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फेल हो रही ऑनलाइन कक्षाएं, पांच प्रतिशत से भी कम छात्रों की उपस्थिति

उच्च शिक्षा विभाग के तमाम प्रयासों के बाद भी ऑनलाइन कक्षाएं सफल नहीं हो रही हैं, इन ऑनलाइन कक्षाओं में केवल 5% छात्र ही जुड़ रहे हैं. वहीं इसके साथ छात्रों को कई समस्याएं भी आ रही हैं.

Online classes failed
ऑनलाइन क्लासेस विफल
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Published : Nov 19, 2020, 6:52 AM IST

भोपाल। प्रदेश सरकार के तमाम प्रयासों के बाद भी ऑनलाइन क्लासेस सफल नहीं हो रही है. कोरोना संक्रमण के चलते ऐसा पहली बार हुआ है जो प्रदेश की स्कूल और कॉलेज पिछले 8 माह से पूरी तरह बंद है. ऐसे में छात्रों की शिक्षा पर इसका गहरा प्रभाव पड़ रहा है. हालांकि प्रदेश सरकार यह दावा कर रही है कि ऑनलाइन कक्षाओं के माध्यम से छात्रों को शिक्षा से जोड़ने का काम उच्च शिक्षा विभाग और स्कूल शिक्षा विभाग कर रहा है, लेकिन शैक्षणिक संस्थानों की जमीनी हकीकत इससे बिल्कुल उलट है. न स्कूलों में ऑनलाइन कक्षाएं लग पा रही हैं, और न ही कॉलेजों में. प्रदेश के महाविद्यालयों की अगर बात की जाए, तो 8 माह से ऑनलाइन कक्षाएं लग रही हैं, बावजूद इसके कक्षाओं में पांच प्रतिशत भी छात्रों की उपस्थिति दर्ज नहीं हो पा रही है.

ऑनलाइन क्लासेस विफल

छात्रों की समस्या नेटवर्क, डाटा और उचित संसाधन न होना

कॉलेज में पढ़ने वाले छात्रों का कहना है जब से कॉलेज बंद हैं, तब से ऑनलाइन क्लासेस ही एकमात्र सहारा है, लेकिन ऑनलाइन क्लास में जुड़ पाना उनके लिए संभव नहीं हो पा रहा है, जो छात्र लोकल के है उन्हें नेटवर्क की समस्या इतनी ज्यादा नहीं है, लेकिन जो छात्र दूसरे रुरल एरिया में रहते हैं, उन छात्रों के लिए नेटवर्क एक बड़ी समस्या है. छात्रों का कहना है बहुत कोशिशों के बाद भी नेटवर्क के चलते ठीक तरह से कम्युनिकेशन नहीं हो पाता ऐसे में छात्र ऑनलाइन कक्षाओं को छोड़ सेल्फ स्टडी पर ही ध्यान दे रहे हैं. छात्रों का कहना है कि उम्मीद है जल्द ही कॉलेज खुले और सामान्य दिनों की तरह पढ़ाई कॉलेज में ही हो सकें. छात्रों ने बताया क्लास में केवल एक या दो बच्चे ही प्रतिदिन बैठते हैं, और ऐसी कंडीशन में प्रोफेसर भी क्लास पूरी नहीं लेते.

कॉलेज प्रबंधन ने माना, सफल नहीं ऑनलाइन क्लासेस

बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार अजीत सिंह ने माना की ऑनलाइन कक्षाएं सफल नहीं हैं, और इसमें कोई शक नहीं है. उनका कहना है कि उनके विश्वविद्यालय में लाखों छात्र पढ़ते हैं और सभी छात्रों की कक्षाएं ऑनलाइन के माध्यम से लगाई जा रही है और उच्च शिक्षा विभाग के आदेश अनुसार नवंबर माह तक निरंतर ऑनलाइन कक्षाएं चलेंगी. अजीत सिंह ने बताया कॉलेज में ज्यादातर विद्यार्थी बाहरी राज्यों से आए हुए है, ऐसे में शिक्षकों का कहना है कि छात्रों से संपर्क कर पाना मुश्किल होता है. नेटवर्क यीशु, डाटा की समस्या और कई छात्र ऐसे भी हैं जिनके पास स्मार्टफोन नहीं है, ऐसे में ऑनलाइन कक्षाएं कई प्रयासों के बाद भी सफल नहीं हो पा रही है. उनका कहना है कि इसके लिए इंतजाम सरकार को करने होंगे, कॉलेज अपने स्तर पर केवल कोशिश कर सकता है और कॉलेज प्रबंधन की कोशिश निरंतर जारी है. उन्होंने कहा जिन छात्रों के पास ऑनलाइन माध्यम नहीं है उन्हें व्हाट्सएप पर मटेरियल भेजा जाता है लेकिन उन छात्रों की मॉनिटरिंग करना भी आसान नहीं होता.

उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा छात्रों को शिक्षा से जोड़े रखने के लिए प्रयासरत है विभाग

उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव का कहना है की उच्च शिक्षा विभाग छात्रों को शिक्षा से जोड़ने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है. कोरोना महामारी के कारण हम ऑनलाइन कक्षाएं कराने के लिए मजबूर है लेकिन हर एक छात्र की मॉनिटरिंग के लिए हमने टीम बनाई है और सभी छात्र की मॉनिटरिंग की जा रही है, जो छात्र ऑनलाइन कक्षाओं से नहीं जुड़ रहे हैं उनके लिए भी कई अन्य सुविधाएं दी गई है. उन्होंने कहा यह बात स्वाभाविक है कि सामान्य दिनों की तरह कक्षाएं अब नहीं लग पा रही है और छात्र ऑनलाइन कक्षाओं से नहीं जुड़ पा रहे हैं, लेकिन यह प्रदेश सरकार की जिम्मेदारी है कि वह छात्रों को शिक्षा से वंचित न रहने दें और इसके लिए उच्च शिक्षा विभाग निरंतर प्रयास कर रहा है. उन्होंने कहा जिस तरह ओपन बुक प्रणाली से हमने परीक्षा कराई है वह सफल प्रयास है, जिसे अन्य राज्यों ने भी अपनाया है इसी तरह आगे भी सत्र को देखते हुए इसके लिए कमेटी बनाई है. प्लानिंग के साथ नए सत्र की शुरुआत होगी और समाधान निकाला जाएगा.

कोरोना के चलते जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है जिसकी वजह से छात्रों की पढ़ाई का भी काफी नुकसान हुआ है. वहीं प्रदेश सरकार लगातार बच्चों की ऑनलाइन क्लासेस को लेकर प्रयास कर रही है लेकिन इसके बावजूद भी नतीजा उम्मीद के मुताबिक नहीं मिल पा रहा है.

भोपाल। प्रदेश सरकार के तमाम प्रयासों के बाद भी ऑनलाइन क्लासेस सफल नहीं हो रही है. कोरोना संक्रमण के चलते ऐसा पहली बार हुआ है जो प्रदेश की स्कूल और कॉलेज पिछले 8 माह से पूरी तरह बंद है. ऐसे में छात्रों की शिक्षा पर इसका गहरा प्रभाव पड़ रहा है. हालांकि प्रदेश सरकार यह दावा कर रही है कि ऑनलाइन कक्षाओं के माध्यम से छात्रों को शिक्षा से जोड़ने का काम उच्च शिक्षा विभाग और स्कूल शिक्षा विभाग कर रहा है, लेकिन शैक्षणिक संस्थानों की जमीनी हकीकत इससे बिल्कुल उलट है. न स्कूलों में ऑनलाइन कक्षाएं लग पा रही हैं, और न ही कॉलेजों में. प्रदेश के महाविद्यालयों की अगर बात की जाए, तो 8 माह से ऑनलाइन कक्षाएं लग रही हैं, बावजूद इसके कक्षाओं में पांच प्रतिशत भी छात्रों की उपस्थिति दर्ज नहीं हो पा रही है.

