भोपाल। मध्यप्रदेश में नर्सेज अपनी 8 सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन पर हैं. ऐसे में आंदोलन के पहले चरण में गुरुवार को उन्होंने काली पट्टी बांधकर काम किया, सुबह से ही भोपाल के सभी अस्पतालों में नर्सेज ने काली पट्टी बांधी और गेट के बाहर नारेबाजी कर अपनी आवाज को बुलंद किया, उन्होंने चेतावनी दी कि अगर मांगें नहीं मानी गईं, तो 22 तारीख को एक दिवसीय हड़ताल और 25 से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगी.
मध्य प्रदेश में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल थमी ही थी कि दूसरी और नर्सेज एसोसिएशन भी अब सरकार के खिलाफ लामबंद हो गए हैं. मध्यप्रदेश में नर्सों की कमी के चलते स्वास्थ्य विभाग का अमला पहले ही जूझ रहा है, दूसरी ओर सभी नर्सेज अगर हड़ताल पर चली जाती हैं, तो सरकार को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. 8 सूत्रीय मांगों को लेकर ये सभी सरकार के खिलाफ एकजुट हैं, मांगों में ग्रेड पे, इंक्रीमेंट, नाइट अलाउंस के साथ ही पदनाम बदलने की भी मांग है.
जेपी अस्पताल की नर्सेज ने भी की आवाज बुलंद
भोपाल के जयप्रकाश अस्पताल में भी नर्सेज की हड़ताल का असर देखने को मिला. हड़ताल के चलते नर्सेज ने एक ओर जहां काली पट्टी बांधकर काम किया. वहीं लंच टाइम में सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.नर्सेज का कहना है कि वे पिछले कई सालों से लगातार अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रही हैं. लेकिन सरकार के कानों में अभी तक जू नहीं रेंगी है. नर्सेस कोविड में भी लगातार काम करते हुए संक्रमित हुई हैं. कई ने अपनी जान गंवाई, लेकिन फिर भी सरकार संवेदनशीलता नहीं दिखा रही है.
JUDA के बाद अब Nursing Staff ने हड़ताल के दिए संकेत
दरअसल मध्यप्रदेश में नर्सेज को पदनाम के माध्यम से स्टाफ नर्स ही कहा जाता है. जबकि केरल, तमिलनाडु जैसे बड़े राज्यों में नर्सेज ऑफिसर के नाम से इन्हें जाना जाता है. जिसके चलते इनके मानदेय में भी बढ़ोतरी होती है. यह मांग सभी नर्सेज पिछले कई सालों से करती आ रही हैं.