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NTCA ने मध्य प्रदेश सरकार से की रिपोर्ट तलब, बिना अनुमति पर्यटकों की प्रवेश संख्या में वृद्धि का मामला

मध्यप्रदेश के सभी 6 टाइगर रिजर्वों में पर्यटकों की प्रवेश संख्या में वृद्धि का निर्णय NTCA की अनुमति के बिना अक्टूबर 2018 से गैरकानूनी तरीके से लिया जा रहा था. इसके विरोध में वाइल्ड लाइफ एक्टिविस्ट अजय दुबे ने तत्काल ही NTCA में शिकायत कर कार्रवाई की मांग की थी. जिस पर NTCA ने शिकायत की जांच के बाद मप्र सरकार से रिपोर्ट मांगी है.

एनटीसीए ने मांगी मप्र सरकार से रिपोर्ट
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Published : Oct 21, 2019, 1:06 PM IST

Updated : Oct 21, 2019, 2:08 PM IST

भोपाल। नेशनल टाइगर कॉन्सर्वेशन अथॉरिटी (NTCA) ने वाइल्ड लाइफ एक्टिविस्ट अजय दुबे की शिकायत पर मध्यप्रदेश सरकार ने वन विभाग को अवैध पर्यटन गतिविधियों पर तत्काल रोक लगाने के आदेश के साथ रिपोर्ट मांगी है. दरअसल अक्टूबर 2018 से मप्र सरकार ने बिना एनटीसीए की अनुमति के टाइगर रिजर्व में प्राइवेट टूर ऑपरेटर के साथ मिलकर पर्यटकों की संख्या बढ़ाने का फैसला लिया था. बिना NTCA की अनुमति के कोई भी राज्य सरकार पर्यटकों की संख्या निर्धारित नहीं कर सकती है. एनटीसीए ने शिकायत की जांच के बाद मप्र सरकार से रिपोर्ट मांगी है.

एनटीसीए ने मांगी मप्र सरकार से रिपोर्ट

NTCA ने दिए थे अवैध पर्यटन गतिविधियों को रोकने के आदेश

बता दें कि मध्यप्रदेश के सभी 6 टाइगर रिजर्वों में पर्यटकों की प्रवेश संख्या में वृद्धि का निर्णय NTCA की अनुमति के बिना अक्टूबर 2018 से गैरकानूनी तरीके से चल रहा था. वाइल्ड लाइफ एक्टिविस्ट अजय दुबे ने जिसकी तत्काल शिकायत NTCA में कर कार्रवाई की मांग की थी. NTCA ने जवाब तलब करने के बाद दिसंबर 2018 में अवैध पर्यटन गतिविधियों को रोकने के आदेश जारी किए थे, जिसे किसी भी टाइगर रिजर्व में फील्ड डायरेक्टर ने अमल में नही लिया था.

वाइल्ड लाइफ एक्टिविस्ट ने दोबारा की थी NTCA से शिकायत

1 अक्टूबर को शुरू हुए पर्यटन वर्ष 2019-20 में फिर से इस अवैध व्यवस्था संचालित करने की सूचना प्राप्त होने पर अजय दुबे ने दोबारा NTCA को शिकायत की थी. जिसे NTCA ने संज्ञान में लेते हुए 17 अक्टूबर 2019 को आदेश जारी कर मप्र सरकार को NTCA गाइडलाइन अनुसार और टाइगर कन्जर्वेशन प्लान और ईको टूरिज्म प्लान के तहत पर्यटन क्षमता निर्धारित करने को कहा है.

अवैध कमाई करने वाले अधिकारियों पर की गई कार्रवाई की मांग

अजय दुबे सोमवार को मप्र सरकार के मुख्यमंत्री, वन मंत्री और अपर मुख्य सचिव विभाग वन से पिछले 1 साल में वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972, NTCA गाइडलाइन का उल्लंघन करने, अवैध पर्यटन गतिविधियों संचालित करने और पर्यटकों से करोड़ो रूपये की अवैध कमाई करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग करेंगे.

