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SATI के संचालक जनार्दन सिंह की डिग्रियां निरस्त, जारी नहीं की जा रही अधिसूचना

बरकतउल्ला विश्वविद्यालय द्वारा विदिशा के सम्राट अशोक टेक्नोलॉजिकल इंस्टीट्यूट (SATI) के संचालक जनार्दन सिंह चौहान की डिग्रियां निरस्त कर दी गई हैं, लेकिन अब तक इसकी अधिसूचना जारी नहीं की गई है, SATI विदिशा के पूर्व संचालक डॉ लोकेश बाजपेयी और मैकेनिकल विभाग में प्राध्यापक रहे संदीप जैन ने बरकतउल्ला विश्वविद्यालय पर जनार्दन सिंह चौहान के मामले में कार्रवाई में देरी करने का आरोप लगाया है.

Janardan Singh Chauhan's degree cancellation case
SATI के संचालक जनार्दन सिंह की डिग्रियां निरस्त
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Published : Oct 25, 2020, 12:34 PM IST

भोपाल। बरकतउल्ला विश्वविद्यालय द्वारा विदिशा के सम्राट अशोक टेक्नोलॉजिकल इंस्टीट्यूट (SATI) के संचालक जनार्दन सिंह चौहान की डिग्रियां निरस्त किए जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. अब इस मामले में SATI विदिशा के पूर्व संचालक डॉ लोकेश बाजपेयी और मैकेनिकल विभाग में प्राध्यापक रहे संदीप जैन ने कार्रवाई में देरी का आरोप बरकतउल्ला विश्वविद्यालय पर लगाया है. उन्होंने आरोप लगाते हुए बताया है कि जब SATI के संचालक जनार्दन सिंह चौहान की डिग्रियां निरस्त कर दी गई हैं, तो अब तक बरकतउल्ला विश्वविद्यालय के द्वारा इस संबंध में अधिसूचना जारी क्यों नहीं की गई है, क्योंकि इस मामले में बरकतउल्ला विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद पहले ही अनुशंसा कर चुकी है, लेकिन किसी कारणवश कुलपति इस कार्रवाई में देर कर रहे.

SATI के संचालक जनार्दन सिंह की डिग्रियां निरस्त

SATI विदिशा के पूर्व संचालक डॉ लोकेश बाजपेयी का कहना है कि 'विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी ) नई दिल्ली द्वारा 18 अप्रैल 2017 को सर्वप्रथम बरकतउल्ला विश्वविद्यालय को जनार्दन सिंह चौहान की डिग्रियों की जांच के आदेश दिए गए थे, इसके बाद हाईकोर्ट के निर्देश पर बरकतउल्ला विश्वविद्यालय ने कार्रवाई करते हुए 29 सितंबर को हुई कार्यपरिषद की बैठक में जनार्दन सिंह की एमटेक, पीएचडी और एमए की डिग्रियों को निरस्त करने का निर्णय लिया था, इस निर्णय के बाद चौहान की योग्यता किसी भी इंजीनियरिंग महाविद्यालय में संचालक की तो छोड़िए, प्राध्यापक बनने की भी नहीं रह जाती है.'

उन्होंने कहा कि इसके बाद भी वे संचालक के पद पर लगातार काम कर रहे हैं. कार्यपरिषद की बैठक के सभी बिंदुओं पर कार्रवाई हो चुकी है, नोटिफिकेशन भी जारी किए जा चुके हैं लेकिन चौहान की डिग्रियों के निरस्तीकरण का नोटिफिकेशन 25 दिन बाद भी जारी नहीं हुआ है. उन्होंने राज्य शासन और एसएटीआई विदिशा के प्रबंधन से मांग की है कि वे जनार्दन सिंह चौहान को तत्काल प्रभाव से पद से हटाएं और उनके द्वारा लिए गए सभी निर्णय को तत्काल निरस्त किया जाए.

उन्होंने कहा कि सम्राट अशोक टेक्नोलॉजिकल इंस्टीट्यूट के संचालक जनार्दन सिंह चौहान की डिग्री निरस्त करने की कार्रवiई में देरी की जा रही है, ऐसा लगता है कि बरकतउल्ला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आरजे राव पर जनार्दन सिंह द्वारा राजनीतिक दबाव डाला जा रहा है, जबकि विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद में जनार्दन सिंह चौहान की डिग्रियों को निरस्त कर दिया गया है, इसके बावजूद भी इस संबंध में बरकतउल्ला विश्वविद्यालय अधिसूचना जारी नहीं कर रहा है.

