भोपाल। बरकतउल्ला विश्वविद्यालय में शिक्षा के स्तर बेहतर बनाने के लिए अक्टूबर माह में बनी कमेटी की अब तक एक भी बैठक नहीं हुई है. ऐसे में विश्वविद्यालय में अनियमिताओं का दौर जारी है, जिसका खामियाजा छात्र-छात्राओं को भुगतना पड़ रहा है. शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए बनाई गई इंटरनल क्वालिटी इंश्योरेंस कमेटी की बैठक आज तक नहीं हो सकी है.
विश्वविधालय में रिटायरमेंट की कगार पर पहुंच चुके प्रोफेसरों से अब तक बकाया राशि वसूली नहीं की गई है, मामलों पर बीयू प्रबंधन बचता नजर आ रहा है. बीयू के रजिस्ट्रार अजीत श्रीवास्तव का कहना है कि शिक्षा की गुणवत्ता सुधारना आसान नहीं है. इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं और जो भी कमेटी सुझाव देगी उसको लागू करने का प्रयास किया जाएगा.
विवादों में फंसे कमेटी के अधिकतर सदस्य
बरकतउल्ला विश्वविद्यालय में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए बनाई गई इंटरनल क्वालिटी इंश्योरेंस कमेटी की बैठक आज तक नहीं हो सकी है. कमेटी के आधे से ज्यादा सदस्य दागी हैं, जिस कारण अक्टूबर में बनी कमेटी की अब तक एक भी बैठक नहीं हुई है. इसके अधिकतर मेंबर प्रोफेसर हैं, इनमें से किसी की नियुक्ति को लेकर विवाद है तो किसी पर आर्थिक गड़बड़ी का आरोप है. वहीं कुछ के खिलाफ जांच लंबित है. इस कमेटी के अध्यक्ष कुलपति आरजे राव हैं.
एडवांस राशि बनी चुनौती
विश्वविद्यालय में कई प्रोफेसर सेवानिवृत्त हो गए हैं तो कुछ अगले छह माह में सेवानिवृत्त होने वाले हैं, इन प्रोफेसरों ने बीयू से लाखों रुपए एडवांस लिए हैं जो पूरी सर्विस में नहीं चुकाये गये हैं, ऐसे में बीयू के समक्ष इन प्रोफेसरों से वसूली करने की चुनौती है हालांकि रजिस्ट्रार का कहना है कि विश्वविद्यालय में फैकल्टी हो या अन्य अधिकारी कर्मचारी सभी को एडवांस राशि का हिसाब देना होता है. प्रोफेसरों से एडवांस राशि की जानकारी ली जाएगी अगर वे रिटायर होने से पहले एडवांस राशि का वापस नहीं करेंगे तो उनकी पेंशन रोक ली जाएगी.