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आदिवासी क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन विभाग की नई नीति, ऐसे सुधरेगी स्थिति

राजधानी भोपाल में आदिवासी क्षेत्र और ग्रामीण क्षेत्रों के रहन-सहन को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन विभाग कई कार्यक्रमों में इन्हें प्रस्तुत कर रहा है. जिसके लिए प्रदेश के आदिवासी क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन विभाग स्पोर्ट्स टूरिस्म के साथ नई नीतियों पर काम कर रहा है, जिसके लिए पर्यटन विभाग ने ट्राइबल टूरिज्म की नीति बनाई है.

New policy of tourism department to promote tourism in tribal areas
पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन विभाग की नई नीति
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Published : Feb 15, 2020, 8:34 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश के आदिवासी क्षेत्रों में कला और संस्कृति का बाहुल्य है. यहां के कई ऐसे क्षेत्र है जहां अलग-अलग परम्पराएं है और उनसे जुड़ी मान्यताओं को यहां के कलाकार पेंटिंग के जरिये कैनवास पर उकेरते आए हैं. ऐसी ही छुपी कला-संस्कृति और आदिवासी ग्रामीण क्षेत्रों के रहन-सहन को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन विभाग कई कार्यक्रमों में इन्हें प्रस्तुत कर रहा है और साथ ही पर्यटन विभाग स्पोर्ट्स टूरिस्म के साथ-साथ प्रदेश के आदिवासी क्षेत्रों में भी पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए नई नीतियों पर काम कर रहा है. इसके लिए पर्यटन विभाग की ओर से ट्राइबल टूरिज्म की नीति भी बनाई गई है.

पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन विभाग की नई नीति

इस बारे में पर्यटन मंत्री सुरेंद्र सिंह बघेल ने बताया की ट्रैवल टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए हम लोग काफी आगे जा चुके हैं और इसके लिए पॉलिसी भी बनाई गई है. ट्राइबल टूरिज्म को बढ़ावा देने की शुरुआत हमने मांडू उत्सव से की थी, वहां के आसपास के गांवों में जो आदिवासी लोग रहते हैं. उनके रहन-सहन को देखने, उनकी संस्कृति को जानने के लिए अंतरराष्ट्रीय पर्यटक मांडू आ रहे हैं. ये पर्यटक वहां जाकर खेती-बाड़ी कैसे की जाती है यह भी जान रहे है और हमें उम्मीद है की ऐसे कार्यक्रमों से प्रदेश के आदिवासी क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. साथ ही वहां के लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे.

बता दें की इस साल मार्च में होने वाले आइफा अवार्ड में भी ट्राइबल आर्ट्स को जगह दी गयी है, ताकि बॉलीवुड इंडस्ट्री के लोग भी इसके बारे में जाने और इसे देश-विदेश में एक नई पहचान मिल सकें.

भोपाल। मध्य प्रदेश के आदिवासी क्षेत्रों में कला और संस्कृति का बाहुल्य है. यहां के कई ऐसे क्षेत्र है जहां अलग-अलग परम्पराएं है और उनसे जुड़ी मान्यताओं को यहां के कलाकार पेंटिंग के जरिये कैनवास पर उकेरते आए हैं. ऐसी ही छुपी कला-संस्कृति और आदिवासी ग्रामीण क्षेत्रों के रहन-सहन को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन विभाग कई कार्यक्रमों में इन्हें प्रस्तुत कर रहा है और साथ ही पर्यटन विभाग स्पोर्ट्स टूरिस्म के साथ-साथ प्रदेश के आदिवासी क्षेत्रों में भी पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए नई नीतियों पर काम कर रहा है. इसके लिए पर्यटन विभाग की ओर से ट्राइबल टूरिज्म की नीति भी बनाई गई है.

पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन विभाग की नई नीति

इस बारे में पर्यटन मंत्री सुरेंद्र सिंह बघेल ने बताया की ट्रैवल टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए हम लोग काफी आगे जा चुके हैं और इसके लिए पॉलिसी भी बनाई गई है. ट्राइबल टूरिज्म को बढ़ावा देने की शुरुआत हमने मांडू उत्सव से की थी, वहां के आसपास के गांवों में जो आदिवासी लोग रहते हैं. उनके रहन-सहन को देखने, उनकी संस्कृति को जानने के लिए अंतरराष्ट्रीय पर्यटक मांडू आ रहे हैं. ये पर्यटक वहां जाकर खेती-बाड़ी कैसे की जाती है यह भी जान रहे है और हमें उम्मीद है की ऐसे कार्यक्रमों से प्रदेश के आदिवासी क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. साथ ही वहां के लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे.

बता दें की इस साल मार्च में होने वाले आइफा अवार्ड में भी ट्राइबल आर्ट्स को जगह दी गयी है, ताकि बॉलीवुड इंडस्ट्री के लोग भी इसके बारे में जाने और इसे देश-विदेश में एक नई पहचान मिल सकें.

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