भोपाल। कांग्रेस से राज्यसभा सांसद और मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने जवाहर नवोदय विद्यालय का नाम बदलने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है. उन्होंने लिखा है कि भारत के 'लाल' जवाहर लाल नेहरू की स्मृति में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने जवाहर नवोदय विद्यालयों का नामकरण किया था. ऐसे में नाम बदलने की संकीर्ण मानसिकता वाले प्रयासों को रोका जाना चाहिए. यह केंद्र सरकार द्वारा दोनों पूर्व प्रधानमंत्रियों को सच्ची श्रद्धांजलि होगी.
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नवोदय के छात्रों ने देश के विकास में अहम योगदान दिया: दिग्विजय सिंह ने लिखा, 'पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी द्वारा देश के ग्रामीण क्षेत्रों की प्रतिभाओं को सामने लाने और उनके शैक्षणिक विकास के लिए जवाहर नवोदय विद्यालय पूरे देश में प्रारंभ कराए थे. यह शिक्षा के क्षेत्र में आजादी के बाद का सबसे क्रांतिकारी कदम था. बीते 36 वर्ष में नवोदय विद्यालयों से निकले लाखों छात्रों ने देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. हमारे देश के प्रथम प्रधानमंत्री और आधुनिक भारत के निर्माता पंडित जवाहर लाल नेहरू के नाम पर नवोदय विद्यालयों का नामकरण किया गया था.'
छोटे मन से कोई बड़ा नहीं होता: दिग्विजय सिंह ने प्रधानमंत्री मोदी को लिखा है, 'आपकी सरकार शिक्षा के क्षेत्र में असाधारण काम करने की जगह पंडित जवाहर लाल नेहरू के नाम पर संचालित स्कूलों के नाम बदलने का काम कर रही है. आप पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नाम पर स्थापित इंदिरा आवास योजना का नाम बदल चुके हैं. आपके अधीन कार्यरत शिक्षा मंत्रालय द्वारा दो-दो पूर्व प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू का नाम और स्व. राजीव गांधी का काम, दोनों को ही इतिहास से मिटाने का कदम उठाया जा रहा है. भारतीय राजनीति के पुरोधा और कवि हृदय प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने भी एक कविता में लिखा था कि छोटे मन से कोई बड़ा नहीं होता, टूटे मन से कोई खड़ा नहीं होता, यह पक्तियां बहुत कुछ कह जाती हैं. लोक कल्याण की राजनीति छोटी और संकीर्ण सोच की जगह बड़े सोच के साथ काम करने की शिक्षा देती है. पहले से बनी लाइन को छोटी करके न कोई दल बड़ा बन सकता है न कोई राष्ट्र शक्तिशाली बन सकता है.'