भोपाल। होम आइसोलेशन में घर पर रह रहे कोरोना संदिग्धों और कोरोना संक्रमितों को लेकर सरकार ने नई गाइडलाइन जारी की है. नई गाइडलाइन के तहत रिपोर्ट आने के बाद से ही मरीजों को घर पर इलाज करना होगा. होम क्वारंटाइन रहने वाले व्यक्ति और उसकी देखभाल करने वालों का पहला दायित्व है. इसके साथ ही लक्षण दिखने पर होम आइसोलेशन में रहने वाले कोरोना संक्रमित व्यक्ति तत्काल मोबाईल मेडिकल यूनिट के डॉक्टर या 104 पर चिकित्सा सहायता को सम्पर्क करें.
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ऐसे करें मरीजों की देखभाल
मरीज की देखभाल करने वाला, हमेशा संक्रमित व्यक्ति के कमरे में ट्रिपल लेयर मेडिकल मॉस्क का उपयोग करे. मास्क, मुंह और चेहरे को छूने से बचा जाए और मास्क के भीगने या गंदा हो जाने पर तत्काल बदला जाए. संक्रमित व्यक्ति के सम्पर्क में आने या उपयोग की हुई सतहों के सम्पर्क में आने पर साबुन से हाथ धोया जाए. भोजन पकाते समय, खाने के पहले और शौचालय के उपयोग के बाद साबुन पानी से न्यूनतम 40 सेकेण्ड तक हाथ धोया जाए. अल्कोहल युक्त सैनेटाइजर से साफ किया जाए. संक्रमित व्यक्ति से सम्पर्क के दौरान दस्ताने का उपयोग किया जाए. संक्रमित वस्तुओं जैसे बर्तन, तौलिया, चादर आदि को सीधे छूने से बचा जाए और इस दौरान ग्लब्स का उपयोग किया जाए. ग्लब्स उतारने के बाद हाथ अच्छे से धोकर साफ टिशू तौलिये से पोछा जाए. कोई भी लक्षण होने पर नियत सर्वेलेंस चिकित्सा अधिकारी को सूचित किया जाए.
होम आइसोलेशन अवधि की समाप्ति
होम आइसोलेशन में रहने वालों की निगेटिव रिपोर्ट आनेे के 10 दिन बाद डिस्चार्ज किया जाए, साथ ही बुखार आने पर 3 दिन बाद ही घर से निकलने की बात कही गई है. इसके साथ ही सर्वेलेंस चिकित्सा अधिकारी होम आइसोलेशन की समाप्ति का लिखित प्रमाण-पत्र दें.