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प्रदेश में टेस्टिंग बढ़ाकर कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने की तैयारी, इन संस्थानों को मिली जिम्मेदारी

भोपाल में कोरोना के बढ़ते कहर पर अंकुश लगाने के लिए शासन-प्रशासन ने कोरोना टेस्टिंग क्षमता में बढ़ोत्तरी की है. राजधानी में रोज औसतन एक हजार से ज्यादा टेस्ट किए जा रहे हैं.

Corona Testing in MP
एमपी में कोरोना टेस्टिंंग
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Published : Jul 23, 2020, 12:10 AM IST

भोपाल। राजधानी में कोरोना वायरस के आंकड़ों में जुलाई महीने में बढ़ोतरी देखने को मिली है. माना जा रहा है कि ये कोरोना सैंपल के टेस्ट्स में आई तेजी का असर है. शहर में ज्यादा से ज्यादा में संख्या में संदिग्धों के सैंपल भी लिए जा रहे हैं. टेस्टिंग सेंटर्स की बात की जाए तो शहर में आठ टेस्टिंग लैब अब कोरोना संक्रमण की जांच के लिए अधिकृत कर दिए गए हैं. जिसमें से 5 लैब सरकारी संस्थानों और 3 निजी अस्पताल में हैं.

एमपी में कोरोना टेस्टिंंग

सैंपल टेस्टिंग क्षमता में बढ़ोत्तरी

टेस्टिंग की क्षमता को लेकर स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी का कहना है कि हमने न केवल राजधानी भोपाल बल्कि प्रदेश के हर जिलों में टेस्टिंग की व्यवस्था को बढ़ाया है.प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग हर दिन 20 हजार टेस्ट करने के लिए सक्षम है. भोपाल समेत पूरे प्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी भी इसलिए देखने को मिल रही है, क्योंकि अब ज्यादा से ज्यादा टेस्ट किए जा रहे हैं.पहले सुविधा कम थी तो कम टेस्ट हो रहे थे.

भोपाल में रोजाना औसतन 1 हजार से ज्यादा टेस्ट

बता दें कि जीएमसी के वायरोलॉजी लैब में टेस्टिंग के लिए नई मशीनों को लगाया गया है. जिसके चलते टेस्ट की संख्या 400 से बढ़कर 900 टेस्ट प्रतिदिन हो गई है. यही एम्स का भी है, यहां पहले 250 से 300 सैंपल टेस्ट होते थे, पर अब एक हजार से ज्यादा टेस्ट किए जा रहे हैं.

सरकारी के साथ प्राइेवट संस्थाओं को भी दी जिम्मेदारी

भोपाल में इन दो सरकारी संस्थानों के अलावा राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान (NIHSAD), इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च (IISER), भोपाल मेमोरियल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर (BMHRC) इन सरकारी संस्थानों में भी अब सैंपल टेस्टिंग का काम किया जा रहा है. साथ ही 3 निजी संस्थान बंसल हॉस्पिटल, जेके हॉस्पिटल और चिरायु मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में भी कोरोना वायरस के सैंपल की टेस्टिंग को अनुमति दी गई है.

पिछले 7 दिनों में हुए करीब 8 हजार टेस्ट

अगर पिछले 7 दिनों के आंकड़ों पर नजर डालें तो 15 जुलाई से लेकर 21 जुलाई तक करीब 8 हजार 371 सेैंपल टेस्ट किए गए हैं, यानी कि रोजाना 1000 से 1200 औसतन टेस्ट शहर की लैब में किए जा रहे हैं.बता दें कि कोरोना वायरस की शुरुआत से ही विशेषज्ञ कहते आए हैं कि जितनी ज्यादा टेस्टिंग की जाएगी उतनी जल्दी संक्रमण के मामले सामने आएंगे. इस प्रक्रिया से ही कोरोना वायरस संक्रमण की चेन को तोड़ा जा सकता है.

भोपाल। राजधानी में कोरोना वायरस के आंकड़ों में जुलाई महीने में बढ़ोतरी देखने को मिली है. माना जा रहा है कि ये कोरोना सैंपल के टेस्ट्स में आई तेजी का असर है. शहर में ज्यादा से ज्यादा में संख्या में संदिग्धों के सैंपल भी लिए जा रहे हैं. टेस्टिंग सेंटर्स की बात की जाए तो शहर में आठ टेस्टिंग लैब अब कोरोना संक्रमण की जांच के लिए अधिकृत कर दिए गए हैं. जिसमें से 5 लैब सरकारी संस्थानों और 3 निजी अस्पताल में हैं.

एमपी में कोरोना टेस्टिंंग

सैंपल टेस्टिंग क्षमता में बढ़ोत्तरी

टेस्टिंग की क्षमता को लेकर स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी का कहना है कि हमने न केवल राजधानी भोपाल बल्कि प्रदेश के हर जिलों में टेस्टिंग की व्यवस्था को बढ़ाया है.प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग हर दिन 20 हजार टेस्ट करने के लिए सक्षम है. भोपाल समेत पूरे प्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी भी इसलिए देखने को मिल रही है, क्योंकि अब ज्यादा से ज्यादा टेस्ट किए जा रहे हैं.पहले सुविधा कम थी तो कम टेस्ट हो रहे थे.

भोपाल में रोजाना औसतन 1 हजार से ज्यादा टेस्ट

बता दें कि जीएमसी के वायरोलॉजी लैब में टेस्टिंग के लिए नई मशीनों को लगाया गया है. जिसके चलते टेस्ट की संख्या 400 से बढ़कर 900 टेस्ट प्रतिदिन हो गई है. यही एम्स का भी है, यहां पहले 250 से 300 सैंपल टेस्ट होते थे, पर अब एक हजार से ज्यादा टेस्ट किए जा रहे हैं.

सरकारी के साथ प्राइेवट संस्थाओं को भी दी जिम्मेदारी

भोपाल में इन दो सरकारी संस्थानों के अलावा राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान (NIHSAD), इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च (IISER), भोपाल मेमोरियल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर (BMHRC) इन सरकारी संस्थानों में भी अब सैंपल टेस्टिंग का काम किया जा रहा है. साथ ही 3 निजी संस्थान बंसल हॉस्पिटल, जेके हॉस्पिटल और चिरायु मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में भी कोरोना वायरस के सैंपल की टेस्टिंग को अनुमति दी गई है.

पिछले 7 दिनों में हुए करीब 8 हजार टेस्ट

अगर पिछले 7 दिनों के आंकड़ों पर नजर डालें तो 15 जुलाई से लेकर 21 जुलाई तक करीब 8 हजार 371 सेैंपल टेस्ट किए गए हैं, यानी कि रोजाना 1000 से 1200 औसतन टेस्ट शहर की लैब में किए जा रहे हैं.बता दें कि कोरोना वायरस की शुरुआत से ही विशेषज्ञ कहते आए हैं कि जितनी ज्यादा टेस्टिंग की जाएगी उतनी जल्दी संक्रमण के मामले सामने आएंगे. इस प्रक्रिया से ही कोरोना वायरस संक्रमण की चेन को तोड़ा जा सकता है.

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