भोपाल। भोपाल सेंट्रल जेल में बंद सिमी बंदियों का राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (NHRC) ने संज्ञान लेते हुए, प्रदेश के मुख्य सचिव और जेल आईजी को 4 सप्ताह में जवाब देने के निर्देश दिए हैं. भोपाल केंद्रीय कारागार में बंद सिमी के कुछ संदिग्धों के परिवारों के सदस्यों ने राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग में शिकायत की थी. जिसमें उनके द्वारा आरोप लगाया गया है कि, 'सालों पहले मुठभेड़ में आठ विचाराधीन कैदियों के मारे जाने के बाद से जेल के अधिकारी जेल में बंद उनके परिजनों का उत्पीड़न कर रहे हैं और पर्याप्त खाना भी उन्हें मुहैया नहीं कराया जा रहा है, जिसकी वजह से उन्हें भारी परेशानियां हो रही हैं, उनकी इन दिक्कतों का संज्ञान लेने वाला जेल में कोई भी नहीं है'.
राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग ने मामले का संज्ञान लेते हुए अपनी जांच टीम को निर्देश दिया है कि, घटनास्थल पर जाकर इसकी जांच की जाए और जल्द से जल्द इसकी रिपोर्ट सौंपी जाए. सिमी बंदियों के आठ रिश्तेदारों और कुछ गैर सरकारी संगठनों के सदस्यों के एक प्रतिनिधिमंडल ने हाल ही में राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग को ज्ञापन सौंपकर हस्तक्षेप करने की मांग की थी. आयोग के द्वारा जानकारी दी गई है कि, नगमा बी और 9 अन्य लोगों ने ज्ञापन दिया है, जिसमें अधिकतर मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले के रहने वाले हैं, वो 21 विचाराधीन कैदियों के रिश्तेदार हैं, जो भोपाल की सेंट्रल जेल में बंद हैं. आयोग मामले पर गहनता से विचार कर रहा है. इस संबंध में मुख्य सचिव और जेल आईजी से जवाब मांगा गया है और इसकी जांच भी करवाई जा रही है.
कुछ दिनों पहले ही सेंट्रल जेल में बंद सिमी बंदियों के परिजनों के द्वारा भोपाल स्थित राज्य मानव अधिकार आयोग कार्यालय में भी शिकायत की गई थी. इसके बाद परिजनों ने दिल्ली जाकर राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग में भी शिकायत की. हालांकि राज्य मानवाधिकार आयोग में शिकायत के बाद आयोग के द्वारा इस संबंध में मुख्य सचिव से जवाब तलब किया गया है.