भोपाल। बाल अधिकारों के साथ एकजुटता दर्शाने के लिए विश्व बाल दिवस के अवसर पर 20 नवंबर को मध्य प्रदेश में आदिवासी गांवों और स्मारकों को 'गो ब्लू' अभियान के तहत नीली रोशनी से सजाया जाएगा.
संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) के मध्य प्रदेश के संचार विशेषज्ञ अनिल गुलाटी ने कहा कि, 'गो ब्लू यूनिसेफ द्वारा शुरू किया गया एक अभियान है, जिसके तहत स्मारकों और इमारतों को नीली रोशनी ने सजाया जाएगा' उन्होंने कहा , मध्य प्रदेश में इस अभियान में मांडू के किले और धार जिला अस्पताल सहित अन्य स्मारकों और इमारतों को कवर किया जाएगा.
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Last year on #WorldChildrensDay, Rashtrapati Bhavan in New Delhi went blue.
— UNICEF India (@UNICEFIndia) November 19, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
On 20 Nov, monuments across India will again #GoBlue signifying the nation-wide celebration of child rights.
Together, we can #Reimagine a greener and more sustainable future, #ForEveryChild. pic.twitter.com/Pj5sdGjTsT
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— UNICEF India (@UNICEFIndia) November 19, 2020
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On 20 Nov, monuments across India will again #GoBlue signifying the nation-wide celebration of child rights.
Together, we can #Reimagine a greener and more sustainable future, #ForEveryChild. pic.twitter.com/Pj5sdGjTsT
गुलाटी ने बताया, 'इस अभियान के तहत मध्य प्रदेश पर्यटन विभाग की सभी 65 संपत्तियों के साथ-साथ भोपाल स्थित राजा भोज सेतु और भोपाल गेट को भी नीली रोशनी से सजाया जाएगा. ऐतिहासिक मांडू शहर में प्रतिष्ठित जहाज महल से लेकर ग्वालियर किले के कुछ हिस्सों और धार में जिला अस्पताल से लेकर मध्यप्रदेश के कई हिस्सों में नीले रंग की रोशनी जगमग कर दिया जाएगा'.
वैश्विक अभियान का उद्देश्य बच्चों के मुद्दों, जैसे स्वास्थ्य, सुरक्षा, शिक्षा और पोषण पर जागरुकता बढ़ाना है. एमपी पर्यटन विकास ने अपनी सभी 68 संपत्तियों (होटल, लॉज और अन्य) को नीले रंग में बच्चों के मुद्दों का समर्थन करने के लिए रोशन करने का निर्णय लिया है.
मध्य प्रदेश के पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव और मध्य प्रदेश पर्यटन विकास बोर्ड के प्रबंध निदेशक ने कहा कि, 'यूनिसेफ ने हमें इस विचार के साथ संपर्क किया और बच्चों और उनके मुद्दों का समर्थन करने के लिए हम इसके साथ जाने के लिए बहुत खुश हैं'.भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण भोपाल सर्कल ने इस अभियान के लिए मांडू में जहाज महल और ग्वालियर किले जैसे स्मारकों को नीली रोशनी से रोशन का फैसला लिया है. यूनिसेफ के संचार विशेषज्ञ अनिल गुलाटी ने कहा कि अभियान का उद्देश्य बाल अधिकारों और जलवायु परिवर्तन के प्रमुख मुद्दों और बाल अधिकारों के लिए समग्र वकालत के बारे में जानकारी फैलाना है.