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नासा ने खोजा 1000वां छुद्रग्रह, पृथ्वी से सिर्फ 17 लाख किमी की दूरी से गुजरा एस्टेरोइड - Science News

हाल ही में नासा की जेट प्रणोदन प्रयोगशाला (Jet Propulsion Laboratory) ने धरती के निकट 1000वां एस्टेरोइड का पता लगाया है. यह धरती से 17 लाख किमी दूरी से गुजर गया है. छुद्रग्रह इतनी तेजी से गुजरा की रडार भी उसकी ज्यादा जानकारी हासिल नहीं कर सकी.

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एस्टेरोइड
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Published : Sep 6, 2021, 2:27 PM IST

हैदराबाद। नासा अपनी सैटेलाइट (Nasa Satellite) के जरिए पृथ्वी के निकटवर्ती नए एस्टेरोइड को खोजता रहता है. अब तक नासा 2600 एस्टेरोइडों की खोज कर चुका है, जिनमें से 1000 को सबसे ज्यादा खतरनाक बताया है. हाल ही में नासा की जेट प्रणोदन प्रयोगशाला (Jet Propulsion Laboratory) ने धरती के निकट 1000वें छुद्रग्रह का पता लगाया है. यह धरती से 17 लाख किमी दूरी से गुजरा है.

रडार भी नहीं बता सका साइज और गति
नासा ने इसका नाम PJ1 2021 रखा है. एस्टेरोइड इतना छोटा था कि रडार को इसके सही आकार और गति को पहचानने में काफी कठिनाई हुई. फिर भी रडार के प्रारंभिक अवलोकन के मुताबिक यह 65-100 फीट चौड़ा हो सकता है. इससे पृथ्वी को खतरा नहीं है.

इतना छोटे होने के बावजूद एस्टेरोइड इतिहास के पन्नों में अपना नाम दर्ज करा गया. इसके सात दिन बाद जेट प्रणोदन प्रयोगशाला (JPL) ने 1001वां एस्टेरोइड का पता लगाया था. यह पहले वाले छुद्रग्रह की तुलना में बड़ा था, जो धरती से 34 लाख किमी की दूरी से गुजरा.

पृथ्वी की ओर बढ़ रहा है सबसे बड़ा उल्कापिंड, तबाही का दिन और तारीख तय

नासा के रडार रिसर्च प्रोग्राम का नेतृत्व कर रहे लांस बेनर ने बताया कि PJ1 2021 जब पृथ्वी से लाखों किमी दूरी से गुजरा तो रडार उसकी एक काल्पनिक तस्वीर ही ले सकी. जबकि इतनी दूरी पर हमारी रडार किसी भी Object का पता लगाने में समृद्ध है. रडार किसी भी एस्टेरोइड का साइज, आकार, घुर्णन गति के बारे में बता सकती है. इसके बावजूद हमें ज्यादा जानकारी नहीं मिल सकी.

हैदराबाद। नासा अपनी सैटेलाइट (Nasa Satellite) के जरिए पृथ्वी के निकटवर्ती नए एस्टेरोइड को खोजता रहता है. अब तक नासा 2600 एस्टेरोइडों की खोज कर चुका है, जिनमें से 1000 को सबसे ज्यादा खतरनाक बताया है. हाल ही में नासा की जेट प्रणोदन प्रयोगशाला (Jet Propulsion Laboratory) ने धरती के निकट 1000वें छुद्रग्रह का पता लगाया है. यह धरती से 17 लाख किमी दूरी से गुजरा है.

रडार भी नहीं बता सका साइज और गति
नासा ने इसका नाम PJ1 2021 रखा है. एस्टेरोइड इतना छोटा था कि रडार को इसके सही आकार और गति को पहचानने में काफी कठिनाई हुई. फिर भी रडार के प्रारंभिक अवलोकन के मुताबिक यह 65-100 फीट चौड़ा हो सकता है. इससे पृथ्वी को खतरा नहीं है.

इतना छोटे होने के बावजूद एस्टेरोइड इतिहास के पन्नों में अपना नाम दर्ज करा गया. इसके सात दिन बाद जेट प्रणोदन प्रयोगशाला (JPL) ने 1001वां एस्टेरोइड का पता लगाया था. यह पहले वाले छुद्रग्रह की तुलना में बड़ा था, जो धरती से 34 लाख किमी की दूरी से गुजरा.

पृथ्वी की ओर बढ़ रहा है सबसे बड़ा उल्कापिंड, तबाही का दिन और तारीख तय

नासा के रडार रिसर्च प्रोग्राम का नेतृत्व कर रहे लांस बेनर ने बताया कि PJ1 2021 जब पृथ्वी से लाखों किमी दूरी से गुजरा तो रडार उसकी एक काल्पनिक तस्वीर ही ले सकी. जबकि इतनी दूरी पर हमारी रडार किसी भी Object का पता लगाने में समृद्ध है. रडार किसी भी एस्टेरोइड का साइज, आकार, घुर्णन गति के बारे में बता सकती है. इसके बावजूद हमें ज्यादा जानकारी नहीं मिल सकी.

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