनाई गई है. इसके नंबर 0755-2665036 पर भी लोग अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं.