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बंधक प्लॉट पर भी मिलेगी भवन निर्माण की अनुमति, सरकार ने जारी किए आदेश

मध्यप्रदेश में रियल एस्टेट सेक्टर में ग्रोथ के लिए मैग्नीफिसेंट एमपी समिट के दौरान सरकार ने जो घोषणा की थी उसके आदेश जारी कर दिए गए हैं.

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Published : Nov 20, 2019, 11:19 PM IST

मिलेगी भवन निर्माण की अनुमति

भोपाल। मैग्नीफिसेंट एमपी के दौरान रियल एस्टेट क्षेत्र को राहत देने की सरकार ने जो घोषणा की थी उसके आदेश जारी कर दिए हैं. अब बिल्डरों को बंधक रखे प्लॉटों पर भवन निर्माण की अनुमति मिलेगी.
इसके तहत प्रदेश के रियल एस्टेट क्षेत्र में तेजी लाने और बिल्डरों को राहत देने के लिए अब रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र 5 साल के लिए दिया जाएगा. अभी तक बिल्डरों को कॉलोनाइजिंग लाइसेंस सिर्फ एक साल के लिए मिलता था.

मिलेगी भवन निर्माण की अनुमति
बिल्डरों को राहत देने नियमों में किए गए बदलावों पर नगरीय विकास एवं आवास मंत्री जयवर्धन सिंह का कहना है कि सरकार चाहती है कि मध्यप्रदेश में रियल एस्टेट सेक्टर में ग्रोथ आए और बिल्डर सुचारू तरीके से अपना काम बढ़ा सकें इसलिए मैग्नीफिसेंट एमपी समिट के दौरान सरकार ने जो घोषणा की थी उसके आदेश जारी कर दिए गए हैं. नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने मध्य प्रदेश नगर पालिका निगम अधिनियम में संशोधन करते हुए इसका नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. नियम में यह हुए संशोधन-
  • अब बिल्डर या डेवलपर को हर साल कॉलोनाइजिंग लाइसेंस लेने के स्थान पर 5 साल में इसका नवीनीकरण कराना होगा.
  • बंधक प्लॉट विकास कार्य के लिए भी मुक्त होते जाएंगे अभी तक पूरा विकास कार्य होने के बाद ही बंधक प्लॉट छोड़े जाने के नियम है लेकिन नियमों में परिवर्तन के बाद अब जैसे-जैसे विकास कार्य कॉलोनी में होते जाएंगे उसके प्रतिशत के हिसाब से बंधक रखे गए प्लॉट मुक्त होते जाएंगे जिस पर बिल्डर को निर्माण की अनुमति भी मिलेगी.
  • 10 लाख से ज्यादा की आबादी वाले इंदौर भोपाल जैसे शहरों में अभी प्रति हेक्टेयर पांच लाख की राशि जमा कराई जाती थी अब इसे घटाकर ढाई लाख रुपए कर दिया गया है. इसी तरह 5 से 10 लाख की आबादी में एक लाख और 5 लाख से कम आबादी वाले निकाय में यह मात्र ₹35000 प्रति हेक्टेयर होगी.
  • अधिकारी बिल्डर या कॉलोनाइजर को बार बार चक्कर ना लगवाए इसके लिए कॉलोनाइजर जैसे ही विकास कार्य पूरा होने की सूचना देगा संबंधित अधिकारी 15 दिन में निरीक्षण कर कंपलीशन सर्टिफिकेट जारी करेगा.
  • कंप्लीशन सर्टिफिकेट मिलने की तारीख से ही संबंधित कॉलोनी के मेंटेनेंस का अधिकार रहवासी कल्याण समिति को अंतरित किया जाएगा.
  • कॉलोनाइजर जिनकी कॉलोनी 2 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र की है उन्हें अब तीन चरणों में विकास अनुजा मिलेगी यदि वह कुछ ब्लॉग बनाना चाहता है तो वह अनुमति लेकर बना सकेगा जरूरी नहीं होगा कि वह 2 हेक्टेयर से ज्यादा क्षेत्र में एक साथ विकास कार्य शुरू करें इससे बिल्डर टुकड़ों में प्रोजेक्ट ला सकेंगे.
  • बिल्डर का रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से ही हो जाएगा जब तक यह सुविधा शुरू नहीं होगी तब तक ऑफलाइन आवेदन भी वैध होंगे अभी ऑफलाइन सुविधा में लेनदेन सहित कई तरह के आरोप लगते रहे हैं.

