भोपाल। केंद्रीय कर्मचारियों को पांच प्रतिशत अतिरिक्त डीए की घोषणा होने के 25 दिन बाद भी कमलनाथ सरकार अपने कर्मचारियों के बारे में फैसला नहीं कर पाई है. हालांकि दीपावली से पहले ही कहा गया था कि जल्द ही इसके आदेश जारी हो जाएंगे, लेकिन अब तक आदेश जारी नहीं हो पाए हैं. इस मामले को लेकर वित्त विभाग ने प्रस्ताव तैयार कर लिया था और उसे मुख्यमंत्री सचिवालय भी भेज दिया था, लेकिन मुख्यमंत्री की व्यस्तताओं के चलते इस पर निर्णय नहीं हो पाया है.
अब मुख्यमंत्री के दुबई से लौटने के बाद ही इस पर कोई निर्णय हो पाएगा. वित्त विभाग ने अक्टूबर में राज्य कर्मचारियों को 3 प्रतिशत अतिरिक्त डीए देने के लिए प्रस्ताव तैयार किया था. राज्य सरकार इस पर कोई निर्णय लेती इसके पहले ही केंद्र ने अपने कर्मचारियों के लिए पांच प्रतिशत अतिरिक्त दिए देने का ऐलान कर दिया था. इससे सरकार का गणित पूरी तरह से बिगड़ गया, क्योंकि खजाने की हालत कुछ खास अच्छी नहीं है. अब दो प्रतिशत अतिरिक्त प्रबंध के लिए गुणा-भाग करना पड़ रहा है.
प्रस्ताव तैयार होने के बाद भी अधर में लटका मामला
बताया जा रहा है कि वित्त विभाग ने दोबारा प्रस्ताव तैयार किया है, जिस पर अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए पांच प्रतिशत अतिरिक्त दिए दिए जाने का जिक्र किया गया था. राज्य सरकार ने हाल ही में अखिल भारतीय सेवा के अफसरों के लिए 5 प्रतिशत दिए तो कर दिया है, लेकिन राज्य के अधिकारी कर्मचारियों का मामला अधर में लटका हुआ है.
खजाने पर पड़ेगा असर
बताया जा रहा है कि इस फार्मूले के तहत राज्य कर्मचारियों को 1 प्रतिशत डीए देने पर 200 करोड़ों रुपए का अतिरिक्त बोझ सरकार पर आता है. वहीं 5 प्रतिशत अतिरिक्त दिए देने पर सरकारी खजाने में करीब 1 हजार करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ आएगा.