भोपाल। नवाब हमीदुल्लाह खान के संपत्ति का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. अपर कमिश्नर कोर्ट ने भोपाल नवाब की चिकलोद और करीब 8 गांव की 1800 एकड़ से ज्यादा जमीन को सीलिंग की जमीन प्रस्तावित कर दी है. अपर आयुक्त एचएस मीणा ने सभी पक्षकारों और नवाब के परिवार को 25 अगस्त तक दावे आपत्तियां पेश करने के निर्देश दिए हैं. उधर नवाब परिवार के वकील के मुताबिक कोर्ट का ये आदेश ही अवैध है और जल्द ही इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी जाएगी.
पूरा मामला करीब 2 साल पहले शुरू हुआ था. 2 साल पहले भोपाल, सीहोर, रायसेन जिले की करीब 4000 एकड़ जमीन के नामांतरण का मामला सामने आया था. इस दौरान तत्कालीन अपर आयुक्त राजेश जैन ने इसे स्वप्रेरणा निगरानी में लेते हुए भोपाल नवाब की निजी 133 प्रॉपर्टी को छोड़कर सबको इस दायरे में ले लिया था, लेकिन कुछ जमीनें सरकार के रिकॉर्ड में दर्ज नहीं हो पाई थी. इसमें भोपाल की जमीन भी शामिल है. जिसके चलते नवाब की चिकलोद सहित 8 गांव की 1800 एकड़ जमीन को सीलिंग एक्ट के दायरे में लिया गया. इसके तहत अपर आयुक्त एचएस मीणा ने नोटिस जारी कर 20 जुलाई को नवाब पटौदी के पारिवारिक वारिस शर्मिला टैगोर, सैफ अली खान, सोहा और सबा के साथ पटौदी की दो बहनों और उनके बच्चों को अपना पक्ष रखने के लिए कहा था.
नोटिस का जवाब नवाब पटौदी के वारिसों के वकील ने प्रस्तुत करते हुए कहा था कि मामले में मई 2019 में बहस हो चुकी है, लेकिन वकीलों की आपत्तियों को खारिज करते हुए कोर्ट ने जमीन को सीलिंग की जमीन मानते हुए प्रारंभिक आदेश जारी कर दिए थे. इस मामले में 25 अगस्त तक दावे आपत्तियां बुलाई गई है. उधर प्रतिवादी पक्ष के वकील टीपी विश्वकर्मा के मुताबिक कोर्ट द्वारा जो प्रारंभिक आदेश जारी किया गया है, वह अवैध है, इसको लेकर जल्द ही हाईकोर्ट में अपील दायर करने की बात कही है.