भोपाल। प्रदेश के अस्पतालों में अब मरीज को इलाज की व्यवस्था के बावजूद रेफर किया तो डॉक्टर पर कार्रवाई की जाएगी. मरीजों को रेफर करने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने नई गाइडलाइन जारी की है. सरकारी अस्पतालों में व्यवस्था होने के बावजूद मरीज को रेफर करने के मामले में स्वास्थ्य विभाग ने अब सख्ती दिखाई है. बिना वाजिब कारण के मरीज को रेफर किया जाता है तो डॉक्टर पर कार्रवाई की जाएगी.
स्वास्थ्य विभाग ने मरीजों को रेफर करने की नई गाइडलाइन जारी की है जिसके तहत अगर मरीज को रेफर करने की जरूरत भी पड़ती है तो मरीज के साथ अस्पताल का एक स्टाफ ही रहेगा. स्वास्थ्य विभाग ने इसके लिए सख्त गाइडलाइन तैयार की है. मरीजों को छोटे अस्पताल से जिला अस्पताल और वहां से मेडिकल कॉलेजों में रेफर करना आसान नहीं होगा. अब मरीजों को दूसरे अस्पताल भेजने से पहले ड्यूटी डॉक्टर को रेफर करने का वाजिब कारण बताना होगा. इलाज की व्यवस्था होने के बावजूद अगर मरीजों को रेफर किया जाएगा, तो अस्पताल में डॉक्टर पर कार्यवाही की जाएगी.
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रेफर की स्थिति में अस्पताल का स्टाफ होगा मरीज के साथ
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अपर संचालक संतोष शुक्ल ने बताया कि लगातार ऐसी शिकायतें मिल रही है कि छोटे अस्पताल व्यवस्थाएं होने के बावजूद मरीजों को बड़े अस्पताल में रेफर कर देते हैं. ऐसे में कई बार अस्पतालों के बीच भटकते मरीजों की हालत बिगड़ जाती है, कुछ मरीज इस दरमियान दम भी तोड़ देते हैं. डॉक्टर संतोष शुक्ल ने बताया कि अब रेफर से पहले अस्पताल को फोन करके मरीज की स्थिति की जानकारी देनी होगी. इस जिससे अस्पताल का पता लगाया जा सकेगा कि कौन मरीज किस स्थिति में है ऐसे में उसके आने से पहले ही अस्पताल में पूरी व्यवस्था हो सकेगी साथ ही उसके साथ अस्पताल का एक स्टाफ भी मौजूद रहेगा
प्रदेश में ऐसे कई अस्पताल है. जहां मरीजों को इलाज के पहले ही रेफर कर दिया जाता है. ऐसे में इलाज के अभाव में मरीजों की मौत हो जाती है. इसको देखते हुए स्वास्थ विभाग ने रेफर के लिए नए नियम लागू किये है. हालांकि अब देखने वाली बात होगी कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से रेफर करने को लेकर तैयार की गई है. इस गाइडलाइन के बाद प्रदेश में इन मामलों में कितनी कमी आएगी.