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RTO के ऑनलाइन मोड से आसान हुआ लाइसेंस का कामकाज, संक्रमण का खतरा भी हुआ कम

देशभर में परिवहन विभाग में भी अब ऑनलाइन ही काम होने लगे हैं. भोपाल RTO में भी कोरोना काल के दौरान ऑनलाइन मोड को बढ़ावा दिया गया है. इससे एक ओर जहां दलालों की काफी कमी हुई है, वहीं लोगों और अधिकारियों-कर्मचारियों के समय की भी काफी बचत हो रही है.

Online work in Bhopal RTO
परिवहन विभाग में ऑनलाइन सेवाएं
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Published : Sep 23, 2020, 12:10 PM IST

भोपाल। कोरोना काल में लोगों को बीच संक्रमण न फैले इसके लिए सभी जगह कवायदें अपनाई जा रही हैं. सभी दुकान, मॉल और सुपरमार्केट्स में लोगों को बिना मास्क के अंदर नहीं जाने नहीं दिया जा रहा है, साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी करवाया जा रहा है. इसके अलावा ज्यादातर कामों के लिए ऑनलाइन मोड को बढ़ावा दिया जा रहा है. इसी कड़ी में परिवहन विभाग ने भी अपने सभी काम ऑनलाइन शुरू कर दिए हैं.

परिवहन विभाग में ऑनलाइन सेवाएं

लॉकडाउन के पहले भी परिवहन विभाग के कई काम ऑनलाइन ही होते थे, लेकिन लॉकडाउन के बाद विभाग ने परिवहन की सभी सेवाएं ऑनलाइन कर दी हैं, जिसके चलते अब ग्राहक लाइसेंस बनवाने के लिए रजिस्ट्रेशन, फिटनेस सर्टिफिकेट, इंश्योरेंस आदि कई कामों के लिए ऑनलाइन ही अप्लाई कर रहा हैं और अब सिर्फ फोटो के लिए ही परिवहन विभाग आ रहे हैं, इससे सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन अच्छी तरह से हो रहा है.

भीड़ से मिली निजात, कम हुआ संक्रमण का खतरा

RTO अधिकारी संजय तिवारी ने बताया कि लॉकडाउन में RTO तीन माह तक पूरी तरह बंद रहा. ऐसे में RTO को काफी नुकसान हुआ, जहां पहले एक दिन में 500 से ज्यादा रजिस्ट्रेशन होते थे, वहां अब सिर्फ 30 रजिस्ट्रेशन ही हो रहे हैं. हालांकि, ऑनलाइन काम शुरू करने से RTO का काम आर्थिक रूप से पटरी पर आया है. ऑनलाइन ग्राहक लाइसेंस के लिए अप्लाई करता है ऑनलाइन ही फीस आ जाती है. ग्राहक को सिर्फ फिंगर प्रिंट और फोटो के लिए बुलाया जाता है, जिससे RTO कार्यालय पर अब भीड़ भी एकत्रित नहीं होती है.

दलालों से भी मिला छुटकारा

अधिकारी संजय तिवारी ने बताया कि ऑनलाइन काम होने से दलालों में भी काफी कमी हुई है. अब ग्राहक RTO की वेबसाइट पर ही लाइसेंस, फिटनेस और कई काम के लिए अप्लाई करते हैं, जिससे दलालों को काम नहीं मिल पाता है. उन्होंने बताया कि RTO के बाहर बड़ी संख्या में दलाल बैठते हैं, जिससे RTO के काम पर भी असर पड़ता है, क्योंकि दलाल कार्यालय के बाहर ही ग्राहक को बहला फुसला कर ज्यादा पैसो में RTO का काम कराते हैं, जिससे RTO में आवेदन नहीं आ पाते. इस वजह से RTO को काफी नुकसान होता है, लेकिन ऑनलाइन प्रक्रिया होने से अब दलालों पर लगाम लग रही है.

हो रही समय की बचत

परिवहन विभाग में काम करने वाले कर्मचारियों ने बताया कि पहले जब ऑफलाइन काम होता था, तब ग्राहकों को डील करना काफी मुश्किल होता था. कार्यालय में लंबी लाइन लगती थी. कई बार ऐसा भी होता था कि ग्राहकों को बिना काम कराए ही लौटना पड़ता था. अब ऑनलाइन काम शुरू होने से ग्राहकों को न तो लंबी लाइनों में लगना पड़ रहा है और न ही ज्यादा अपना समय देना पड़ रहा है. इसके अलावा फार्म फिल अप करते समय ही ग्राहकों को ऑनलाइन नंबर दे दिया जाता है, जिससे ग्राहक ऑनलाइन प्रोसेस करने के बाद दिए हुए नंबर के हिसाब से ऑफिस पहुंचकर फोटो और डाक्यूमेंट्स का वेरिकेशन कराकर वापस लौट जाते हैं.