भोपाल। मैग्नीफिसेंट एमपी के दौरान रियल एस्टेट क्षेत्र को राहत देने की सरकार ने जो घोषणा की थी उसके आदेश जारी कर दिए हैं. अब बिल्डरों को बंधक रखे प्लॉटों पर भवन निर्माण की अनुमति मिलेगी.
इसके तहत प्रदेश के रियल एस्टेट क्षेत्र में तेजी लाने और बिल्डरों को राहत देने के लिए अब रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र 5 साल के लिए दिया जाएगा. अभी तक बिल्डरों को कॉलोनाइजिंग लाइसेंस सिर्फ एक साल के लिए मिलता था.

मिलेगी भवन निर्माण की अनुमति
बिल्डरों को राहत देने नियमों में किए गए बदलावों पर नगरीय विकास एवं आवास मंत्री जयवर्धन सिंह का कहना है कि सरकार चाहती है कि मध्यप्रदेश में रियल एस्टेट सेक्टर में ग्रोथ आए और बिल्डर सुचारू तरीके से अपना काम बढ़ा सकें इसलिए मैग्नीफिसेंट एमपी समिट के दौरान सरकार ने जो घोषणा की थी उसके आदेश जारी कर दिए गए हैं. नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने मध्य प्रदेश नगर पालिका निगम अधिनियम में संशोधन करते हुए इसका नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. नियम में यह हुए संशोधन-
  • अब बिल्डर या डेवलपर को हर साल कॉलोनाइजिंग लाइसेंस लेने के स्थान पर 5 साल में इसका नवीनीकरण कराना होगा.
  • बंधक प्लॉट विकास कार्य के लिए भी मुक्त होते जाएंगे अभी तक पूरा विकास कार्य होने के बाद ही बंधक प्लॉट छोड़े जाने के नियम है लेकिन नियमों में परिवर्तन के बाद अब जैसे-जैसे विकास कार्य कॉलोनी में होते जाएंगे उसके प्रतिशत के हिसाब से बंधक रखे गए प्लॉट मुक्त होते जाएंगे जिस पर बिल्डर को निर्माण की अनुमति भी मिलेगी.
  • 10 लाख से ज्यादा की आबादी वाले इंदौर भोपाल जैसे शहरों में अभी प्रति हेक्टेयर पांच लाख की राशि जमा कराई जाती थी अब इसे घटाकर ढाई लाख रुपए कर दिया गया है. इसी तरह 5 से 10 लाख की आबादी में एक लाख और 5 लाख से कम आबादी वाले निकाय में यह मात्र ₹35000 प्रति हेक्टेयर होगी.
  • अधिकारी बिल्डर या कॉलोनाइजर को बार बार चक्कर ना लगवाए इसके लिए कॉलोनाइजर जैसे ही विकास कार्य पूरा होने की सूचना देगा संबंधित अधिकारी 15 दिन में निरीक्षण कर कंपलीशन सर्टिफिकेट जारी करेगा.
  • कंप्लीशन सर्टिफिकेट मिलने की तारीख से ही संबंधित कॉलोनी के मेंटेनेंस का अधिकार रहवासी कल्याण समिति को अंतरित किया जाएगा.
  • कॉलोनाइजर जिनकी कॉलोनी 2 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र की है उन्हें अब तीन चरणों में विकास अनुजा मिलेगी यदि वह कुछ ब्लॉग बनाना चाहता है तो वह अनुमति लेकर बना सकेगा जरूरी नहीं होगा कि वह 2 हेक्टेयर से ज्यादा क्षेत्र में एक साथ विकास कार्य शुरू करें इससे बिल्डर टुकड़ों में प्रोजेक्ट ला सकेंगे.
  • बिल्डर का रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से ही हो जाएगा जब तक यह सुविधा शुरू नहीं होगी तब तक ऑफलाइन आवेदन भी वैध होंगे अभी ऑफलाइन सुविधा में लेनदेन सहित कई तरह के आरोप लगते रहे हैं.
Intro:भोपाल। बिल्डर को बंधक रखे प्लॉटों पर अब भवन निर्माण की अनुमति मिलेगी। मैग्नीफिसेंट एमपी के दौरान रियल एस्टेट क्षेत्र को राहत देने की सरकार ने जो घोषणा की थी उसके आदेश जारी कर दिए हैं। इसके तहत प्रदेश के रियल एस्टेट क्षेत्र मैं तेजी लाने और बिल्डरों को राहत देने के लिए अब रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र 5 साल के लिए दिया जाएगा। अभी तक बिल्डरों को कॉलोनाइजिंग लाइसेंस सिर्फ 1 साल के लिए मिलता था।