NTCA ने मांगी रिपोर्ट

वाइल्डलाइफ एक्टविस्ट अजय दुबे का कहना है कि मध्य प्रदेश के टाइगर रिजर्व में पर्यटकों की प्रवेश संख्या को अवैध तौर पर बढ़ाए जाने की शिकायत पर NTCA ने संज्ञान लिया है. NTCA ने यह भी साफ किया है कि इसे तत्काल निरस्त कर रिपोर्ट पेश करें. मध्यप्रदेश के वन विभाग में टाइगर रिजर्व में व्यवसाय टूरिस्ट ऑपरेटर को फायदा पहुंचाने के लिए एमपी ऑनलाइन के साथ मिलकर यह गलत काम किया गया है. वन्य प्राणी कानून के उल्लंघन के साथ यह भ्रष्टाचार का गंभीर मामला है.

बता दें कि NTCA निर्धारित करता है कि किस टाइगर रिजर्व में कितने पर्यटक प्रवेश करेंगे. ये क्षमता टाइगर कंजर्वेशन प्लान के तहत ईको टूरिज्म प्लान में राज्य सरकार द्वारा प्रस्तुत करने पर एनटीसीए स्वीकृति प्रदान करता है, लेकिन मध्य प्रदेश सरकार ने एनटीसीए से स्वीकृति लिए बिना अक्टूबर 2018 से ये ग़लत काम शुरू किया है.

भोपाल। नेशनल टाइगर कॉन्सर्वेशन अथॉरिटी (NTCA) ने वाइल्ड लाइफ एक्टिविस्ट अजय दुबे की शिकायत पर मध्यप्रदेश सरकार ने वन विभाग को अवैध पर्यटन गतिविधियों पर तत्काल रोक लगाने के आदेश के साथ रिपोर्ट मांगी है. दरअसल अक्टूबर 2018 से मप्र सरकार ने बिना एनटीसीए की अनुमति के टाइगर रिजर्व में प्राइवेट टूर ऑपरेटर के साथ मिलकर पर्यटकों की संख्या बढ़ाने का फैसला लिया था. बिना NTCA की अनुमति के कोई भी राज्य सरकार पर्यटकों की संख्या निर्धारित नहीं कर सकती है. एनटीसीए ने शिकायत की जांच के बाद मप्र सरकार से रिपोर्ट मांगी है.

एनटीसीए ने मांगी मप्र सरकार से रिपोर्ट

NTCA ने दिए थे अवैध पर्यटन गतिविधियों को रोकने के आदेश

बता दें कि मध्यप्रदेश के सभी 6 टाइगर रिजर्वों में पर्यटकों की प्रवेश संख्या में वृद्धि का निर्णय NTCA की अनुमति के बिना अक्टूबर 2018 से गैरकानूनी तरीके से चल रहा था. वाइल्ड लाइफ एक्टिविस्ट अजय दुबे ने जिसकी तत्काल शिकायत NTCA में कर कार्रवाई की मांग की थी. NTCA ने जवाब तलब करने के बाद दिसंबर 2018 में अवैध पर्यटन गतिविधियों को रोकने के आदेश जारी किए थे, जिसे किसी भी टाइगर रिजर्व में फील्ड डायरेक्टर ने अमल में नही लिया था.

वाइल्ड लाइफ एक्टिविस्ट ने दोबारा की थी NTCA से शिकायत

1 अक्टूबर को शुरू हुए पर्यटन वर्ष 2019-20 में फिर से इस अवैध व्यवस्था संचालित करने की सूचना प्राप्त होने पर अजय दुबे ने दोबारा NTCA को शिकायत की थी. जिसे NTCA ने संज्ञान में लेते हुए 17 अक्टूबर 2019 को आदेश जारी कर मप्र सरकार को NTCA गाइडलाइन अनुसार और टाइगर कन्जर्वेशन प्लान और ईको टूरिज्म प्लान के तहत पर्यटन क्षमता निर्धारित करने को कहा है.