ऑनलाइन क्लासेस विफल

छात्रों की समस्या नेटवर्क, डाटा और उचित संसाधन न होना

कॉलेज में पढ़ने वाले छात्रों का कहना है जब से कॉलेज बंद हैं, तब से ऑनलाइन क्लासेस ही एकमात्र सहारा है, लेकिन ऑनलाइन क्लास में जुड़ पाना उनके लिए संभव नहीं हो पा रहा है, जो छात्र लोकल के है उन्हें नेटवर्क की समस्या इतनी ज्यादा नहीं है, लेकिन जो छात्र दूसरे रुरल एरिया में रहते हैं, उन छात्रों के लिए नेटवर्क एक बड़ी समस्या है. छात्रों का कहना है बहुत कोशिशों के बाद भी नेटवर्क के चलते ठीक तरह से कम्युनिकेशन नहीं हो पाता ऐसे में छात्र ऑनलाइन कक्षाओं को छोड़ सेल्फ स्टडी पर ही ध्यान दे रहे हैं. छात्रों का कहना है कि उम्मीद है जल्द ही कॉलेज खुले और सामान्य दिनों की तरह पढ़ाई कॉलेज में ही हो सकें. छात्रों ने बताया क्लास में केवल एक या दो बच्चे ही प्रतिदिन बैठते हैं, और ऐसी कंडीशन में प्रोफेसर भी क्लास पूरी नहीं लेते.

कॉलेज प्रबंधन ने माना, सफल नहीं ऑनलाइन क्लासेस

बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार अजीत सिंह ने माना की ऑनलाइन कक्षाएं सफल नहीं हैं, और इसमें कोई शक नहीं है. उनका कहना है कि उनके विश्वविद्यालय में लाखों छात्र पढ़ते हैं और सभी छात्रों की कक्षाएं ऑनलाइन के माध्यम से लगाई जा रही है और उच्च शिक्षा विभाग के आदेश अनुसार नवंबर माह तक निरंतर ऑनलाइन कक्षाएं चलेंगी. अजीत सिंह ने बताया कॉलेज में ज्यादातर विद्यार्थी बाहरी राज्यों से आए हुए है, ऐसे में शिक्षकों का कहना है कि छात्रों से संपर्क कर पाना मुश्किल होता है. नेटवर्क यीशु, डाटा की समस्या और कई छात्र ऐसे भी हैं जिनके पास स्मार्टफोन नहीं है, ऐसे में ऑनलाइन कक्षाएं कई प्रयासों के बाद भी सफल नहीं हो पा रही है. उनका कहना है कि इसके लिए इंतजाम सरकार को करने होंगे, कॉलेज अपने स्तर पर केवल कोशिश कर सकता है और कॉलेज प्रबंधन की कोशिश निरंतर जारी है. उन्होंने कहा जिन छात्रों के पास ऑनलाइन माध्यम नहीं है उन्हें व्हाट्सएप पर मटेरियल भेजा जाता है लेकिन उन छात्रों की मॉनिटरिंग करना भी आसान नहीं होता.

उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा छात्रों को शिक्षा से जोड़े रखने के लिए प्रयासरत है विभाग

उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव का कहना है की उच्च शिक्षा विभाग छात्रों को शिक्षा से जोड़ने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है. कोरोना महामारी के कारण हम ऑनलाइन कक्षाएं कराने के लिए मजबूर है लेकिन हर एक छात्र की मॉनिटरिंग के लिए हमने टीम बनाई है और सभी छात्र की मॉनिटरिंग की जा रही है, जो छात्र ऑनलाइन कक्षाओं से नहीं जुड़ रहे हैं उनके लिए भी कई अन्य सुविधाएं दी गई है. उन्होंने कहा यह बात स्वाभाविक है कि सामान्य दिनों की तरह कक्षाएं अब नहीं लग पा रही है और छात्र ऑनलाइन कक्षाओं से नहीं जुड़ पा रहे हैं, लेकिन यह प्रदेश सरकार की जिम्मेदारी है कि वह छात्रों को शिक्षा से वंचित न रहने दें और इसके लिए उच्च शिक्षा विभाग निरंतर प्रयास कर रहा है. उन्होंने कहा जिस तरह ओपन बुक प्रणाली से हमने परीक्षा कराई है वह सफल प्रयास है, जिसे अन्य राज्यों ने भी अपनाया है इसी तरह आगे भी सत्र को देखते हुए इसके लिए कमेटी बनाई है. प्लानिंग के साथ नए सत्र की शुरुआत होगी और समाधान निकाला जाएगा.

कोरोना के चलते जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है जिसकी वजह से छात्रों की पढ़ाई का भी काफी नुकसान हुआ है. वहीं प्रदेश सरकार लगातार बच्चों की ऑनलाइन क्लासेस को लेकर प्रयास कर रही है लेकिन इसके बावजूद भी नतीजा उम्मीद के मुताबिक नहीं मिल पा रहा है.

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