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OBC RESERVATION: राज्य सरकार ने दाखिल किया अंतरिम आवेदन, कांग्रेस का आरोप भ्रम फैला रही है बीजेपी - आरक्षण कांग्रेस का आरोप भ्रम फैला रही है बीजेपी

प्रदेश सरकार की तरफ से 6 मामलों में अंतरिम आवेदन दायर किए हैं. इनमें ओबीसी को दिए जाने वाले बढ़े हुए 27 फीसदी आरक्षण के मामले में सुनवाई होनी है. वहीं इस मामले में प्रदेश में सियासत भी जोरों पर है. कांग्रेस ने बीजेपी पर ओबीसी आरक्षण को लेकर भ्रम फैलाने का आरोप लगाया है.

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OBC RESERVATION: राज्य सरकार ने दाखिल किया अंतरिम आवेदन
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Published : Aug 23, 2021, 9:56 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश में ओबीसी आरक्षण को लेकर सियासत जारी है. प्रदेश की बीजेपी सरकार ने सोमवार को हाईकोर्ट में ओबीसी को दिए जाने वाले 27 फ़ीसदी आरक्षण पर लगी रोक हटाने के लिए अंतरिम आवेदन फाइल किया है. इस मामले में 1 सितम्बर को सुनवाई होनी है. प्रदेश सरकार की तरफ से 6 मामलों में अंतरिम आवेदन दायर किए हैं. इनमें ओबीसी को दिए जाने वाले बढ़े हुए 27 फीसदी आरक्षण के मामले में सुनवाई होनी है. वहीं इस मामले में प्रदेश में सियासत भी जोरों पर है. कांग्रेस ने बीजेपी पर ओबीसी आरक्षण को लेकर भ्रम फैलाने का आरोप लगाया है.

OBC RESERVATION: राज्य सरकार ने दाखिल किया अंतरिम आवेदन

ओबीसी आरक्षण पर भ्रम फैला रही है बीजेपी

एक तरफ प्रदेश सरकार जहां लगातार ओबीसी आरक्षण के समर्थन में बयान जारी कर रही है, वहीं कांग्रेस ने सरकार पर ओबीसी आरक्षण को लेकर भ्रम फैलाने का आरोप लगाया है. प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने कहा कि सरकार बड़ा आरक्षण के मुद्दे पर हाई कोर्ट में बड़े बड़े वकील खड़ा करने की बातें फैलाकर भ्रम फैला रही है. कांग्रेस ने सरकार को भ्रम न फैलाने की चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर सरकार ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण देने को लेकर ईमानदार है तो उच्च न्यायालय को 14 फीसदी आरक्षण का पत्र क्यों दिया. कांग्रेस ने मांग की है कि सरकार को पहले उस पत्र को वापिस लेना चाहिए जो उसने हाई कोर्ट को सौंपा था.


कमलनाथ सरकार का फैसला ही सही
कांग्रेस का कहना है कि अदालत में अलग स्टेंड लेकर बड़े वकील खड़े करने से क्या होगा उल्टे जनता का पैसा बीजेपी के वकीलों की जेब में चला जाएगा. गुप्ता ने दावा किया कि ओबीसी को आरक्षण कमलनाथ सरकार के फैसले और 500पेज के एफिडेविट से ही मिलेगा.

यह है पूरा मामला
दरअसल,कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव 2018 में अपने वचन पत्र में ओबीसी के लिए आरक्षण 14 फीसदी से बढ़ाकर 27 फीसदी करने का वचन दिया था. कमलनाथ ने मुख्यमंत्री बनने के बाद ओबीसी आरक्षण 27 फीसदी कर दिया था, लेकिन हमेशा की तरह आरक्षण का मामला कानूनी दाव-पेंच में उलझ गया और अभी तक उलझा हुआ है.आपको बता दें कि मध्य प्रदेश में ओबीसी की आबादी करीब 55 फीसदी के आसपास है. प्रदेश में आदिवासी आबादी भी 23 फीसदी के करीब. आने वाले समय में प्रदेश में एक लोकसभा और तीन विधानसभा सीटों पर उपचुनाव है. नगरीय निकाय के चुनाव की सुगबुगाहट भी तेज है. ऐसे में दोनों ही पार्टियों की नजर अपने वोट बैंक पर है. बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही ओबीसी और आदिवासी वोटों को अपने पाले में रखने की जुगत भिड़ा रहे हैं.