अवैध कमाई करने वाले अधिकारियों पर की गई कार्रवाई की मांग

अजय दुबे सोमवार को मप्र सरकार के मुख्यमंत्री, वन मंत्री और अपर मुख्य सचिव विभाग वन से पिछले 1 साल में वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972, NTCA गाइडलाइन का उल्लंघन करने, अवैध पर्यटन गतिविधियों संचालित करने और पर्यटकों से करोड़ो रूपये की अवैध कमाई करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग करेंगे.

NTCA ने मांगी रिपोर्ट

वाइल्डलाइफ एक्टविस्ट अजय दुबे का कहना है कि मध्य प्रदेश के टाइगर रिजर्व में पर्यटकों की प्रवेश संख्या को अवैध तौर पर बढ़ाए जाने की शिकायत पर NTCA ने संज्ञान लिया है. NTCA ने यह भी साफ किया है कि इसे तत्काल निरस्त कर रिपोर्ट पेश करें. मध्यप्रदेश के वन विभाग में टाइगर रिजर्व में व्यवसाय टूरिस्ट ऑपरेटर को फायदा पहुंचाने के लिए एमपी ऑनलाइन के साथ मिलकर यह गलत काम किया गया है. वन्य प्राणी कानून के उल्लंघन के साथ यह भ्रष्टाचार का गंभीर मामला है.

बता दें कि NTCA निर्धारित करता है कि किस टाइगर रिजर्व में कितने पर्यटक प्रवेश करेंगे. ये क्षमता टाइगर कंजर्वेशन प्लान के तहत ईको टूरिज्म प्लान में राज्य सरकार द्वारा प्रस्तुत करने पर एनटीसीए स्वीकृति प्रदान करता है, लेकिन मध्य प्रदेश सरकार ने एनटीसीए से स्वीकृति लिए बिना अक्टूबर 2018 से ये ग़लत काम शुरू किया है.

Intro:भोपाल। नेशनल टाइगर कॉन्सेर्वशन अथॉरिटी भारत सरकार ने वाइल्ड लाइफ एक्टिविस्टट
अजय दुबे की शिकायत पर मप्र सरकार के वन विभाग को अवैध पर्यटन गतिविधियों पर तत्काल रोक लगाने के आदेश के साथ रिपोर्ट मांगी।दरअसल अक्टूबर 2018 से मप्र सरकार ने बिना एनटीसीए की अनुमति के टाइगर रिजर्व में प्राइवेट टूर आपरेटर के साथ मिलकर पर्यटकों की संख्या बढ़ाने का फैसला लिया था। बिना एनटीसीए की अनुमति के कोई भी राज्य सरकार पर्यटकों की संख्या निर्धारित नहीं कर सकती है। एनटीसीए ने शिकायत की जांच के बाद मप्र सरकार से रिपोर्ट मांगी है।






