ETV Bharat / state

MP में अब नर्सों ने खोला सरकार के खिलाफ मोर्चा, 8 सूत्रीय मांगों को लेकर चरणबद्ध आंदोलन शुरू - नर्सों की हड़ताल

एमपी में जूनियर डॉक्टर के बाद अब नर्सों ने अपना आंदोलन शुरू कर दिया है. अपनी मांगों को लेकर नर्सों ने चरणबद्ध आंदोलन शुरू कर दिया है.

Now nurses open front against government in MP
MP में अब नर्सों ने खोला सरकार के खिलाफ मोर्चा
author img

By

Published : Jun 8, 2021, 6:39 PM IST

भोपाल। जूनियर डॉक्टर्स के बाद अब मध्य प्रदेस में नर्सों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. इसके लिए नर्सों ने चरणबद्ध आंदोलन की शुरुआत कर दी है. वेतन विसंगतियों समेत 8 सूत्रीय मांगों को लेकर नर्सों ने आंदोलन शुरू किया है. ये नर्से 22 जून तक अलग-अलग तरीकों से विरोध जताकर सरकार से मांगे मानने की अपील करेगी. 22 जून तक मांगे नहीं माने जाने पर एक दिन की हड़ताल करेगी.

MP में अब नर्सों ने खोला सरकार के खिलाफ मोर्चा

सुल्तानिया अस्पताल में किया विरोध

मध्यप्रदेश में नर्सों की कमी के चलते स्वास्थ्य विभाग का अमला पहले ही जूझ रहा है. दूसरी तरफ नर्सों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. मंगलवार को भोपाल में सुल्तानिया अस्पताल के बाहर नर्सों ने नारेबाजी कर विरोध किया. ये नर्से अपनी 8 सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन कर रही है. इन मांगों में ग्रेड पे, इंक्रीमेंट, नाइट अलाउंस, के साथ ही पदनाम बदलने की मांग शामिल है.

8 सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल

मध्यप्रदेश में नर्सेज को पदनाम के माध्यम से स्टाफ नर्स कहा जाता है. जबकि केरल, तमिलनाडु जैसे राज्यों में नर्सेज ऑफिसर के नाम से इन्हें जाना जाता है. जिसके चलते इनके मानदेय में भी बढ़ोतरी होती है. इसलिए पदनाम बदलने की मांग भी नर्सेज सालों से करती आ रही है. नर्सेज एसोसिएशन ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगों का निराकरण नहीं किया गया तो वह अनिश्चितकालीन हड़ताल पर भी जा सकते हैं. 22 जून को ये नर्से 1 दिन की हड़ताल करेगी और मांगे नहीं माने जाने पर 25 जून से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चली जाएगी.

FCI रिश्वत मामले में MP और महाराष्ट्र में 13 स्थानों पर CBI के छापे, दस्तावेज जब्त किए

प्रदेश में है नर्सों की कमी

एमपी के 13 मेडिकल कॉलेज और सैकड़ों सरकारी अस्पताल में वैसे ही नर्सों की कमी बनी हुआ है. जानकारी के अनुसार दो हजार बिस्तर के अस्पताल में आठ हजार नर्सों की जरूरत होती है. प्रदेश के इन सभी मेडिकल कॉलेज और सरकारी अस्पतालों में परमानेंट नर्स की मौजूदा संख्या 28 हजार से 30 हजार है. जबकि मौजूदा स्थिति में प्रदेश में 50 से 60 हजार नर्सों की जरुरत है. सरकार ने तीस हजार के लगभग पदों पर तो नर्सेज की परमानेंट नियुक्ति करके रखी है. लेकिन बचे हुए 15 हजार से 20 हजार पदों पर संविदा के द्वारा नियुक्ति किए जाने का प्रावधान रखा है. जिसका जिम्मा एनएचएम को दिया गया है. वहीं प्रदेश में 4000 से अधिक पद अभी भी खाली हैं जिन पर नर्सों की नियुक्ति नहीं हुई है.

भोपाल। जूनियर डॉक्टर्स के बाद अब मध्य प्रदेस में नर्सों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. इसके लिए नर्सों ने चरणबद्ध आंदोलन की शुरुआत कर दी है. वेतन विसंगतियों समेत 8 सूत्रीय मांगों को लेकर नर्सों ने आंदोलन शुरू किया है. ये नर्से 22 जून तक अलग-अलग तरीकों से विरोध जताकर सरकार से मांगे मानने की अपील करेगी. 22 जून तक मांगे नहीं माने जाने पर एक दिन की हड़ताल करेगी.

MP में अब नर्सों ने खोला सरकार के खिलाफ मोर्चा

सुल्तानिया अस्पताल में किया विरोध

मध्यप्रदेश में नर्सों की कमी के चलते स्वास्थ्य विभाग का अमला पहले ही जूझ रहा है. दूसरी तरफ नर्सों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. मंगलवार को भोपाल में सुल्तानिया अस्पताल के बाहर नर्सों ने नारेबाजी कर विरोध किया. ये नर्से अपनी 8 सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन कर रही है. इन मांगों में ग्रेड पे, इंक्रीमेंट, नाइट अलाउंस, के साथ ही पदनाम बदलने की मांग शामिल है.

8 सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल

मध्यप्रदेश में नर्सेज को पदनाम के माध्यम से स्टाफ नर्स कहा जाता है. जबकि केरल, तमिलनाडु जैसे राज्यों में नर्सेज ऑफिसर के नाम से इन्हें जाना जाता है. जिसके चलते इनके मानदेय में भी बढ़ोतरी होती है. इसलिए पदनाम बदलने की मांग भी नर्सेज सालों से करती आ रही है. नर्सेज एसोसिएशन ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगों का निराकरण नहीं किया गया तो वह अनिश्चितकालीन हड़ताल पर भी जा सकते हैं. 22 जून को ये नर्से 1 दिन की हड़ताल करेगी और मांगे नहीं माने जाने पर 25 जून से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चली जाएगी.

FCI रिश्वत मामले में MP और महाराष्ट्र में 13 स्थानों पर CBI के छापे, दस्तावेज जब्त किए

प्रदेश में है नर्सों की कमी

एमपी के 13 मेडिकल कॉलेज और सैकड़ों सरकारी अस्पताल में वैसे ही नर्सों की कमी बनी हुआ है. जानकारी के अनुसार दो हजार बिस्तर के अस्पताल में आठ हजार नर्सों की जरूरत होती है. प्रदेश के इन सभी मेडिकल कॉलेज और सरकारी अस्पतालों में परमानेंट नर्स की मौजूदा संख्या 28 हजार से 30 हजार है. जबकि मौजूदा स्थिति में प्रदेश में 50 से 60 हजार नर्सों की जरुरत है. सरकार ने तीस हजार के लगभग पदों पर तो नर्सेज की परमानेंट नियुक्ति करके रखी है. लेकिन बचे हुए 15 हजार से 20 हजार पदों पर संविदा के द्वारा नियुक्ति किए जाने का प्रावधान रखा है. जिसका जिम्मा एनएचएम को दिया गया है. वहीं प्रदेश में 4000 से अधिक पद अभी भी खाली हैं जिन पर नर्सों की नियुक्ति नहीं हुई है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.