भोपाल। मध्य प्रदेश में ओबीसी आरक्षण को लेकर सियासत जारी है. प्रदेश की बीजेपी सरकार ने सोमवार को हाईकोर्ट में ओबीसी को दिए जाने वाले 27 फ़ीसदी आरक्षण पर लगी रोक हटाने के लिए अंतरिम आवेदन फाइल किया है. इस मामले में 1 सितम्बर को सुनवाई होनी है. प्रदेश सरकार की तरफ से 6 मामलों में अंतरिम आवेदन दायर किए हैं. इनमें ओबीसी को दिए जाने वाले बढ़े हुए 27 फीसदी आरक्षण के मामले में सुनवाई होनी है. वहीं इस मामले में प्रदेश में सियासत भी जोरों पर है. कांग्रेस ने बीजेपी पर ओबीसी आरक्षण को लेकर भ्रम फैलाने का आरोप लगाया है.

OBC RESERVATION: राज्य सरकार ने दाखिल किया अंतरिम आवेदन

ओबीसी आरक्षण पर भ्रम फैला रही है बीजेपी

एक तरफ प्रदेश सरकार जहां लगातार ओबीसी आरक्षण के समर्थन में बयान जारी कर रही है, वहीं कांग्रेस ने सरकार पर ओबीसी आरक्षण को लेकर भ्रम फैलाने का आरोप लगाया है. प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने कहा कि सरकार बड़ा आरक्षण के मुद्दे पर हाई कोर्ट में बड़े बड़े वकील खड़ा करने की बातें फैलाकर भ्रम फैला रही है. कांग्रेस ने सरकार को भ्रम न फैलाने की चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर सरकार ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण देने को लेकर ईमानदार है तो उच्च न्यायालय को 14 फीसदी आरक्षण का पत्र क्यों दिया. कांग्रेस ने मांग की है कि सरकार को पहले उस पत्र को वापिस लेना चाहिए जो उसने हाई कोर्ट को सौंपा था.


कमलनाथ सरकार का फैसला ही सही
कांग्रेस का कहना है कि अदालत में अलग स्टेंड लेकर बड़े वकील खड़े करने से क्या होगा उल्टे जनता का पैसा बीजेपी के वकीलों की जेब में चला जाएगा. गुप्ता ने दावा किया कि ओबीसी को आरक्षण कमलनाथ सरकार के फैसले और 500पेज के एफिडेविट से ही मिलेगा.

यह है पूरा मामला
दरअसल,कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव 2018 में अपने वचन पत्र में ओबीसी के लिए आरक्षण 14 फीसदी से बढ़ाकर 27 फीसदी करने का वचन दिया था. कमलनाथ ने मुख्यमंत्री बनने के बाद ओबीसी आरक्षण 27 फीसदी कर दिया था, लेकिन हमेशा की तरह आरक्षण का मामला कानूनी दाव-पेंच में उलझ गया और अभी तक उलझा हुआ है.आपको बता दें कि मध्य प्रदेश में ओबीसी की आबादी करीब 55 फीसदी के आसपास है. प्रदेश में आदिवासी आबादी भी 23 फीसदी के करीब. आने वाले समय में प्रदेश में एक लोकसभा और तीन विधानसभा सीटों पर उपचुनाव है. नगरीय निकाय के चुनाव की सुगबुगाहट भी तेज है. ऐसे में दोनों ही पार्टियों की नजर अपने वोट बैंक पर है. बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही ओबीसी और आदिवासी वोटों को अपने पाले में रखने की जुगत भिड़ा रहे हैं.

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