बता दें, ये बात SATI विदिशा के पूर्व संचालक डॉ लोकेश बाजपेयी और मैकेनिकल विभाग में प्राध्यापक रहे संदीप जैन ने प्रसेवार्ता के दौरान कही.

भोपाल। बरकतउल्ला विश्वविद्यालय द्वारा विदिशा के सम्राट अशोक टेक्नोलॉजिकल इंस्टीट्यूट (SATI) के संचालक जनार्दन सिंह चौहान की डिग्रियां निरस्त किए जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. अब इस मामले में SATI विदिशा के पूर्व संचालक डॉ लोकेश बाजपेयी और मैकेनिकल विभाग में प्राध्यापक रहे संदीप जैन ने कार्रवाई में देरी का आरोप बरकतउल्ला विश्वविद्यालय पर लगाया है. उन्होंने आरोप लगाते हुए बताया है कि जब SATI के संचालक जनार्दन सिंह चौहान की डिग्रियां निरस्त कर दी गई हैं, तो अब तक बरकतउल्ला विश्वविद्यालय के द्वारा इस संबंध में अधिसूचना जारी क्यों नहीं की गई है, क्योंकि इस मामले में बरकतउल्ला विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद पहले ही अनुशंसा कर चुकी है, लेकिन किसी कारणवश कुलपति इस कार्रवाई में देर कर रहे.

SATI के संचालक जनार्दन सिंह की डिग्रियां निरस्त

SATI विदिशा के पूर्व संचालक डॉ लोकेश बाजपेयी का कहना है कि 'विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी ) नई दिल्ली द्वारा 18 अप्रैल 2017 को सर्वप्रथम बरकतउल्ला विश्वविद्यालय को जनार्दन सिंह चौहान की डिग्रियों की जांच के आदेश दिए गए थे, इसके बाद हाईकोर्ट के निर्देश पर बरकतउल्ला विश्वविद्यालय ने कार्रवाई करते हुए 29 सितंबर को हुई कार्यपरिषद की बैठक में जनार्दन सिंह की एमटेक, पीएचडी और एमए की डिग्रियों को निरस्त करने का निर्णय लिया था, इस निर्णय के बाद चौहान की योग्यता किसी भी इंजीनियरिंग महाविद्यालय में संचालक की तो छोड़िए, प्राध्यापक बनने की भी नहीं रह जाती है.'

उन्होंने कहा कि इसके बाद भी वे संचालक के पद पर लगातार काम कर रहे हैं. कार्यपरिषद की बैठक के सभी बिंदुओं पर कार्रवाई हो चुकी है, नोटिफिकेशन भी जारी किए जा चुके हैं लेकिन चौहान की डिग्रियों के निरस्तीकरण का नोटिफिकेशन 25 दिन बाद भी जारी नहीं हुआ है. उन्होंने राज्य शासन और एसएटीआई विदिशा के प्रबंधन से मांग की है कि वे जनार्दन सिंह चौहान को तत्काल प्रभाव से पद से हटाएं और उनके द्वारा लिए गए सभी निर्णय को तत्काल निरस्त किया जाए.

उन्होंने कहा कि सम्राट अशोक टेक्नोलॉजिकल इंस्टीट्यूट के संचालक जनार्दन सिंह चौहान की डिग्री निरस्त करने की कार्रवiई में देरी की जा रही है, ऐसा लगता है कि बरकतउल्ला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आरजे राव पर जनार्दन सिंह द्वारा राजनीतिक दबाव डाला जा रहा है, जबकि विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद में जनार्दन सिंह चौहान की डिग्रियों को निरस्त कर दिया गया है, इसके बावजूद भी इस संबंध में बरकतउल्ला विश्वविद्यालय अधिसूचना जारी नहीं कर रहा है.

बता दें, ये बात SATI विदिशा के पूर्व संचालक डॉ लोकेश बाजपेयी और मैकेनिकल विभाग में प्राध्यापक रहे संदीप जैन ने प्रसेवार्ता के दौरान कही.

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