Body:नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने मध्य प्रदेश नगर पालिका निगम अधिनियम में संशोधन करते हुए इसका नोटिफिकेशन जारी कर दिया है।

नियम में यह हुए संशोधन-
- अब बिल्डर या डेवलपर को हर साल कॉलोनाइजिंग लाइसेंस लेने के स्थान पर 5 साल में इसका नवीनीकरण कराना होगा।
- बंधक प्लॉट विकास कार्य के लिए भी मुक्त होते जाएंगे अभी तक पूरा विकास कार्य होने के बाद ही बंधक प्लॉट छोड़े जाने के नियम है लेकिन नियमों में परिवर्तन के बाद अब जैसे-जैसे विकास कार्य कॉलोनी में होते जाएंगे उसके प्रतिशत के हिसाब से बंधक रखे गए प्लॉट मुक्त होते जाएंगे जिस पर बिल्डर को निर्माण की अनुमति भी मिलेगी।
- 10 लाख से ज्यादा की आबादी वाले इंदौर भोपाल जैसे शहरों में अभी प्रति हेक्टेयर 500000 की राशि जमा कराई जाती थी अब इसे घटाकर ढाई लाख रुपए कर दिया गया है इसी तरह 5 से 10 लाख की आबादी में एक लाख और 5 लाख से कम आबादी वाले निकाय में यह मात्र ₹35000 प्रति हेक्टेयर होगी।
- अधिकारी बिल्डर या कॉलोनाइजर को बार बार चक्कर ना लगवाए इसके लिए कॉलोनाइजर जैसे ही विकास कार्य पूरा होने की सूचना देगा संबंधित अधिकारी 15 दिन में निरीक्षण कर कंपलीशन सर्टिफिकेट जारी करेगा।
- कंपलीशन सर्टिफिकेट मिलने की तारीख से ही संबंधित कॉलोनी के मेंटेनेंस का अधिकार रहवासी कल्याण समिति को अंतरित किया जाएगा।
- कॉलोनाइजर जिनकी कॉलोनी 2 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र की है उन्हें अब तीन चरणों में विकास अनुजा मिलेगी यदि वह कुछ ब्लॉग बनाना चाहता है तो वह अनुमति लेकर बना सकेगा जरूरी नहीं होगा कि वह 2 हेक्टेयर से ज्यादा क्षेत्र में एक साथ विकास कार्य शुरू करें इससे बिल्डर टुकड़ों में प्रोजेक्ट ला सकेंगे।
- बिल्डर का रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से ही हो जाएगा जब तक यह सुविधा शुरू नहीं होगी तब तक ऑफलाइन आवेदन भी वैध होंगे अभी ऑफलाइन सुविधा में लेनदेन सहित कई तरह के आरोप लगते रहे हैं।

बिल्डरों को राहत देने नियमों में किए गए बदलावों पर नगरीय विकास एवं आवास मंत्री जयवर्धन सिंह का कहना है कि सरकार चाहती है कि मध्यप्रदेश में रियल एस्टेट सेक्टर में ग्रोथ आए और बिल्डर सुचारू तरीके से अपना काम बढ़ा सकें इसलिए मैग्नीफिसेंट एमपी समिट के दौरान सरकार ने जो घोषणा की थी उसके आदेश जारी कर दिए गए हैं।


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