फिलहाल कोरोना काल को देखते हुए एक दिन में सिर्फ 15 लोगों को ही उनके काम के लिए ऑफिस बुलाया जा रहा है, जिससे सोशल डिस्टेंसिंग का पालन बखूबी होता है.

भोपाल। कोरोना काल में लोगों को बीच संक्रमण न फैले इसके लिए सभी जगह कवायदें अपनाई जा रही हैं. सभी दुकान, मॉल और सुपरमार्केट्स में लोगों को बिना मास्क के अंदर नहीं जाने नहीं दिया जा रहा है, साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी करवाया जा रहा है. इसके अलावा ज्यादातर कामों के लिए ऑनलाइन मोड को बढ़ावा दिया जा रहा है. इसी कड़ी में परिवहन विभाग ने भी अपने सभी काम ऑनलाइन शुरू कर दिए हैं.

परिवहन विभाग में ऑनलाइन सेवाएं

लॉकडाउन के पहले भी परिवहन विभाग के कई काम ऑनलाइन ही होते थे, लेकिन लॉकडाउन के बाद विभाग ने परिवहन की सभी सेवाएं ऑनलाइन कर दी हैं, जिसके चलते अब ग्राहक लाइसेंस बनवाने के लिए रजिस्ट्रेशन, फिटनेस सर्टिफिकेट, इंश्योरेंस आदि कई कामों के लिए ऑनलाइन ही अप्लाई कर रहा हैं और अब सिर्फ फोटो के लिए ही परिवहन विभाग आ रहे हैं, इससे सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन अच्छी तरह से हो रहा है.

भीड़ से मिली निजात, कम हुआ संक्रमण का खतरा

RTO अधिकारी संजय तिवारी ने बताया कि लॉकडाउन में RTO तीन माह तक पूरी तरह बंद रहा. ऐसे में RTO को काफी नुकसान हुआ, जहां पहले एक दिन में 500 से ज्यादा रजिस्ट्रेशन होते थे, वहां अब सिर्फ 30 रजिस्ट्रेशन ही हो रहे हैं. हालांकि, ऑनलाइन काम शुरू करने से RTO का काम आर्थिक रूप से पटरी पर आया है. ऑनलाइन ग्राहक लाइसेंस के लिए अप्लाई करता है ऑनलाइन ही फीस आ जाती है. ग्राहक को सिर्फ फिंगर प्रिंट और फोटो के लिए बुलाया जाता है, जिससे RTO कार्यालय पर अब भीड़ भी एकत्रित नहीं होती है.

दलालों से भी मिला छुटकारा

अधिकारी संजय तिवारी ने बताया कि ऑनलाइन काम होने से दलालों में भी काफी कमी हुई है. अब ग्राहक RTO की वेबसाइट पर ही लाइसेंस, फिटनेस और कई काम के लिए अप्लाई करते हैं, जिससे दलालों को काम नहीं मिल पाता है. उन्होंने बताया कि RTO के बाहर बड़ी संख्या में दलाल बैठते हैं, जिससे RTO के काम पर भी असर पड़ता है, क्योंकि दलाल कार्यालय के बाहर ही ग्राहक को बहला फुसला कर ज्यादा पैसो में RTO का काम कराते हैं, जिससे RTO में आवेदन नहीं आ पाते. इस वजह से RTO को काफी नुकसान होता है, लेकिन ऑनलाइन प्रक्रिया होने से अब दलालों पर लगाम लग रही है.

हो रही समय की बचत

परिवहन विभाग में काम करने वाले कर्मचारियों ने बताया कि पहले जब ऑफलाइन काम होता था, तब ग्राहकों को डील करना काफी मुश्किल होता था. कार्यालय में लंबी लाइन लगती थी. कई बार ऐसा भी होता था कि ग्राहकों को बिना काम कराए ही लौटना पड़ता था. अब ऑनलाइन काम शुरू होने से ग्राहकों को न तो लंबी लाइनों में लगना पड़ रहा है और न ही ज्यादा अपना समय देना पड़ रहा है. इसके अलावा फार्म फिल अप करते समय ही ग्राहकों को ऑनलाइन नंबर दे दिया जाता है, जिससे ग्राहक ऑनलाइन प्रोसेस करने के बाद दिए हुए नंबर के हिसाब से ऑफिस पहुंचकर फोटो और डाक्यूमेंट्स का वेरिकेशन कराकर वापस लौट जाते हैं.

फिलहाल कोरोना काल को देखते हुए एक दिन में सिर्फ 15 लोगों को ही उनके काम के लिए ऑफिस बुलाया जा रहा है, जिससे सोशल डिस्टेंसिंग का पालन बखूबी होता है.

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