Body:मध्यप्रदेश के समस्त 6 टाइगर रिजर्वो में पर्यटकों की प्रवेश संख्या में वृद्धि का निर्णय NTCA की अनुमति के बिना अक्टूबर 2018 से गैर कानूनी तरीके से चल रहा था।वाइल्ड लाइफ एक्टिविस्टट
अजय दुबे ने इस विषय में अक्टूबर 2018 में ही NTCA की शिकायत कर कार्यवाही की मांग करी थी। जिस पर NTCA ने जवाब तलब करने के उपरांत 10 दिसंबर 2018 को अवैध पर्यटन गतिविधियों को रोकने के आदेश जारी किए थे।
मप्र के प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्य प्राणी ने 24 दिसंबर 2018 को सारे टाइगर रिजर्व में आदेश जारी कर अवैध पर्यटन धारण क्षमता (Carrying Capacity) को निरस्त करने के आदेश दिए।लेकिन यह केवल कागजो तक सीमित रहे। जिसे किसी भी टाइगर रिजर्व में फील्ड डायरेक्टर द्वारा अमल में नही लाया गया।हाल में ही 1 अक्टूबर को प्रारंभ हुए पर्यटन वर्ष 2019-20 पुनः यह अवैध व्यवस्था संचालित करने की सूचना प्राप्त होने पर अजय दुबे द्वारा दोबारा NTCA को शिकायत की गई। NTCA ने इस विषय पर संज्ञान लेते हुए 17 अक्टूबर 2019 को आदेश जारी कर मप्र सरकार को NTCA गाइडलाइन अनुसार और टाइगर कन्जर्वेशन प्लान और इको टूरिज्म प्लान के तहत पर्यटन क्षमता निर्धारित करने को कहा। इस विषय मे अजय दुबे आज मप्र सरकार के मुख्यमंत्री,वन मंत्री और अपर मुख्य सचिव विभाग वन को पिछले 1 वर्ष में वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972, NTCA गाइडलाइन का उल्लंघन करने , अवैध पर्यटन गतिविधियों संचालित करने और पर्यटकों से करोड़ो रूपये की अवैध कमाई करने वाले अधिकारियों से कार्यवाही की मांग करेंगे। अजय दुबे का कहना है कि यह बड़े स्तर का भ्रष्टाचार और वन्य प्राणियों पर प्रताड़ना का गंभीर मामला है। इस विषय पर हम mponline के खिलाफ भी कार्यवाही की मांग करेंगे। क्योंकि mponline एजेंसी ही समस्त टाइगर रिजर्व में ऑनलाइन टिकट बुक करती है।इस एजेंसी को जब दिसंबर 2018 में ही अवैध पर्यटन क्षमता की बुकिंग को रोकने के लिए कहा था। तब भी इस एजेंसी ने कार्यवाही नही करी। यह सब मप्र के भ्रष्ट वन अधिकारियों mponline और टूरिज्म ऑपरेटर्स ने आर्थिक मुनाफे के लिए किया जो उच्च स्तरीय भ्रष्टाचार का मामला है।

Conclusion:इस मामले में वाइल्डलाइफ एक्टविस्ट अजय दुबे का कहना है कि मध्य प्रदेश के टाइगर रिजर्व में पर्यटकों की प्रवेश संख्या को अवैध तौर पर बढ़ाए जाने पर हमारी शिकायत पर एनटीसीए ने संज्ञान लिया है। एनटीसीए ने यह भी स्पष्ट किया है कि इसको तत्काल निरस्त कर रिपोर्ट पेश करें ।मध्यप्रदेश के वन विभाग में टाइगर रिजर्व में व्यवसाय टूरिस्ट ऑपरेटर को फायदा पहुंचाने के लिए एमपी ऑनलाइन के साथ मिलकर यह गलत काम किया गया है।वन्य प्राणी कानून के उल्लंघन के साथ यह भ्रष्टाचार का गंभीर मामला है। एनटीसीए द्वारा निर्धारित होता है कि किस टाइगर रिजर्व में कितने पर्यटक प्रवेश करेंगे। यह क्षमता टाइगर कंजर्वेशन प्लान के तहत ईकोटूरिज्म प्लान में राज्य सरकार द्वारा प्रस्तुत करने पर एनटीसीए स्वीकृति प्रदान करता है। लेकिन मध्य प्रदेश सरकार ने एनटीसीए से स्वीकृति लिए बिना अक्टूबर 2018 से एक ग़लत काम शुरू किया है ।इसको लेकर हम मध्य प्रदेश सरकार से दोषियों पर कार्रवाई के लिए अनुरोध करेंगे।
Last Updated : Oct 21, 2019, 2:08 PM IST
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