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JEE-NEET की परीक्षाओं को स्थगित करने की मांग, राजधानी भोपाल में NSUI ने रखा उपवास - NSUI demands

कोरोनावायरस महामारी के बीच जेईई मेन और नीट परीक्षा को स्थगित करने की मांग बढ़ती ही जा रही है. छात्र समेत कई विपक्ष के नेता भी परीक्षा रद्द करने की मांग कर रहे हैं. आज भोपाल में भी एनएसयूआई ने विरोध प्रदर्शन किया है. पढ़िए पूरी खबर...

NSUI fasts for a day in protest against JEE NEET exam
जेईई नीट के विरोध में एनएसयूआई
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Published : Aug 27, 2020, 7:40 PM IST

भोपाल। कोरोना संकट के चलते देशभर में नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेस टेस्ट(NEET) और ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जाम (JEE) की परीक्षा आयोजित न कराने को लेकर प्रदर्शनों का दौर जारी है. छात्र, पैरेंट्स और कुछ शिक्षाविद् परीक्षा रद्द करने की मांग कर रहे हैं. वहीं केंद्र सरकार के साथ कई शिक्षाविद् चाहते हैं कि नीट और जेईई की परीक्षा निर्धारित तिथि पर आयोजित की जाए. इसको लेकर देशभर में महौल टाइट है. इसी बीच विपक्ष का छात्रों को पूरा समर्थन मिल रहा है.

जेईई नीट के विरोध में एनएसयूआई

परीक्षा आयोजन के विरोध में भोपाल एनएसयूआई ने भी विरोध में प्रदर्शन शुरू कर दिया है. गुरूवार को एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने भोपाल में प्रदर्शन कर एक दिवसीय उपवास का ऐलान किया और परीक्षा रद्द करने की मांग की. एनएसयूआई नेताओं का कहना है कि जब इस साल संक्रमण के चलते कई परीक्षाएं नहीं हो पाई हैं तो इन परीक्षाओं को आयोजित करना इतना जरूरी क्यों. अगर परीक्षा देने आते वक्त छात्र संकर्मित होते हैं तो उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा.

परिवहन की समस्या
एनएसयूआई कार्यकर्ताओं का कहना है कि जब परिवहन की जब कोई सुविधा नहीं है तो परीक्षा देने लोग आएंगे कैसे. वहीं मध्य प्रदेश में केवल 13 सेंटर बनाए गए हैं. ऐसे में 53 जिले हैं, इन जिलों से आने वाले छात्रों की सुरक्षा का ख्याल कौन रखेगा. अगर परीक्षाएं करानी हैं तो छात्रों की सुरक्षा का खास ध्यान रखा जाए और संक्रमण का खतरा जब तक कम नहीं हो जाता तब तक परीक्षाएं ना कराई जाएं.

याचिका खारिज कर चुका है सुप्रीम कोर्ट
कोरोना संक्रमण की वजह से परीक्षा नहीं आयोजित कराने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी, जिसे 17 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि क्या कोवि़ड-19 की वजह से सबकुछ रोक दिया जाए. एक कीमती वर्ष को यूं ही बर्बाद होने दिया जाए.

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद हुआ विरोध
छात्रों और अभिभावकों को उम्मीद थी कि सुप्रीम कोर्ट याचिका पर सुनवाई करते हुए छात्रों के पक्ष में फैसला सुनाएगा, लेकिन हुआ इसका उल्टा. इसके बाद से देशभर में व्यापक स्तर पर विरोध शुरू हो गया. विपक्ष भी छात्रों के समर्थन में उतर आया. मध्य प्रदेश भी इससे अछूता नहीं है. यहां भी विपक्ष परीक्षा स्थगित करने की मांग कर रहा है. इसको लेकर कांग्रेस नेता जीतू पटवारी, सीएम शिवराज को पत्र भी लिख चुके हैं.

भोपाल। कोरोना संकट के चलते देशभर में नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेस टेस्ट(NEET) और ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जाम (JEE) की परीक्षा आयोजित न कराने को लेकर प्रदर्शनों का दौर जारी है. छात्र, पैरेंट्स और कुछ शिक्षाविद् परीक्षा रद्द करने की मांग कर रहे हैं. वहीं केंद्र सरकार के साथ कई शिक्षाविद् चाहते हैं कि नीट और जेईई की परीक्षा निर्धारित तिथि पर आयोजित की जाए. इसको लेकर देशभर में महौल टाइट है. इसी बीच विपक्ष का छात्रों को पूरा समर्थन मिल रहा है.

जेईई नीट के विरोध में एनएसयूआई

परीक्षा आयोजन के विरोध में भोपाल एनएसयूआई ने भी विरोध में प्रदर्शन शुरू कर दिया है. गुरूवार को एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने भोपाल में प्रदर्शन कर एक दिवसीय उपवास का ऐलान किया और परीक्षा रद्द करने की मांग की. एनएसयूआई नेताओं का कहना है कि जब इस साल संक्रमण के चलते कई परीक्षाएं नहीं हो पाई हैं तो इन परीक्षाओं को आयोजित करना इतना जरूरी क्यों. अगर परीक्षा देने आते वक्त छात्र संकर्मित होते हैं तो उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा.

परिवहन की समस्या
एनएसयूआई कार्यकर्ताओं का कहना है कि जब परिवहन की जब कोई सुविधा नहीं है तो परीक्षा देने लोग आएंगे कैसे. वहीं मध्य प्रदेश में केवल 13 सेंटर बनाए गए हैं. ऐसे में 53 जिले हैं, इन जिलों से आने वाले छात्रों की सुरक्षा का ख्याल कौन रखेगा. अगर परीक्षाएं करानी हैं तो छात्रों की सुरक्षा का खास ध्यान रखा जाए और संक्रमण का खतरा जब तक कम नहीं हो जाता तब तक परीक्षाएं ना कराई जाएं.

याचिका खारिज कर चुका है सुप्रीम कोर्ट
कोरोना संक्रमण की वजह से परीक्षा नहीं आयोजित कराने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी, जिसे 17 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि क्या कोवि़ड-19 की वजह से सबकुछ रोक दिया जाए. एक कीमती वर्ष को यूं ही बर्बाद होने दिया जाए.

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद हुआ विरोध
छात्रों और अभिभावकों को उम्मीद थी कि सुप्रीम कोर्ट याचिका पर सुनवाई करते हुए छात्रों के पक्ष में फैसला सुनाएगा, लेकिन हुआ इसका उल्टा. इसके बाद से देशभर में व्यापक स्तर पर विरोध शुरू हो गया. विपक्ष भी छात्रों के समर्थन में उतर आया. मध्य प्रदेश भी इससे अछूता नहीं है. यहां भी विपक्ष परीक्षा स्थगित करने की मांग कर रहा है. इसको लेकर कांग्रेस नेता जीतू पटवारी, सीएम शिवराज को पत्र भी लिख चुके हैं.

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